sarfaraz khan: सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में तूफ़ानी शतक, BCCI सेलेक्टर्स को भेजा कड़ा संदेश

sarfaraz khan: सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में तूफ़ानी शतक, BCCI सेलेक्टर्स को भेजा कड़ा संदेश

भारतीय घरेलू क्रिकेट में मंगलवार का दिन पूरी तरह से sarfaraz khan के नाम रहा। मुंबई के इस धाकड़ बल्लेबाज़ ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) में ऐसा धमाका किया कि एक बार फिर सोशल मीडिया से लेकर क्रिकेट गलियारों तक बस एक ही चर्चा छिड़ गई—आखिर सेलेक्टर्स कब उन्हें भारतीय टीम में जगह देंगे?

उनके बल्ले से निकला 47 गेंदों में ताबड़तोड़ नाबाद 100 रन न सिर्फ मुंबई के लिए मैच-विनिंग साबित हुआ, बल्कि लगातार तीसरी बार उन्होंने चयनकर्ताओं को याद दिलाया कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। आठ चौके और सात छक्कों से सजी उनकी यह पारी आधुनिक T20 क्रिकेट की झलक पेश करती है।

sarfaraz khan का शतक: मुंबई की जीत का आधार

असम के खिलाफ खेले गए मैच में मुंबई ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 220/4 का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया। इस विशाल लक्ष्य की नींव रखी गई sarfaraz khan की धमाकेदार पारी से।

उनकी पारी की सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने शुरुआत में परिस्थिति को समझते हुए फिर अचानक गियर बदल दिया और गेंदबाज़ों पर टूट पड़े। उनकी टाइमिंग, प्लेसमेंट और पावर हिटिंग का कमाल देखने लायक था।

साथ ही, अजिंक्य रहाणे ने भी 32 गेंदों में 45 रनों का शानदार योगदान दिया।

शार्दुल ठाकुर की तेज़ गेंदबाज़ी ने किया कमाल

मुंबई के बल्लेबाज़ों के बाद गेंदबाज़ों ने भी शानदार प्रदर्शन किया।

शार्दुल ठाकुर ने सिर्फ 3 ओवर में 5/23 के अविश्वसनीय आंकड़े के साथ असम को 120 रनों पर ही समेट दिया।

शार्दुल की गेंदबाज़ी और sarfaraz khan की बल्लेबाज़ी—दोनों ने मिलकर मुंबई को एकतरफा जीत दिलाई।

14 साल के वैभव सूर्यवंशी का रिकॉर्ड तोड़ शतक

इस दिन की दूसरी बड़ी खबर थी बिहार के 14 वर्षीय बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी का 61 गेंदों में 108 रन*।

सिर्फ 14 साल और 250 दिन की उम्र में SMAT में शतक जमाकर वह सबसे कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल करने वाले खिलाड़ी बन गए।

हालांकि बिहार को मैच में जीत नहीं मिली, पर सूर्यवंशी ने देशभर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया।

हार्दिक पंड्या की दमदार वापसी

टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या ने लंबी चोट के बाद मैदान पर शानदार अंदाज़ में वापसी की।

उन्होंने पंजाब के खिलाफ 42 गेंदों में 77 रन* उड़ाकर दिखाया कि उनका T20 टच अभी भी बरकरार है।

इसके अलावा, उन्होंने गेंद से भी 1 विकेट लिया। यह पारी इस बात का संकेत है कि वह जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर सकते हैं।

इशान किशन, देवदत्त पडिक्कल और अन्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन

दिन भर कई बड़े खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया—

🔹 इशान किशन (93 रन, 50 गेंदों में)

उन्होंने झारखंड के लिए कप्तानी पारी खेली और टीम को 209/8 तक पहुंचाया।

🔹 देवदत्त पडिक्कल (102 रन, 46 गेंदों में)

कर्नाटक के इस स्टाइलिश लेफ्ट-हैंडर ने तमिलनाडु के खिलाफ 10 चौके और 10 छक्कों के साथ एक यादगार T20 शतक जड़ा।

🔹 अर्जुन तेंदुलकर (3 विकेट)

गोवा के लिए खेलते हुए अर्जुन ने 3 महत्वपूर्ण विकेट चटकाए, जिसमें वेंकटेश अय्यर भी शामिल थे।

Delhi के लिए शर्मनाक दिन

दिल्ली को घरेलू क्रिकेट इतिहास में पहली बार त्रिपुरा से हार का सामना करना पड़ा।

नितीश राणा की 45 रनों की पारी भी दिल्ली को जीत नहीं दिला सकी।

sarfaraz khan ने फिर भेजा कड़ा संदेश: टीम इंडिया में जगह कब?

यह पहली बार नहीं है जब sarfaraz khan ने इस तरह चयनकर्ताओं को प्रभावित किया है। पिछले कई सीज़न से वह लगातार घरेलू क्रिकेट में रन बना रहे हैं—चाहे रणजी ट्रॉफी हो, दलीप ट्रॉफी या अब SMAT।

उनकी फिटनेस में सुधार, निरंतरता और बड़े मैचों में प्रदर्शन करने की क्षमता उन्हें राष्ट्रीय टीम के लिए एक परफेक्ट मिडल-ऑर्डर विकल्प बनाते हैं।

सोशल मीडिया पर फैन्स और क्रिकेट एक्सपर्ट्स भी एक ही सवाल पूछ रहे हैं—

“सरफ़राज़ को और क्या करना पड़ेगा टीम इंडिया में चुने जाने के लिए?”

क्यों जरूरी है sarfaraz khan को टीम इंडिया में मौका देना?

लगातार प्रदर्शन:

घरेलू क्रिकेट में पिछले 3 सालों से सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में उनका नाम आता है।

आक्रामक बल्लेबाज़ी:

T20 और ODI दोनों फॉर्मेट में आक्रामक अंदाज़ से खेलते हैं।

अनुभव:

IPL, घरेलू टूर्नामेंट और इंडिया A—हर स्तर पर उनका अनुभव बढ़ चुका है।

फिनिशर की क्षमता:

उनका शतक इस बात का सबूत है कि वह टीम को मैच जिताने का दम रखते हैं।

निष्कर्ष: sarfaraz khan का समय आ गया है!

सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का यह दिन युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक रहा। लेकिन सबसे ज्यादा चमके sarfaraz khan, जिन्होंने एक और शतक के जरिए भारतीय टीम के दरवाज़े पर जोरदार दस्तक दी है।

उनका यह प्रदर्शन सिर्फ मुंबई को जीत दिलाने के लिए नहीं था—बल्कि उन लोगों के लिए संदेश था जो अब भी उनकी प्रतिभा को नजरअंदाज कर रहे हैं।

अगर सेलेक्टर्स इस बार भी उन्हें मौका नहीं देते, तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ी चूक होगी।

Most Popular

About Author