केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अब दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच के लिए मनोवैज्ञानिक शव परीक्षा का सहारा लेगा। इसके जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि उनकी मौत से पहले सुशांत सिंह राजपूत के दिमाग में क्या चल रहा था।
इसमें सुशांत की मानसिक स्थिति जानने की कोशिश की जाएगी, ताकि मौत के पीछे के कई सवालों के जवाब मिल सकें। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी की मौत के रहस्य को सुलझाने के लिए साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, हत्या या आत्महत्या के मामले को सुलझाने में इस जांच की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसमें व्यक्ति के मरने से पहले मन की स्थिति का निर्धारण किया जाता है। मनोवैज्ञानिक शव परीक्षण ज्यादातर आत्महत्या के मामलों में उपयोग किया जाता है।
इसके माध्यम से, हाल ही में उन व्यक्तियों या व्यक्तियों के सामने घटनाओं का अध्ययन किया जाता है, जिन्होंने मरने के लिए आत्महत्या कर ली है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मृत शरीर, यानी मृत शरीर शोष परीक्षण किया जाता है। लेकिन जहां तक मनोवैज्ञानिक ऑटोप्सी का सवाल है, यह ज्यादातर आत्महत्या के मामलों में मददगार है।
इसके माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि मरने वाले व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक श्रृंगार क्या था। उसका सोचने का तरीका क्या था? मरने से कुछ दिन पहले उसने क्या किया था? यह कैसा था? ऐसे सभी सवालों के जवाब जानने का प्रयास किया जाता है।