Tuesday, April 15, 2025
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कल 12 अप्रैल को है चैत्र पूर्णिमा और हनुमान जयंती 100 साल बाद पड़ रहा है शुभ सहयोग

कल 12 अप्रैल चैत्र माह की पूर्णिमा है । चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु मां लक्ष्मी और चंद्र देवता की पूजा की जाती है। कल शनिवार है वैसे तो कल हनुमान जयंती का पर्व है जिसे हिंदू धर्म में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है कहा जाता है कि चैत पूर्णिमा के दिन ही हनुमान जी का जन्म हुआ था। इस बार हनुमान जयंती शनिवार को पड़ रही है जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है। मंगलवार और शनिवार के दिन को भगवान हनुमान का ही दिन माना जाता है। शनिवार के दिन हनुमान जी की भक्ति करने से शनि ग्रह की पीड़ा से शांति मिलती है और कर्ज मुक्ति मिलती है। इस दिन सुंदरकांड का पाठ करना रामायण का पाठ करना हनुमान चालीसा बजरंग बाण और हनुमान अष्टक का पाठ करना अत्यंत शुभ होता है। माना जाता है कि शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि ग्रह के अशुभ फल शुभ फलों में परिवर्तित हो जाते हैं।

तुलसी पूजा के समय क्या रखें सावधानियां

चैत्र पूर्णिमा के दिन तुलसी मां की पूजा करना विशेष फलदाई होता है। पूर्णिमा के दिन तुलसी दल नहीं तोड़े जाते। सूर्यास्त के बाद तुलसी पर जल नहीं चढ़ाया जाता। स्त्रीयों को खुले बालों से तुलसी मां पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए।

कल बन रहा है पांच ग्रह योग

कल हनुमान जयंती विशेष इसलिए है क्योंकि कल पांच ग्रहों का सहयोग बना रहा है इसे अत्यंत शुभ कहां जा रहा है बताया जा रहा है कि इससे पहले यह संयोग 57 वर्ष पूर्व 1968 में बना था। इस बार हनुमान जयंती के अवसर पर हस्त नक्षत्र में मीन राशि है इसके अलावा सूर्य, शनि, राहू तीनों मिलकर त्रियोग बना रहे हैं। शुक्र और बुध का सहयोग भी एक शुभ सहयोग बना रहा है। यह सारे ग्रह आपस में मिलकर धार्मिक व आध्यात्मिक उन्नति के लिए शुभ संयोग बना रहे हैं। इस बार हनुमान जयंती पर 100 साल बाद शुभ सहयोग बनने वाले हैं। इस साल हनुमान जयंती मिथुन राशि के जातकों के लिए बहुत शुभ है कर्क राशि के जातकों के लिए भी हनुमान जयंती बेहतर परिणाम लेकर आएगी।

कैसे करें हनुमान जी की पूजा हनुमान जयंती के अवसर पर

सुबह उठकर नित्य कर्म करने के बाद स्नान करें। अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो यह अति शुभ होता है। जो व्यक्ति किसी मनोरथ की इच्छा से ब्रह्म मुहूर्त में सुबह उठकर हनुमान चालीसा का 108 बार जप करता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती है। स्नान करने के बाद लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करें।सूर्य को जल अर्पण करें। सूर्य को जल अर्पण करने के बाद भगवान श्री राम का रक्षा स्त्रोत पढे, हनुमान जी भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हैं। भगवान राम को प्रसन्न करने से हनुमान जी स्वतः प्रसन्न हो जाते हैं। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए सबसे पहले भगवान राम का ध्यान करें भगवान राम के श्री रामचंद्र कृपालु भजमन मंत्र का जाप करें राम नाम के 108 बार जप करें।भगवान राम की आरती करें। हनुमान जी को लाल रंग के फूल समर्पित करें।

शाम के समय पूजा में क्या करें

शाम के समय अगर हो सके तो मंदिर अवश्य जाएं हनुमान जी को लाल सिंदूर का चोला चढ़ाएं चमेली का तेल अर्पित करें। हनुमान जी को तुलसी दल और लड्डू का भोग लगाए। हनुमान जी को तुलसी दल अति प्रिय होता है। शाम के समय सुंदरकांड का पाठ करें हनुमान चालीसा का हो सके तो 11 बार पाठ करें। हनुमान अष्टक का आठ बार पाठ करने से और बजरंग बाण का 9 बार पाठ करने से आपके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।

हनुमान जयंती पर पूजा का शुभ मुहूर्त

हनुमान जयंती पर कल पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 11:30 बजे से 12:30 बजे के बीच रहेगा इस समय हनुमान जी को चोला चढ़ाएं लड्डू और तुलसी दल का भोग लगे और हनुमान चालीसा बजरंग बली और हनुमान अष्टक का पाठ करें।

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