Tata Motors Share में 40% की गिरावट | Tata Motors Demerger से निवेशकों को क्या मिलेगा?

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Tata Motors Share में 40% की गिरावट के पीछे की सच्चाई — जानिए क्यों निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए

Tata Motors Share ने हाल ही में शेयर मार्केट में 40% की बड़ी गिरावट दिखाई, जिससे निवेशकों में हलचल मच गई। लेकिन क्या यह गिरावट वाकई घाटे का संकेत है या फिर एक सुनहरा मौका? आइए समझते हैं इस Tata Motors demerger (डिमर्जर) के पीछे की असली कहानी और इसका निवेशकों पर असर।

Tata Motors Share: डिमर्जर के बाद 40% गिरावट क्यों आई?

14 अक्टूबर 2025 को, Tata Motors Share ने NSE पर ₹400 प्रति शेयर के भाव पर ट्रेडिंग शुरू की। वहीं BSE पर ओपनिंग प्राइस ₹399 रहा। शुरुआती सत्र में स्टॉक लगभग 2% गिरकर ₹391.35 पर पहुंच गया।
पहली नज़र में यह गिरावट 40% तक की लग रही थी, जिससे निवेशकों में भ्रम की स्थिति पैदा हुई। लेकिन असल में यह गिरावट Tata Motors के Commercial Vehicle (CV) बिजनेस के डिमर्जर एडजस्टमेंट की वजह से हुई थी।

डिमर्जर क्या है और इसका असर क्यों दिखा Tata Motors Share पर?

डिमर्जर का मतलब होता है किसी बड़ी कंपनी के दो हिस्से करना ताकि दोनों स्वतंत्र रूप से अपने बिजनेस पर फोकस कर सकें।
Tata Motors ने अपने दो प्रमुख सेगमेंट —

  1. Commercial Vehicle (CV) और

  2. Passenger Vehicle (PV)
    को अलग-अलग कंपनियों में बांटने का फैसला लिया।

यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो चुकी है। इसका मतलब यह है कि अब Tata Motors Passenger Vehicles Ltd (TMPVL) और Tata Motors Commercial Vehicles Ltd (TMLCV) दो अलग-अलग लिस्टेड कंपनियां होंगी।

शेयरहोल्डर्स के लिए क्या है इसमें फायदा?

जो निवेशक 14 अक्टूबर 2025 की record date तक Tata Motors Share होल्ड कर रहे थे, उन्हें इस डिमर्जर के तहत एक अतिरिक्त फायदा मिलेगा।
उन्हें प्रत्येक एक शेयर के बदले TMLCV के एक शेयर मिलेंगे।
इसका मतलब है कि अब आपके पास दो अलग-अलग कंपनियों के शेयर होंगे —

  • एक Passenger Vehicle Business के लिए

  • दूसरा Commercial Vehicle Business के लिए।

यह डिमर्जर निवेशकों के लिए लंबी अवधि में फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि अब दोनों कंपनियां अपनी रणनीतियों के हिसाब से स्वतंत्र रूप से विकास कर सकेंगी।

Tata Motors Share Price Performance (2025 में अब तक)

अवधि शेयर प्रदर्शन
पिछले एक महीने में -7%
2025 की शुरुआत से अब तक -11%
पिछले 5 वर्षों में +420%

इस डेटा से यह स्पष्ट है कि Tata Motors Share ने लंबी अवधि में जबरदस्त ग्रोथ दिखाई है। हालांकि हाल की गिरावट एक तकनीकी एडजस्टमेंट मात्र है, न कि किसी बुरे प्रदर्शन का संकेत।

डिमर्जर के पीछे Tata Motors की रणनीति

Tata Motors के बोर्ड ने अगस्त 2024 में इस डिमर्जर प्लान को मंजूरी दी थी।
कंपनी का मानना है कि Passenger और Commercial वाहन सेगमेंट्स के फोकस और फंडिंग की जरूरतें अलग-अलग हैं।
इसलिए उन्हें स्वतंत्र इकाइयों के रूप में काम करने देना ज्यादा कारगर रहेगा।

