Wednesday, February 5, 2025
Homeजीवनशैलीवैज्ञानिकों ने खोज की प्रतिरक्षक कोशिकाएं जो कि कैंसर कोशिकाओं का कर...

वैज्ञानिकों ने खोज की प्रतिरक्षक कोशिकाएं जो कि कैंसर कोशिकाओं का कर सकती है काम तमाम

वैज्ञानिकों ने खोज निकाला है ऐसी प्रतिरक्षक कोशिकाओं को जो कि रक्त कैंसर और ट्यूमर दोनों में कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए कारगर होंगी।
आईए जानते हैं क्या है यह शोध और कहां हुआ है यह शोध –

सिटी ऑफ होप के शोधकर्ताओं ने किया यह शोध

सिटी ऑफ होप के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि मानव शरीर में एक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका होती है जो की एलर्जी और अन्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं के लिए आवश्यक होती है। यह प्रतिरक्षक कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं पर भी हमला कर सकती है। इन प्रतिरक्षा कोशिकाओं को मानव प्रकार 2 जन्मजात लिम्फोइड कोशिकाएं कहा जाता है।

क्या काम है मानव प्रकार 2 लिंफोइड कोशिकाओं का

इन कोशिकाओं को शरीर के बाहर फैलाया जा सकता है और बड़ी संख्या में प्रयोग किया जा सकता है। कोशिकाओं के द्वारा ट्यूमर की सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है और कैंसर से ग्रस्त शरीर में घातक कोशिकाओं को नष्ट किया जा सकता है। इन कोशिकाओं की पहचान कोशिका परिवार के नये सदस्यों के रूप में की जा रही है।

क्या कहना है शोध कर्ताओं का इस रिसर्च के विषय में

शोधकर्ताओं के अनुसार इन कोशिकाओं को प्रीजर्व किया जा सकता है।बाद में इन्हें रोगियों को दिया जा सकता है। इन कोशिकाओं को स्वस्थ दाताओं द्वारा दान दिया जा सकता है और बाद में मरीज को उपचार के रूप में दिया जा सकता है।

यह है एक नए दृष्टिकोण की पहल

इन कोशिकाओं को दानकर्ताओं से प्राप्त कर मरीजों को बाद में कभी भी दिया जा सकता है जो की एक ऐलोजेनिक और ऑफ द सेल्फ उत्पादन के रूप में एक अलग संभावित चिकित्सीय दृष्टिकोण दर्शाता है। यह दृष्टिकोण कार टी कोशिकाओं जैसे टी सेल आधारित उपचारों से बिल्कुल अलग है। इस उपचार में रोगी को उनकी विशेष विशेषताओं के कारण अपनी कोशिकाओं का उपयोग करना आवश्यक होता है।

शोध में अभी भी है कुछ अड़चनें

शोधकर्ताओं ने कहा कि अभी हमें मानव कोशिकाओं के परीक्षण की आवश्यकता है क्योंकि यह परीक्षण चूहों पर हुआ है और मानव ilc2s चूहे के ilc2s के समान काम नहीं करते। फिर भी चूहे मानव प्रतिरक्षा की भविष्यवाणी करने के लिए उपयुक्त होते हैं। इसीलिए यह एक आश्चर्यजनक खोज है कि मानव ilc2s सीधे कैंसर को मारने का काम करते हैं जबकि उनके समकक्ष चूहे ऐसा नहीं करते।

कैसे की गई यह खोज

इन कोशिकाओं का परीक्षण करने के लिए सबसे पहले वैज्ञानिकों ने रक्त के नमूने से कोशिकाओं को अलग किया फिर एक नया प्लेटफार्म विकसित किया। इस प्लेटफार्म के द्वारा चार सप्ताह में शरीर से प्राप्त ilc2s को 2000 गुना बढ़ाया जा सकता था। इस परीक्षण के बाद उन्होंने इंजेक्शन लगाया।

निम्न प्रक्रिया द्वारा ilc2s कोशिकाओं से नष्ट किया टयूमर सेल्स को

बाहरी रूप से विस्तारित ilc2s को मानव तीव्र माइलाॅयड ल्यूकेमिया या ठोस ट्यूमर जिसमें अग्नाशय का कैंसर, फेफड़े का कैंसर और ग्लियोब्लास्टोमा शामिल है। इन कैंसर कोशिकाओं के साथ चूहों में प्रत्यारोपित किया गया। परिणाम से ज्ञात हुआ की ilc2 कोशिकाएं अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा इन ट्यूमर कोशिकाओं को खत्म कर सकती हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि जब हमने एक ilc2s सेल और ट्यूमर सेल को एक साथ रखा तो पाया कि ट्यूमर सेल तो मर गया लेकिन ilc2s सेल बच गया। इससे प्रूफ हुआ की ilc2s ने किसी अन्य सेल की अनुपस्थिति में भी सीधे कैंसर सेल को मार दिया।

भविष्य में स्वस्थ दान कर्ता दान कर पाएंगे ilc2s कोशिकाओं को रोगियों को

वैज्ञानिकों ने कहा कि ilc2s को कैंसर रोगी की अपनी कोशिकाओं से प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं इसका अर्थ है कि भविष्य में ilc2s उपचार विकल्पों के लिए स्वस्थ दाताओं से ilc2s एकत्र किया जा सकता है और फिर उन्हें फ्रिज करके रोगियों के ऊपर प्रयोग में लाया जा सकता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments