किसी के बारे में निश्चित तौर पर ये बता पाना काफी मुश्किल होता है कि उसकी मृत्यु कब होगी. हालांकि, शरीर मौत के कुछ समय पहले से ही संकेत देना शुरू कर देता है. अगर किसी के शरीर में हो रहे बदलावों को ध्यान से देखकर लक्षणों को पहचाना जाए तो ये पता चल सकता है कि उसकी मौत होने वाली है. जिस व्यक्ति की मौत होने वाली होती है, उसके शरीर, त्वचा, आंखों और श्वसन तंत्र में तेजी से बदलाव होता है. इनमें कुछ इतने स्पष्ट होते हैं कि ध्यान से देखने पर आसानी से पता चल जाता है कि उसकी मौत होने वाली है. हालांकि, फिर भी ये बताना करीब-करीब नामुमकिन होता है कि मृत्यु कब होगी?
अगर किसी व्यक्ति की मौत होने वाली है तो वो अपनी आंखों को बार-बार ज्यादा समय के लिए बंद करने लगते हैं. वहीं, कई बार उनकी आंखें आधी ही खुली रहती हैं. इसके अलावा ऐसे व्यक्ति के चेहरे की मांसपेशियां काफी रिलेक्स नजर आती हैं. साथ ही उसका जबड़ा ज्यादातर समय हल्का खुला रहता है. मरने वाले व्यक्ति की त्वचा धीरे-धीरे पीली पड़नी शुरू हो जाती है. सांसों के चलने की रफ्तार बदल जाती हैं. वहीं, ऐसे लोग सांस लेते समय ज्यादा आवाज करने लगते हैं. हालांकि, कुछ लोगों में इसके उलट बिना आवाज की धीमी सांस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.
1. नाभि चक्र में गतिविधी
ज्योतिषाचार्यों और पुराणों के अनुसार मृत्यु का समय करीब आने पर सबसे पहले नाभि चक्र में गतिविधियां शुरु हो जाती हैं। नाभि चक्र यानी मणिपुर ध्यान चक्र टूटने लगता है। नाभि शरीर का केन्द्र स्थान माना जाता है जहां से जन्मकाल में शरीर की रचना शुरू होती है। सबसे पहले प्राण इसी स्थान से शरीर से अलग होना शुरू होता है, इसलिए मृत्यु के करीब आने की पहली आहट को नाभि चक्र के पास महसूस होता है।
2. मरने से पहले मिलते हैं ऐसे संकेत
शिव पुराण के अनुसार मृत्यु के कुछ महीने पहले अगर आंखे, मुंह, जीभ, कान और नाक पत्थर के जैसा महसूस होने लगे, तो यह तो यह मौत के नजदीक आने का संकेत होता है। शिवपुराण में भगवान शिव के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति का शरीर नीला या पीला पड़ जाए या फिर उसके शरीर पर ढेर सारे लाल निशान दिखाई देने लगें तो यह इस ओर इशारा करता है कि व्यक्ति की मौत नजदीक है।
3. नहीं दिखती है परछाई
आपने अक्सर सुना होगा कि मृत्यु से पहले इंसान के शरीर की परछाई नहीं दिखती है। जैसा की हम जानते हैं कि मनुष्य की परछाई हमेशा साथ चलती है। मगर समुद्रशास्त्र और सूर्य अरुण संवाद के अनुसार जब व्यक्ति की आत्मा उसे छोड़कर जाने की तैयारी करने लगती है तो इंसान की परछाई भी साथ छोड़ देती है। अब ऐसा नहीं है कि उस समय व्यक्ति की परछाई नहीं बनती है। दरअसल, परछाई तो उस समय भी बनती है लेकिन व्यक्ति की दृष्टि अपनी परछाई को देख नहीं पाती है क्योंकि आंखों में परछाई देखने की ताकत कम हो जाती है।
4. देखने में समस्या होना
जब कोई व्यक्ति चंद्रमा, सूर्य और अग्नि के प्रकाश को देखने में असमर्थता महसूस करने लगे तो ये संकेत है कि जीवन के उसके पास कुछ क्षण ही शेष हैं। कहते हैं मृत्यु से कुछ समय पूर्व पहले व्यक्ति को ध्रुव तारा या सूर्य दिखना बंद हो जाता है साथ ही रात में इंद्रधनुष दिखाई देने लगता है।