अबू आज़मी की विवादित टिप्पणी पर भाजपा नेताओं का विरोध
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी और महाराष्ट्र के प्रमुख नेताओं ने समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी की मुग़ल शासक औरंगज़ेब पर की गई टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है। यह विवाद राजनीतिक हलकों में हलचल मचा चुका है, जिसमें इतिहास के गलत प्रस्तुतिकरण और एक क्रूर शासक के महिमामंडन के आरोप लगाए जा रहे हैं। शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के की शिकायत के आधार पर महाराष्ट्र पुलिस ने आज़मी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
त्रिवेदी ने औरंगजेब की प्रशंसा पर उठाए सवाल
#WATCH | Delhi | On Samajwadi Party leader and Maharashtra MLA Abu Azmi’s remarks about Aurangzeb, BJP MP Sudhanshu Trivedi says, “… I want to say three things… On April 6, 1669, Aurangzeb ordered the demolition of Hindu temples and then on September 2, 1669, his order was… pic.twitter.com/qGIKwo35i9
— ANI (@ANI) March 4, 2025
मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए, त्रिवेदी ने आज़मी की टिप्पणी पर नाराज़गी जताई और किसी ऐसे शासक के गुणगान को अनुचित बताया, जिसने अपने ही परिवार को धोखा दिया और लोगों पर अत्याचार किए। ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करते हुए, त्रिवेदी ने 6 अप्रैल 1669 को औरंगज़ेब द्वारा हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने के आदेश का उल्लेख किया और सवाल किया, “ऐसे शासक की प्रशंसा क्यों की जा रही है? क्या यह छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत और छत्रपति संभाजी महाराज के बलिदान का क्रूर उपहास नहीं है?”
भाजपा नेता ने औरंगजेब के अपने परिवार के प्रति किए गए क्रूर व्यवहार की भी आलोचना करते हुए कहा, “जो व्यक्ति अपने ही भाइयों की हत्या कर दे और अपने पिता को जेल में डाल दे, उसे महिमामंडित करने का क्या औचित्य है?” उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों द्वारा मुग़लों के महिमामंडन की होड़ पर तंज कसते हुए कहा, “ये तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल मुग़लों की स्तुति की अंधी दौड़ में ‘पागल-ए-आजम’ बनने की ओर अग्रसर हैं। आज के भारत में औरंगज़ेब का क्या स्थान है? समाजवादी पार्टी और कांग्रेस देश में नफरत के बीज क्यों बो रही हैं?”
महाराष्ट्र के नेताओं ने की कठोर कार्रवाई की मांग
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए आज़मी के बयान को “गंभीर रूप से अपमानजनक और अस्वीकार्य” बताया। उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज पर औरंगज़ेब द्वारा किए गए अमानवीय अत्याचारों की याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें 40 दिनों तक यातनाएँ दी गई थीं और फिर क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई थी। “ऐसे अत्याचारी को ‘अच्छा’ कहना सबसे बड़ा पाप है,” शिंदे ने कहा और अबू आज़मी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और आज़मी पर राजद्रोह के तहत मुकदमा चलाने की सिफारिश की है।
अबू आज़मी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
महाराष्ट्र पुलिस ने अबू आज़मी के खिलाफ भारत न्याय संहिता (बीएनएस) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन में दर्ज इस केस में बीएनएस की धाराएँ 299, 302, 356(1), और 356(2) लगाई गई हैं। यह मामला शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के की आधिकारिक शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया है।
जैसे-जैसे यह विवाद गहराता जा रहा है, आज़मी के लिए राजनीतिक और कानूनी संकट बढ़ता जा रहा है। जवकि , इस घटना ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि ऐतिहासिक घटनाओं की व्याख्या और उनका स्थान आज की राजनीति में कितना प्रासंगिक है।