सारांश
शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। वैश्विक व्यापार तनाव और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से सेंसेक्स और निफ्टी नीचे खिसक गए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति की घोषणा ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता को बढ़ा दिया। इस बीच, रुपये में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों की चिंता और गहरा गई।
क्या है शेयर बाजार में गिरावट की वजह?
1) ट्रंप की टैरिफ नीति ने बढ़ाई अनिश्चितता
शुक्रवार को ट्रंप ने घोषणा की कि वे सोमवार या मंगलवार तक नए शुल्क (reciprocal tariffs) लागू करेंगे। यह कदम अमेरिका के व्यापारिक भागीदारों द्वारा लगाए गए टैरिफ का जवाब होगा। इससे वैश्विक व्यापार में अस्थिरता बढ़ी, जिससे निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई।
2) ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें धूमिल
ट्रंप के टैरिफ के फैसले से महंगाई बढ़ने की संभावना है। यदि अमेरिका इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर नए शुल्क लगाता है, तो यह फेडरल रिजर्व के लिए ब्याज दरों में कटौती को और कठिन बना देगा।
उच्च ब्याज दरों के कारण उभरते बाजारों (Emerging Markets) जैसे भारत में विदेशी निवेशक निवेश करने से कतराने लगते हैं।
3) विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
2025 में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors – FIIs) ने भारतीय शेयरों से करीब 9.9 अरब डॉलर की निकासी कर ली है।
डॉलर इंडेक्स 108 के ऊपर और 10-वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 4.4% के स्तर को पार कर चुकी है, जिससे विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में बिकवाली जारी रखे हुए हैं।
डॉ. वी. के. विजयकुमार, चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, Geojit Financial Services के अनुसार, जब तक ये वैश्विक संकेतक स्थिर नहीं होते, तब तक बाजार पर दबाव बना रहेगा।
4) रुपये में ऐतिहासिक गिरावट
अमेरिका की नई व्यापार नीतियों से भारतीय रुपये पर भी दबाव बढ़ गया है। सोमवार को रुपया गिरकर 87.95 प्रति डॉलर के अपने अब तक के निचले स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले सप्ताह के रिकॉर्ड 87.5825 के भी नीचे है।
दिन के कारोबार में यह 87.9325 पर था, जो 0.6% की गिरावट दर्शाता है।
पिछले सप्ताह की तुलना में यह रुपये का सबसे खराब प्रदर्शन है, और आगामी दिनों में भी इसमें कमजोरी बने रहने की संभावना है, खासकर जब तक अमेरिकी मुद्रास्फीति के नए आंकड़े जारी नहीं हो जाते।
बाजार की मौजूदा स्थिति
सेंसेक्स 700 अंकों (0.86%) की गिरावट के साथ 77,215.99 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी50 200.90 अंक (0.85%) की गिरावट के साथ 23,359.05 पर बना रहा।
बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5.15 लाख करोड़ रुपये घटकर 418.78 लाख करोड़ रुपये हो गया।
निष्कर्ष
शेयर बाजार फिलहाल अमेरिका की व्यापार नीति, वैश्विक आर्थिक संकेतकों और विदेशी निवेशकों की गतिविधियों से प्रभावित हो रहा है। ट्रंप द्वारा नई व्यापार शुल्क नीति लागू करने की संभावनाओं के बीच निवेशक सतर्क हैं। रुपये में गिरावट, ब्याज दरों में कटौती की अनिश्चितता और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली निकट भविष्य में बाजार के लिए चुनौतियां पैदा कर सकती हैं।