Tata Motors ने हाल के वर्षों में Electric Vehicles (EVs) और प्रीमियम SUV सेगमेंट में मजबूत उपस्थिति दर्ज की है, वहीं Commercial Vehicle बिजनेस भारत में ट्रक और बस निर्माण में अग्रणी है।

डिमर्जर के बाद दोनों सेक्टर अपने इनोवेशन, ब्रांडिंग और मार्केटिंग रणनीतियों को और मजबूत बना पाएंगे।

Tata Motors Passenger Vehicles Ltd (TMPVL)

यह कंपनी अब Passenger Cars, SUVs और Electric Vehicles पर फोकस करेगी।
EV सेगमेंट में Tata Nexon EV, Tiago EV और Punch EV जैसी गाड़ियां पहले से ही मार्केट में छाई हुई हैं।
भविष्य में कंपनी का लक्ष्य है कि EV बिजनेस को और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक विस्तार दिया जाए।

Tata Motors Commercial Vehicles Ltd (TMLCV)

दूसरी ओर, TMLCV का फोकस होगा ट्रक, बस और लाइट कमर्शियल व्हीकल्स के निर्माण पर।
यह सेगमेंट देश की अर्थव्यवस्था से गहराई से जुड़ा है और इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ के साथ इसकी मांग बढ़ती जाएगी।
कंपनी की योजना है कि वह आने वाले वर्षों में Hydrogen Fuel और Green Mobility Solutions पर भी काम करेगी।

क्या Tata Motors Share खरीदना चाहिए?

अगर आप एक दीर्घकालिक निवेशक हैं, तो Tata Motors Share में यह गिरावट एक खरीदने का अवसर हो सकता है।
डिमर्जर के बाद दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप से प्रदर्शन करेंगी, जिससे पारदर्शिता और मूल्य दोनों बढ़ सकते हैं।
EV सेगमेंट में Tata Motors पहले ही लीडर है, जबकि CV सेगमेंट में उसका मजबूत पकड़ है।

ब्रोकरेज फर्म्स का भी मानना है कि यह डिमर्जर Tata Motors के वैल्यू अनलॉकिंग प्रोसेस का हिस्सा है, जिससे कंपनी की वास्तविक कीमत आने वाले समय में और बढ़ेगी।

निवेशकों के लिए सलाह

  1. पैनिक सेलिंग न करें – यह गिरावट केवल एक तकनीकी एडजस्टमेंट है।

  2. दोनों नई कंपनियों पर नजर रखें – TMPVL और TMLCV दोनों ही अपनी जगह मजबूत संभावनाएं रखती हैं।

  3. लॉन्ग टर्म निवेश सोचें – अगले 3–5 वर्षों में EV और CV मार्केट में भारी ग्रोथ की संभावना है।

  4. डिमर्जर के बाद ट्रेडिंग डे – नवंबर 2025 में दोनों कंपनियों के शेयर BSE और NSE पर अलग-अलग ट्रेड होंगे।

भविष्य की संभावनाएं

भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर तेजी से Electric Mobility की ओर बढ़ रहा है।
Tata Motors Share इस ट्रेंड से सबसे ज्यादा लाभान्वित कंपनियों में से एक है।
EV सेगमेंट में इसका 70% से अधिक मार्केट शेयर है, जबकि कमर्शियल व्हीकल्स में यह मार्केट लीडर बनी हुई है।

डिमर्जर के बाद कंपनी दोनों क्षेत्रों में अलग-अलग निवेश और रिसर्च रणनीतियों के साथ और तेज़ी से आगे बढ़ सकेगी।

निष्कर्ष: Tata Motors Share गिरावट नहीं, अवसर है

अगर आप समाचार में 40% की गिरावट देखकर चिंतित हैं, तो यह समझना जरूरी है कि यह Tata Motors Share का वास्तविक नुकसान नहीं है, बल्कि एक डिमर्जर एडजस्टमेंट मात्र है।
कंपनी की बुनियाद मजबूत है, भविष्य के EV और Commercial Vehicle बाजार में इसकी स्थिति बेहतर है।

इसलिए समझदारी इसी में है कि निवेशक घबराने की बजाय दीर्घकालिक सोच अपनाएं।
डिमर्जर के बाद यह कंपनी भारत की दो सबसे मजबूत ऑटोमोटिव इकाइयों में तब्दील होने जा रही है।

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