नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल से सांसद डॉ. शशि थरूर एक बार फिर पार्टी के भीतर विरोध का सामना कर रहे हैं। इस बार विवाद की वजह बना उनका बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने पहली बार मोदी सरकार में 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के लिए एलओसी पार की थी। पार्टी ने थरूर की इस टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताई, जबकि सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल्स और आलोचकों का भी सामना करना पड़ा।
🔥 “जोश में होश खो बैठे zealots के लिए”: थरूर का तीखा पलटवार
पार्टी से मिली आलोचनाओं और सोशल मीडिया पर हो रही छींटाकशी के जवाब में थरूर ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“जो कट्टर सोच वाले लोग मेरे तथाकथित अज्ञान पर उबल रहे हैं, वे यह समझ लें कि मैं पूर्व के युद्धों की नहीं, आतंकी हमलों के जवाब में की गई कार्रवाइयों की बात कर रहा था।”
थरूर ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है, जबकि उनका आशय स्पष्ट था। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में भारत के जवाब सीमित और संयमित रहे हैं, क्योंकि देश ने एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा का सम्मान किया है।
✈️ “मेरे पास और ज़रूरी काम हैं” – थरूर
बढ़ती आलोचना के बीच थरूर ने आलोचकों पर तंज कसते हुए कहा,
“जो लोग मेरी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं, उन्हें मुबारक हो। मुझे इन सबसे ज़्यादा जरूरी और गंभीर काम करने हैं।”
यह बयान उन्होंने उस समय दिया जब वह पनामा सिटी में भारत सरकार की आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक पहल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एक बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे। थरूर की इस पहल में भागीदारी को लेकर कांग्रेस पहले ही नाराज़गी जता चुकी है।
🪖 “बदल चुका है आतंकियों का गणित” – थरूर का स्पष्टीकरण
थरूर ने अपने बयान में यह भी कहा कि अब आतंकवादियों को यह एहसास हो गया है कि उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
“पहली बार, उरी हमले के बाद भारत ने नियंत्रण रेखा पार करके आतंकवादी लॉन्चपैड पर सर्जिकल स्ट्राइक की। यह नया संदेश था – जो पहले नहीं देखा गया।”
🧾 कांग्रेस का पलटवार: “सर्जिकल स्ट्राइक तो यूपीए के समय भी हुए”
थरूर के बयान के वायरल होते ही कांग्रेस ने पलटवार करते हुए दावा किया कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में भी कम से कम छह सर्जिकल स्ट्राइक की गई थीं, लेकिन उन्हें प्रचारित नहीं किया गया।
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का एक पुराना इंटरव्यू साझा किया जिसमें उन्होंने इस तरह की कार्रवाई की बात स्वीकारी थी।
खेड़ा ने X पर लिखा:
“पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह: यूपीए के समय में भी कई सर्जिकल स्ट्राइक हुए। @ShashiTharoor कृपया ध्यान दें।”
राज्यसभा सांसद जयराम रमेश सहित कई कांग्रेस नेताओं ने यह पोस्ट साझा किया।
खेड़ा ने साथ ही एक दुर्लभ तस्वीर भी साझा की जिसमें 1965 युद्ध के दौरान 4 सिख रेजिमेंट के अधिकारी लाहौर के बुरकी क्षेत्र में एक कब्जाए गए पाकिस्तानी पुलिस स्टेशन के सामने पोज़ देते नजर आ रहे हैं।
⚔️ उदित राज का सीधा हमला
कांग्रेस नेता उदित राज ने थरूर पर सीधा हमला करते हुए उन्हें भाजपा का प्रवक्ता बनने की सलाह तक दे डाली।
उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा:
“मोदी जी को कह दूं कि थरूर को भाजपा का सुपर प्रवक्ता घोषित करें, या विदेश मंत्री बना दें। आपने कैसे कह दिया कि मोदी से पहले भारत ने कभी एलओसी या अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की? क्या इतनी बेईमानी कर सकते हैं उस पार्टी के साथ जिसने आपको सब कुछ दिया?”
📌 निष्कर्ष
शशि थरूर के इस बयान ने न सिर्फ कांग्रेस के भीतर हलचल मचा दी है, बल्कि एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि राजनीतिक बयानबाज़ी और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों के बीच कैसे संतुलन बनाया जाए।
सवाल यह भी उठता है कि क्या पार्टी और उसके वरिष्ठ नेता अब एक ही दिशा में सोच पा रहे हैं या फिर आंतरिक मतभेद सार्वजनिक मंचों पर पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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