मीठा हम सभी को बहुत पसंद होता है लेकिन क्या आपको पता है कि मीठा खाने से आपके चेहरे पर हो जाते हैं दानें, आपके चेहरे की रक्त वाहिकाएं बढ़ जाती है। प्रोसेसिया को आमतौर पर लोग मुहासे या त्वचा की प्राकृतिक लालिमा से जोड़ लेते हैं पर ऐसा नहीं है आईए जानते हैं इस बीमारी के विषय में।
रोसैसिया का नहीं है कोई इलाज
यह एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज ही नहीं है सिर्फ केवल ल लक्षणों को हम कम कर सकते हैं तो आइए जानते हैं रोसैसिया के विषय में और थोड़ा ज्यादा , रोसैसिया होती है चार प्रकार की
1-एरीथेमाटोटेलैगिएक्टेटिक रोसैसिया
2-ओकुलर रोसैसिया
3-पापुलोपस्टुलर रोसैसिया
4-फिमोटस रोसैसिया
एरीथेमाटोटेलैगिएक्टेटिक रोसैसिया के लक्षण
मरीज के चेहरे पर लाली रहती है। छोटे-छोटे दाने पूरे चेहरे पर नजर आतेहैं। मरीज के चेहरे पर रक्त वाहिकाएं टूटी फूटी नजर आती है। रोगी की त्वचा सूजी हुई लगती है। रोगी की त्वचा काफी सेंसिटिव हो जाती है। थोड़ा सा भी धूप में निकलने पर पूरा चेहरा लाल हो जाता है। किचन में गैस के सामने खड़े होने पर भी चेहरा लाल नजर आने लगता है। त्वचा बहुत संवेदनशील हो जाती है। चेहरे पर कोई भी क्रीम लगाने पर भी चेहरा सूखा ही लगता है। चेहरे की त्वचा काफी सूखी त्वचा हो जाती है। त्वचा में एक बर्निंग सेंसेशन हमेशा रहती है।
ओकुलर रोसैसिया के लक्षण
इस प्रकार के रोसैसिया में आपके चेहरे पर मुंहासे जैसे ब्रेक आउट हो जाते हैं और त्वचा बहुत लाल हो जाती है। तैलीय त्वचा पर ऑकुलर रोसैसिया के लक्षण ज्यादा नजर आते हैं। आपकी त्वचा बहुत संवेदनशील हो जाती है। त्वचा पर दाने और धब्बे उभरे हुए अलग से नजर आते हैं। त्वचा पर टूटी हुई रक्त वाहिनीयों का जाल सा नजर आता है।
3-पापुलोपस्टुलर रोसैसिया के लक्षण
इस प्रकारके रोसैसिया में रोगी की त्वचा की बनावट उबड़-खाबड़ नजर आने लगती है। रोगी के नाक पर मोटी चमड़ी नजर आती है। माथे, ठुड्ढी गाल और कानों पर चमड़ी मोटी होने लगती है। त्वचा पर बड़े-बड़े छेद नजर आने लगते हैं। चेहरे पर रक्त वाहिकाएं अलग से टूटी नजर आती है।
फिमोटस रोसैसिया के लक्षण
इस प्रकार की राशियां में आंखें हमेशा लाल और गीली रहती है। आंखों में हमेशा किरकिरा लगता है। आंखों में जलन या चुभन हमेशा रहती है। आंखे सूजी हुई रहती है। आंखें प्रकाश के प्रति संवेदनशील हो जाती है। आंखों पर सिस्ट बनने लगते हैं। नजर कमजोर होने लगती है। पलकों पर रक्त वाहिनीयां टूटी हुई नजर आने लगती है।
डॉक्टर के पास कब जाए
अगर आपके चेहरे या आंखों पर लगातार यह लक्षण नजर आते हैं तो आपको एक बार डॉक्टर के पास अवश्य जाना चाहिए।
रोसैसिया कर सकता है किसको प्रभावित
ऐसे व्यक्ति जो सूरज के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं ऐसे व्यक्तियों को रोसैसिया होने की संभावनाएं अधिक होती है। कम उम्र के बच्चों ,जो व्यक्ति 30 वर्ष से अधिक की आयु के हैं ऐसे व्यक्तियों को भी रोसैसिया होने का खतरा सबसे अधिक होता है। ऐसे व्यक्ति जिनकी पारिवारिक हिस्ट्री रोसैसिया रही हो ऐसे व्यक्तियों को भी रोसैसिया होने की संभावना अधिक होती है।
कैसे बचा जाए रोसैसिया से
ज्यादा धूप में न जाए तेज हवा में चेहरे को स्कार्फ से ढक ले। किसी भी भावनात्मक तनाव से बचें। मीठा, तीखा, तला हुआ भोजन करने से बचें। ज्यादा गर्म मौसम में भी ना रहे और ज्यादा ठंडा मौसम में भी ना रहे। भारी व्यायाम न करें। शराब न पिए ज्यादा गर्म पानी से स्नान न करें। ज्यादा गर्म पेय पदार्थ न पिए।
कैसे रोसैसिया के मरीज अपनी देखभाल
रोसैसिया के मरीज के लिए अपनी त्वचा की देखभाल करना बहुत मुश्किल हो सकता है क्योंकि एक व्यक्ति के लक्षण दूसरे व्यक्ति से बिल्कुल अलग होते हैं। मरीज अपने लाइफस्टाइल को चेंज कर कर ही स्वस्थ रह सकता है। मरीज को मसालेदार भोजन, गरम पेय पदार्थ, कैफीन अल्कोहल आदि से दूर रहना चाहिए। व्यक्ति को रोजाना अपने चेहरे को मॉइश्चराइज करना आवश्यक है। दिन में दो बार अपने चेहरे को धीरे से साफ करें। चेहरे पर बहुत सारे कॉस्मेटिक और डेली केयर रूटीन को अप्लाई ना करें।अपना स्किन केयर रूटीन आसान रखें। कम से कम प्रोडक्ट अपने चेहरे पर लगाएं। धूप में जाने से पहले सनस्क्रीन लगाएं। ठंड के मौसम में चेहरे को साफ कपड़े से ढके।
क्या ना करें रोसैसिया के मरीज
बहुत ज्यादा तनाव न ले। मीठा खाने से बचे। अल्कोहल ना ले। कैफीन, मसालेदार भोजन और गरम पेय पदार्थों का सेवन न करें। रुखे कपड़े ना पहने। कठोर ऊनी कपड़ों से बचें। अपने चेहरे को बार-बार रगड़ने से मालिश करने से बचें।