कल 20 दिसंबर को पांचवें दिन भी सेंसेक्स में गिरावट का दौर जारी रहा। निफ्टी अपने अधिकतम स्तर से करीब 10% नीचे गिर चुका है। कल दोपहर 2:30 बजे सेंसेक्स में 895 अंकों पर 1.13% की मंदी देखी गई थी। सेंसेक्स कल 78.320 पर बंद हुआ।
निफ्टी में कल 1.2% की गिरावट देखी गई। निफ्टी मे कल 271अंकों पर या 23.680 पर था। यह गिरावट अब तक की सबसे अधिक गिरावट मानी जा रही है। हर सेक्टर खतरे के निशान से नीचे जा चुका है। बाजार में चिंता की लहर है। तो आईये जानते हैं क्या कारण रहे निफ्टी और सेंसेक्स के अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन के
FII की अधिक बिकवाली
दिल्ली में रैलिंगेयर ब्रोकिंग के सीनियर अजीत मिश्रा के अनुसार बाजार में गिरावट का सबसे बड़ा कारण fii की और तेज बिकवाली है। Fii इस हफ्ते अब तक करीब 12.230 करोड़ रुपए की बिकवाली कर चुकी हैं। गुरुवार 19 दिसंबर को उन्होंने 4.224.92 करोड रुपए की बिकवाली की थी। ऐसा fii अक्टूबर में भी कर चुकी है जब Fii ने एक लाख करोड रुपए के शेयर बेचे थे। तब भी सेंसेक्स काफी नीचे आ गया था।
फेडरल रिजर्व के रूख में कड़ा बदलाव
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2025 की शुरुआत में ही मॉनेटरी पॉलिसी पर सख्त अपनाने का संकेत दे दिया है। अजीत मिश्रा ने कहा चारों तरफ के दबाव के कारण चाहे वह मध्य पूर्व क्षेत्र से हो या फिर रूस और यूक्रेन के युद्ध के कारण हो बाजार ब्याज दरों में तीन से चार प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहा था लेकिन अब फेडरल के रुख में बदलाव के कारण हम नहीं कह सकते कि अब ब्याज दरों में कटौती होगी या नहीं।
प्रॉफिट गेनिग/मुनाफा वसूली
मार्केट एक्सपर्ट शेयर बाजार में गिरावट के पीछे एक बड़ी वजह मुनाफा वसूली को मान रहे हैं। फेडरल रिजर्व की पॉलिसी के बाद निवेशकों को बाजार समझ में नहीं आ रहा। फेडरल रिजर्व की रिपोर्ट और 2024 की धीमी रफ्तार से ही लग रहा है कि ब्याज दरों में कटौती संभव नहीं हो पाएगी। ऐसे में निवेशक अपना ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट निकालने की सोच रहे हैं।
रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा
रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत 85.1050 अपने सबसे अधिक निचले स्तर पर पहुंच गई है। कल रुपए में डॉलर के मुकाबले दो प्रतिशत की गिरावट देखी गई। अभी नवंबर में व्यापार में अधिक घाटा होना भी सेंसेक्स में गिरावट का कारण माना जा रहा है।
वित्त विशेषज्ञों का क्या कहना है इस मामले में
वित्त विशेषज्ञों के अनुसार निफ़्टी मिडकैप और स्मॉल कैप इंडेक्स जैसे सेगमेंट में अभी भी कई काउंटर का वैल्यूएशन ऊंचाई पर ही है। ऐसे में निवेशकों को निवेश करते समय अधिक चुनिंदा होने की आवश्यकता है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को कुछ समय बॉटम अप अप्रोच को चुनाव होगा। उन्हें ऐसे स्टॉक को चुनाव करना होगा जिनका वैल्यूएशन काफी अच्छा हो और रेवेन्यू विजिबिलिटी भी अप्रोचेबल हो।
सबसे खराब प्रदर्शन किस सेक्टर का रहा
आईटी सेक्टर सबसे खराब प्रदर्शन आईटी सेक्टर का रहा। जबकि एक्सेंचर के नतीजे अच्छे थे फिर भी आईटी के शेयरों में दो प्रतिशत से अधिक गिरावट दर्ज की गई।