भारतीय शेयर बाजार आज नकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच हल्की गिरावट के साथ बंद हुए। हालांकि, शुरुआती भारी नुकसान से उबरते हुए इंडेक्स ने अंत में मामूली गिरावट दर्ज की। बीएसई सेंसेक्स 96 अंकों (0.13%) की गिरावट के साथ 72,990 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 37 अंक (0.17%) फिसलकर 22,083 के स्तर पर ठहरा। व्यापक बाजारों में, एनएसई मिडकैप 100 इंडेक्स 24 अंक (0.05%) गिरकर 48,007.85 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी बैंक ने बेंचमार्क इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 131 अंकों (0.27%) की गिरावट के साथ 48,245.20 के स्तर पर दिन का अंत किया।
आज बाजार पर असर डालने वाले प्रमुख कारक:
1. एशियाई बाजारों में गिरावट
मंगलवार को एशियाई शेयर बाजारों में दबाव देखा गया, जो वॉल स्ट्रीट की तेज गिरावट का प्रभाव था। जापान का निक्केई 225 1% से अधिक गिर गया, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.41% फिसला और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 1.11% लुढ़क गया। वैश्विक निवेशक व्यापार तनाव और बढ़ती अनिश्चितताओं को लेकर सतर्क बने हुए हैं।
2. चीन का पलटवार
अमेरिका द्वारा नए व्यापार प्रतिबंध लागू किए जाने के बाद चीन ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी कृषि और खाद्य उत्पादों पर नई टैरिफ दरें लगा दीं। 10 मार्च से लागू होने वाले इन शुल्कों के तहत, सोयाबीन, बाजरा, सूअर का मांस, बीफ, समुद्री भोजन, फल, सब्जियां और डेयरी उत्पादों पर 10% का शुल्क लगेगा। जबकि चिकन, गेहूं, मक्का और कपास पर 15% टैक्स लगाया जाएगा। इस कदम से वैश्विक व्यापार तनाव और अधिक गहराने की आशंका बढ़ गई है।
3. अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट
सोमवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी बिकवाली देखी गई। डॉव जोंस 649 अंक लुढ़क गया, S&P 500 में 104 अंकों की गिरावट आई, जबकि नैस्डैक 2.64% टूटकर 18,350 के स्तर पर बंद हुआ। यह S&P 500 के लिए दिसंबर के बाद की सबसे बड़ी गिरावट रही। इस तगड़ी बिकवाली के कारण S&P 500 ने 2025 में अब तक के सभी लाभ खो दिए और फिर से रेड ज़ोन में चला गया।
4. ट्रंप की टैरिफ नीति का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार से कनाडा और मैक्सिको से आयातित उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की, यह कहते हुए कि व्यापार वार्ता विफल रही है। इस फैसले से सप्लाई चेन में रुकावट की आशंका बढ़ गई है और इससे वैश्विक आर्थिक अस्थिरता गहराने की संभावना है। इसके अलावा, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति (Inflation) बढ़ने की भी चिंता जताई जा रही है, क्योंकि इन टैरिफ्स के कारण घरेलू कीमतों में भी उछाल आ सकता है।
बाजार की आगे की दिशा?
विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध और आर्थिक नीतियों को लेकर चिंता बनी हुई है। निवेशकों को सतर्क रुख अपनाने और लंबी अवधि के दृष्टिकोण से निवेश करने की सलाह दी जा रही है।
क्या शेयर बाजार की यह गिरावट जारी रहेगी, या जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा? अपनी राय कमेंट में बताएं!