आज के डिजिटल युग में, सोशल मीडिया रील्स हमारी दैनिक दिनचर्या का एक अहम हिस्सा बन गई हैं, खासकर युवा और मध्य आयु वर्ग के लोगों के बीच। हालांकि, हाल ही में किए गए एक शोध ने यह चौंकाने वाली जानकारी दी है कि इन छोटे, आकर्षक वीडियो को ज्यादा समय तक देखने से उच्च रक्तचाप और हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ सकता है। यदि आप सोने से पहले रील्स देखने की आदत रखते हैं, तो इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप अपनी रात की दिनचर्या पर फिर से विचार करेंगे।
रील्स और उच्च रक्तचाप के बीच खतरनाक संबंध
चीन में किए गए एक अध्ययन में 4,318 युवा और मध्य आयु वर्ग के लोगों पर शोध किया गया, और इसने यह साबित किया कि सोशल मीडिया रील्स देखने से उच्च रक्तचाप और हाइपरटेंशन का खतरा बढ़ता है। BMC जर्नल में प्रकाशित इस शोध के निष्कर्षों के अनुसार, जितना ज्यादा समय प्रतिभागी रील्स देखने में बिताते थे, उतना ही अधिक वे उच्च रक्तचाप और हाइपरटेंशन के शिकार होते थे।
बैंगलोर के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कृष्णमूर्ति ने इस शोध के परिणामों को साझा किया, जिससे यह बात तेजी से लोगों के बीच फैल गई। यह शोध खासकर सोने से पहले रील्स देखने और हाइपरटेंशन के बीच संबंध पर केंद्रित था।
सोने से पहले रील्स देखने से हाइपरटेंशन पर प्रभाव
जब हम पारंपरिक स्क्रीन समय की बात करते हैं, तो इसमें टीवी देखना, वीडियो गेम खेलना और कंप्यूटर का उपयोग करना शामिल होता है। लेकिन इस अध्ययन ने खासकर सोने से पहले छोटी वीडियो रील्स देखने पर ध्यान केंद्रित किया है। अन्य मीडिया गतिविधियों की तुलना में, सोने से पहले रील्स देखना एक स्थिर और बैठा हुआ गतिविधि है, जो शारीरिक गतिविधि की कमी को बढ़ावा देता है।
यह शोध यह भी बताता है कि रील्स देखने से संपेथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय हो जाता है, जो शरीर के “फाइट-ऑर-फ्लाइट” प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदार है। यह शारीरिक प्रतिक्रिया हृदय की गति और रक्तचाप को बढ़ा देती है, और समय के साथ यह हाइपरटेंशन के विकास में योगदान कर सकती है।
सोने से पहले रील्स देखना क्यों आपकी सेहत के लिए खतरनाक है?
सोने से पहले रील्स देखने के कई स्वास्थ्य संबंधी नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं:
- नींद का गड़बड़ होना: सोने से पहले तेज़ और उत्तेजक कंटेंट जैसे रील्स देखना शरीर को आराम करने में मुश्किल बना सकता है, जिससे आपकी नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। खराब नींद उच्च रक्तचाप और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है।
- संपेथेटिक नर्वस सिस्टम की सक्रियता: रील्स देखने से जो उत्तेजना और भावनात्मक उथल-पुथल होती है, वह शरीर के संपेथेटिक नर्वस सिस्टम को सक्रिय कर देती है, जिससे हृदय गति और रक्तचाप बढ़ जाता है। यह लंबे समय तक जारी रहने पर हाइपरटेंशन का कारण बन सकता है।
- स्थिर जीवनशैली: सोने से पहले रील्स देखना अक्सर एक स्थिर गतिविधि होती है, जिससे शारीरिक गतिविधि की कमी हो जाती है। स्थिर जीवनशैली उच्च रक्तचाप और अन्य हृदय संबंधी बीमारियों का एक प्रमुख कारण बन सकती है।
रील्स के स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए टिप्स
सोशल मीडिया रील्स की आकर्षण से बचना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ कदम उठाकर आप इसके स्वास्थ्य प्रभावों को कम कर सकते हैं:
- सोने से पहले स्क्रीन समय को सीमित करें: कोशिश करें कि आप सोने से कम से कम 30 मिनट पहले सोशल मीडिया रील्स या अन्य उत्तेजक कंटेंट से बचें। इसके बजाय आप किताब पढ़ने या ध्यान लगाने जैसी आरामदायक गतिविधियाँ कर सकते हैं, जो आपके मन को शांत करने में मदद करेंगी।
- नियमित रूप से व्यायाम करें: अपनी दैनिक दिनचर्या में शारीरिक गतिविधि को शामिल करने से हाइपरटेंशन का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। सप्ताह में कम से कम 30 मिनट मध्यम व्यायाम करें।
- सजग उपभोग करें: दिनभर सोशल मीडिया पर रील्स देखने का समय निर्धारित करें और अपनी उपभोग की आदतों को सीमित करें ताकि आप अधिक उत्तेजक कंटेंट से बच सकें।
- नींद की गुणवत्ता में सुधार करें: एक नियमित और स्वस्थ सोने की दिनचर्या अपनाएं। सोने से पहले स्क्रीन से निकलने वाले नीले प्रकाश से बचें और अपने कमरे को शांत और आरामदायक बनाएं ताकि आप बेहतर नींद ले सकें।
निष्कर्ष: अपनी स्क्रीन आदतों को फिर से सोचें और सेहत का ध्यान रखें
यह शोध स्पष्ट रूप से दिखाता है कि सोने से पहले ज्यादा समय तक रील्स देखना उच्च रक्तचाप और हाइपरटेंशन का कारण बन सकता है। अपनी स्क्रीन आदतों पर ध्यान देकर और अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव करके आप अपनी सेहत की रक्षा कर सकते हैं और दीर्घकालिक हृदय संबंधी समस्याओं से बच सकते हैं। अपनी भलाई को प्राथमिकता दें, स्क्रीन समय को सीमित करें, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
अगर आपको यह पोस्ट उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें ताकि स्क्रीन समय के खतरों और हृदय स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।