नई दिल्ली, 9 जनवरी: देश की अग्रणी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने गुरुवार को अपने तीसरी तिमाही के परिणाम जारी करते हुए निवेशकों को खुश करने वाला एक बड़ा ऐलान किया। कंपनी ने ₹10 प्रति शेयर का तीसरा अंतरिम डिविडेंड और ₹66 प्रति शेयर का विशेष डिविडेंड देने का फैसला लिया है। यह कदम टीसीएस की स्थिर आय और मजबूत वित्तीय स्थिति का संकेत देता है।
बोर्ड मीटिंग में ऐतिहासिक निर्णय
टीसीएस के निदेशक मंडल की गुरुवार को हुई बैठक में इस डिविडेंड की घोषणा की गई। कंपनी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को सूचित करते हुए कहा,
“आज आयोजित बोर्ड मीटिंग में, निदेशकों ने ₹1 फेस वैल्यू वाले प्रत्येक इक्विटी शेयर पर ₹10 का तीसरा अंतरिम डिविडेंड और ₹66 का विशेष डिविडेंड घोषित किया है।”
विशेष डिविडेंड का महत्व
विशेष डिविडेंड, जिसे ₹66 प्रति शेयर निर्धारित किया गया है, टीसीएस की अद्वितीय प्रदर्शन और मुनाफे की स्थिरता का प्रमाण है। यह डिविडेंड वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में कंपनी के लाभांश वितरण नीति का हिस्सा है, जो निवेशकों को अधिक लाभ प्रदान करने पर जोर देती है।
डिविडेंड भुगतान और रिकॉर्ड तिथि
कंपनी ने यह भी बताया कि यह डिविडेंड शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 तक कंपनी के रजिस्टर ऑफ मेंबर्स या डिपॉजिटरी रिकॉर्ड में दर्ज शेयरधारकों को दिया जाएगा।
“डिविडेंड का भुगतान सोमवार, 3 फरवरी 2025 को किया जाएगा,” टीसीएस ने बीएसई फाइलिंग में कहा।
निवेशकों के लिए अच्छा संकेत
विशेषज्ञों का कहना है कि ₹66 प्रति शेयर का विशेष डिविडेंड निवेशकों के लिए एक बड़ा लाभ है और इससे टीसीएस की शेयरधारक-हितैषी रणनीति स्पष्ट होती है। अंतरिम डिविडेंड के साथ यह विशेष डिविडेंड, निवेशकों को भविष्य में कंपनी के बेहतर प्रदर्शन का भरोसा दिलाता है।
शेयर बाजार में प्रतिक्रियाएं
डिविडेंड की घोषणा से पहले टीसीएस के शेयरों में मामूली गिरावट दर्ज की गई, लेकिन परिणाम जारी होने के बाद निवेशकों में उत्साह देखा गया। यह डिविडेंड घोषणा न केवल कंपनी की वित्तीय ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि टीसीएस अपने शेयरधारकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए प्रतिबद्ध है।
टीसीएस की वित्तीय स्थिरता और दृष्टिकोण
टीसीएस ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में भी अपने मुनाफे में निरंतरता बनाए रखी है। कंपनी की विशेष डिविडेंड घोषणा, प्रबंधन की निवेशकों के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करती है। यह कदम न केवल मौजूदा निवेशकों को फायदा पहुंचाएगा, बल्कि नए निवेशकों को भी आकर्षित करेगा।
टीसीएस की इस घोषणा ने न केवल आईटी सेक्टर बल्कि पूरे बाजार में चर्चा का विषय बना दिया है। अब अन्य प्रमुख आईटी कंपनियों पर भी इसी प्रकार के कदम उठाने का दबाव बढ़ सकता है। इस डिविडेंड के साथ, टीसीएस ने साबित कर दिया है कि वह केवल भारत की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे स्थिर और निवेशक-अनुकूल कंपनियों में से एक है।