डॉलर के मुकाबले रुपया आज 31 पैसे मजबूत होकर 86.96 के स्तर पर पहुंच गया है। रुपया शुरुआत में ही आज मजबूती के साथ खुला था। घरेलू शेयर बाजार में इस समय तेजी से सुधार हो रहा है। अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने से भारतीय रुपया 31 पैसे मजबूत हुआ ट्रेड वॉर के अनिश्चितताओं के कारण अमेरिकी डॉलर 3 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। डॉलर इंडेक्स में और कच्चे तेल की कीमत में भी गिरावट हो रही है। जिसका फायदा रुपए को मिलता दिख रहा है। इसका कारण धीमी होती विकास दर और अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर ट्रंप की टैरिफ नीतियों का प्रभाव लग रहा है। जिसके कारण चिंता के बीच डॉलर इंडेक्स में गिरावट आ रही है। 5 मार्च को रुपया लगभग चार पैसे की बढ़त के साथ खुला। रुपए को डॉलर इंडेक्स में गिरावट और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का भी फायदा मिल रहा है।
आज रूपया चार पैसे की बढ़त के साथ खुला
आज डॉलर इंडेक्स में गिरावट हो रही है और कच्चे तेल की कीमतें भी 6 माह के निचले स्तर पर पहुंच चुकी है जिसके कारण रुपए को आज उछाल मिल रहा है। रुपया डॉलर के मुकाबले आज 87.2375 के स्तर पर खुला जबकि पिछले कारोबारी दिन यह 87.2700 के स्तर पर बंद हुआ था। आज डॉलर इंडेक्स शुरूआती कारोबार में 105.733 पर गिर गया था पिछले कारोबारी सत्र में यह 105.743 पर बंद हुआ था डॉलर इंडेक्स में गिरावट का एक कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था की चिंताएं हैं क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ रहा है जिसके कारण ग्रोथ रेट भी कम हुई है।
MUFG की रिपोर्ट क्या कहती है
एमयूएफजी की रिपोर्ट में कहा जा रहा है की डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ नीति लागू कर दी है। मेक्सिको चीन और कनाडा पर अमेरिका पहले ही टैरिफ नीति लागू कर चुका था। अभी के अपने सत्र में अमेरिका ने रिसिप्रोकल टैरिफ लागू करके भारत को भी टैरिफ नीति में ही शामिल कर लिया है। डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण अमेरिकी बाजार और अमेरिकी अर्थव्यवस्था अभी मुश्किल में है। डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीती से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है। जिसके कारण बाजार कोई भी जोखिम उठाने से बच रहा है। और यह समय अमेरिकी बाजार के लिए चिंता का समय बना हुआ है। यह चिंता टैरिफ के कारण आने वाली महंगाई की जोखिम से कहीं अधिक है। बाजार ने इस साल के बाकी समय में दरों में तीन प्रतिशत से अधिक कटौती के असर को भी सहन करा है। इस सप्ताह अमेरिकी डॉलर में 14% की गिरावट देखी जा रही है
तेल की कीमतों में क्यों गिरावट हो रही है
तेल निर्यातक देश के संगठन ओपेक ने अप्रैल में तेल उत्पादन बढ़ाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। कनाडा, मेक्सिको और चीन पर अमेरिका ने टैरिफ लगा दिया है। जिसके कारण चीन ने भी अमेरिका के ऊपर जवाबी टैरिफ लगा दिया है।और इस खबर के कारण कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट आई है।
क्रूड ऑयल हुआ 3 साल में सबसे सस्ता एशियन पेंट्स बीपीसीएल एचपीसीएल अपोलो टायर्स के शेरों में दिखी तीन से चार प्रतिशत की बढ़त
आज क्रूड ऑयल 3 सालों में सबसे सस्ता हुआ है। जिसके कारण आज क्रूड ऑयल से जुड़े शेयरों में तेजी देखने को मिली है। एशियन पेंट्स, बीपीसीएल, एचपीसीएल, अपोलो टायर्स जैसी कंपनियों के शेयरों में 3.5 से 4% तक की बढ़त देखने को मिली है। क्रूड ऑयल के अपने निचले स्तर पर आने से पेंट और टायर कंपनियों के मार्जिन बढ़े हैं। साथ साथ पेंट और टायर कंपनियों की इनपुट लागत में भी कमी आई है। इसी कारण आज निवेशक इन कंपनियों में अपना फायदा देख रहे हैं। कच्चे तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिरी है। चार दिनों से इसमें गिरावट आ रही है। चार दिनों से अभी तक इसमें 6% से अधिक की गिरावट आई है। 2021 के बाद पहली बार क्रूड ऑयल इतना नीचे गिरा है। मार्केट एनालिस्ट भी अपने पूर्वानुमान में बदलाव कर रहे हैं।