भारत का पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 17 जुलाई, 2025 को कहा कि भारत को वैकल्पिक आपूर्ति स्रोतों से तेल प्राप्त करने में कोई समस्या नहीं होगी, भले ही रूस से तेल आयात पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाए जाएं।
यह बयान उस समय आया जब इस सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चेतावनी दी कि यदि रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता नहीं होता है, तो रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। नाटो प्रमुख ने भी कहा कि भारत, ब्राज़ील और चीन जैसे देशों पर प्रतिबंध लग सकते हैं।
भारत के लिए वैकल्पिक तेल स्रोत
मंत्री पुरी ने आश्वासन दिया कि भारत इस मामले को लेकर चिंतित नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर कुछ होता है, तो हम इसे संभाल लेंगे।” उन्होंने कहा कि भारत ने अपने तेल आपूर्तिकर्ताओं को काफी हद तक विविध किया है और अब यह कई देशों से तेल प्राप्त करने में सक्षम है। “अब हम 40 देशों से तेल खरीद रहे हैं, जबकि पहले हम 27 देशों से खरीदते थे,” उन्होंने कहा।
पुरी ने यह भी बताया कि नए आपूर्तिकर्ता, जैसे गयाना, बाज़ार में आ रहे हैं और मौजूदा तेल उत्पादक देशों जैसे ब्राज़ील, कनाडा, और इराक से भी आपूर्ति हो रही है।
रूस से तेल आयात की स्थिति
वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद, रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। 2025 के पहले छमाही में, भारत का रूस से तेल आयात मामूली रूप से बढ़ा है, जिसमें निजी रिफाइनर रिलायंस इंडस्ट्रीज और नयारा एनर्जी ने आधे से ज्यादा तेल खरीदा। रूस का तेल अब भी भारत के कुल तेल आयात का लगभग 35% हिस्सा है, इसके बाद इराक, सऊदी अरब, और संयुक्त अरब अमीरात हैं।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की वैकल्पिक योजना
अगर रूस से तेल आपूर्ति बाधित होती है, तो इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) के पास पहले से एक वैकल्पिक योजना है। ए.एस. सहनी, IOC के चेयरमैन ने कहा कि कंपनी उस समय के आपूर्ति योजना पर लौटेगी, जब रूस का तेल भारत के कुल आयात का 2% से कम था।
भारत की तेल अन्वेषण गतिविधियों में वृद्धि
पुरी ने यह भी कहा कि भारत अपनी तेल अन्वेषण और उत्पादन गतिविधियों को बढ़ा रहा है ताकि ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह प्रयास भारत की रणनीति का हिस्सा है ताकि वह किसी एक आपूर्तिकर्ता पर निर्भरता कम कर सके और विविध और स्थिर स्रोतों से तेल प्राप्त कर सके।
भारत की तेल आयात विविधता रणनीति
भारत ने अपनी तेल आयात रणनीति को सक्रिय रूप से विविध किया है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक होने के नाते, भारत ने ऊर्जा साझेदारियों को बढ़ाने और निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। रूस से बाहर के आपूर्तिकर्ताओं से तेल प्राप्त करने के प्रयास भारत के व्यापक योजना का हिस्सा हैं ताकि देश अपनी अर्थव्यवस्था को बाहरी झटकों और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं से बचा सके।
निष्कर्ष
भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आश्वासन दिया कि भारत रूस से तेल आपूर्ति बाधित होने पर भी अन्य वैश्विक स्रोतों से तेल प्राप्त कर सकता है। गयाना, ब्राज़ील और कनाडा जैसे देशों से आपूर्ति बढ़ने के साथ, भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत कर रहा है। तेल आपूर्तिकर्ताओं को विविध करना और घरेलू अन्वेषण प्रयास बढ़ाना यह सुनिश्चित करता है कि भारत किसी भी भू-राजनीतिक चुनौती का सामना कर सके।