Friday, February 28, 2025
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Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट की बड़ी वजहें, सेंसेक्स ने गंवाए 1000 अंक।

भारतीय शेयर बाजार में आज बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 1000 अंकों से अधिक गिरकर लाल निशान में बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) भी भारी नुकसान में रहा। इस गिरावट के पीछे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारण जिम्मेदार हैं। आइए जानते हैं 5 प्रमुख वजहें, जिनकी वजह से भारतीय शेयर बाजार में आज तेज गिरावट आई।

1. वैश्विक बाजारों में कमजोरी

अमेरिकी बाजारों में आई गिरावट और एशियाई बाजारों में बिकवाली के चलते भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा। अमेरिकी फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी जारी रखने के संकेतों ने वैश्विक निवेशकों की धारणा को कमजोर किया। इसके अलावा, यूरोप और चीन के बाजारों में मंदी की आशंका ने भी भारतीय बाजार को प्रभावित किया।

2. विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली (FII Selling)

फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) यानी विदेशी संस्थागत निवेशकों ने हाल के दिनों में भारतीय बाजार से अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया है। इस बिकवाली का मुख्य कारण अमेरिका में बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी और मजबूत डॉलर है, जिससे निवेशक जोखिम से बचने के लिए भारतीय बाजार से पैसा निकालकर अमेरिकी बॉन्ड मार्केट में निवेश कर रहे हैं।

3. कच्चे तेल की कीमतों में उछाल

हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिला है। कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है, जिससे भारत जैसे आयात-निर्भर देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ता है। महंगे तेल से कंपनियों की लागत बढ़ती है, जिससे उनकी मुनाफाखोरी पर असर पड़ता है और निवेशकों की धारणा नकारात्मक हो जाती है।

4. भारतीय रुपए में गिरावट

Stock Market Crash

भारतीय रुपया (INR) अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहा है, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ी है। कमजोर रुपया विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में असमर्थ रहता है, जिससे वे अन्य मजबूत मुद्राओं वाले बाजारों में निवेश करना पसंद करते हैं। रुपया कमजोर होने से आयात महंगा हो जाता है, जिससे महंगाई और ब्याज दरों पर दबाव बढ़ता है।

5. घरेलू आर्थिक आंकड़ों का असर

हाल ही में जारी किए गए महंगाई दर (Inflation), औद्योगिक उत्पादन (IIP), और जीडीपी ग्रोथ (GDP Growth) से जुड़े आंकड़े उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहे। महंगाई दर में बढ़ोतरी और औद्योगिक उत्पादन में सुस्ती ने निवेशकों की धारणा को कमजोर किया। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा (Monetary Policy Review) में ब्याज दरें बढ़ाने की आशंका भी बाजार में गिरावट की एक वजह बनी।

आगे बाजार का रुख क्या रहेगा?

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में यह गिरावट अस्थायी हो सकती है, लेकिन आने वाले दिनों में अस्थिरता बनी रह सकती है। निवेशकों को लॉन्ग-टर्म पर्सपेक्टिव के साथ निवेश करना चाहिए और जल्दबाजी में कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए। अगर वैश्विक बाजारों में सुधार होता है और घरेलू आर्थिक परिस्थितियां स्थिर होती हैं, तो भारतीय शेयर बाजार फिर से रिकवरी कर सकता है।

निवेशकों के लिए सुझाव:

  1. घबराएं नहीं और धैर्य बनाए रखें।
  2. मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करें।
  3. शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग से बचें और लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करें।
  4. मौजूदा गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देखें।
  5. बाजार के उतार-चढ़ाव पर नज़र रखें और सही समय पर सही निर्णय लें।
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