Monday, February 24, 2025
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तेलंगाना सुरंग हादसा: एनडीआरएफ ने पानी निकालने के प्रयास तेज किए | 10 प्रमुख अपडेट

तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में डोमालापेंटा के पास श्रीसैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग के निर्माणाधीन हिस्से की छत का तीन मीटर हिस्सा शनिवार सुबह 14 किमी के निशान पर ढह गया। इस दुर्घटना में आठ मजदूर फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम सुरंग में प्रवेश कर रही है ताकि लगभग 48 घंटों से फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। राज्य के मंत्री जे. कृष्णा राव ने मीडिया को बताया कि मौजूदा परिस्थितियों में मजदूरों के जीवित रहने की संभावनाएं “ज्यादा अच्छी नहीं हैं।” सुरंग के भीतर मलबा अत्यधिक मात्रा में जमा हो गया है, जिससे बचाव दल के लिए रास्ता बनाना कठिन हो गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का उपयोग किया जा रहा है।

तेलंगाना सुरंग हादसे की ताजा स्थिति

  • हादसे से चार दिन पहले ही सुरंग का निर्माण कार्य एक लंबे अंतराल के बाद फिर से शुरू हुआ था।
  • कुछ श्रमिक भागने में सफल रहे, लेकिन आठ मजदूर अब भी सुरंग के भीतर फंसे हुए हैं।

यहां पढ़ें तेलंगाना सुरंग हादसे से जुड़े 10 बड़े अपडेट:

  1. एनडीआरएफ अधिकारियों ने ANI को बताया कि टीम फिलहाल सुरंग के भीतर जमा हुए पानी को बाहर निकालने का प्रयास कर रही है। हालांकि, भारी मलबे के कारण श्रमिकों की सटीक स्थिति का पता नहीं चल पा रहा है।

  2. एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट सुखेंदु दत्ता ने कहा कि बचाव दल अब तक लगभग 13.5 किमी सुरंग के भीतर प्रवेश कर चुका है। उन्होंने बताया, “कल रात 10 बजे हम सुरंग में स्थिति का जायजा लेने गए थे।”

  3. एनडीआरएफ अधिकारियों के अनुसार, टीम ने सुरंग में प्रवेश करने के बाद 13.5 किमी की दूरी तय की। इसमें से 11 किमी ट्रेन द्वारा, जबकि 2 किमी बेल्ट और पैदल चलकर पार किया गया।

  4. सुरंग के अंतिम 200 मीटर हिस्से में भारी मलबा भरा हुआ है, जिससे अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचना बेहद कठिन हो गया है। उनकी सटीक स्थिति का पता लगाना फिलहाल संभव नहीं है।

  5. “हम सुरंग बोरिंग मशीन (TBM) के आखिरी छोर तक पहुंचे। वहां हमने जोर से आवाजें लगाईं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। लगभग 200 मीटर का हिस्सा पूरी तरह से मलबे से भरा हुआ है। जब तक इसे हटाया नहीं जाता, तब तक मजदूरों की सटीक स्थिति का पता लगाना असंभव है,” एनडीआरएफ अधिकारी ने कहा।

  6. बचाव दल को सुरंग के 11 किमी से 13 किमी के बीच जलभराव का सामना करना पड़ा। पानी निकालने के बाद ही फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

  7. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें सुरंग के ढहे हुए हिस्से तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना कर रही हैं। एक अधिकारी ने बताया, “अंदर जाने का कोई रास्ता नहीं है। सुरंग पूरी तरह ध्वस्त हो गई है, और मिट्टी घुटनों तक जमा है। अब हमें वैकल्पिक रास्ते तलाशने होंगे।”

  8. फंसे हुए मजदूरों की पहचान:

    • उत्तर प्रदेश: मनोज कुमार, श्री निवास
    • जम्मू-कश्मीर: सनी सिंह
    • पंजाब: गुरप्रीत सिंह
    • झारखंड: संदीप साहू, जगता एक्सेस, संतोष साहू, अनुज साहू
      इनमें से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर हैं।
  9. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि वे स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने ANI को बताया, “तेलंगाना में फंसे मजदूरों को लेकर मैं वहां के अधिकारियों के संपर्क में हूं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से बातचीत की है। मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड के चार से पांच मजदूर वहां फंसे हुए हैं। मैं स्थिति की निगरानी कर रहा हूं।”

  10. भारतीय सेना का ‘इंजीनियर टास्क फोर्स’ (ETF) राहत कार्य में जुटा

    • सिकंदराबाद स्थित बाइसन डिवीजन की इंजीनियर टास्क फोर्स (ETF) को बचाव अभियान में लगाया गया है।
    • रक्षा विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया, “भारतीय सेना सभी संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर तेजी से बचाव अभियान चला रही है। हमारी प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को जल्द और सुरक्षित बाहर निकालना है।”

इस भयावह दुर्घटना पर पूरा देश नजर बनाए हुए है। बचाव दल की कोशिशें जारी हैं और सभी की उम्मीदें मजदूरों की सुरक्षित वापसी पर टिकी हैं।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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