जब बल्ला खामोश हो, दिमाग बोले
इस आईपीएल सीज़न में भले ही रोहित शर्मा का बल्ला शांत हो, लेकिन उनकी रणनीतिक सोच ने मुंबई इंडियंस के लिए बाज़ी पलट दी। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ अरुण जेटली स्टेडियम में 12 रनों की जीत में जीत की चिंगारी रोहित के डगआउट से निकली एक इशारे से लगी। मुंबई की ये सीज़न की सिर्फ दूसरी जीत थी, और उसका श्रेय एक ऐसे दिमाग को जाता है जो भले ही फॉर्म में न हो, लेकिन मैच की धड़कन समझना नहीं भूला।
दिल्ली की तूफानी शुरुआत, जो अचानक थम गई
206 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए दिल्ली कैपिटल्स की शुरुआत शानदार रही। करुण नायर, जो तीन साल बाद आईपीएल खेल रहे थे, पूरी आक्रामकता में नजर आए। उन्होंने महज़ 22 गेंदों पर अर्धशतक जमाया—सात साल में उनका पहला आईपीएल फिफ्टी। दिल्ली का स्कोर 12वें ओवर तक 135/2 था और लग रहा था कि जीत उनके नाम होगी।
हालांकि मुंबई ने दो विकेट जल्दी चटकाए, लेकिन दिल्ली के पास अब भी ट्रिस्टन स्टब्स और आशुतोष शर्मा जैसे फिनिशर थे जो किसी भी परिस्थिति को पलटने का माद्दा रखते हैं। लेकिन रोहित की रणनीति ने सब बदल दिया।
जब एक इशारे ने खेल पलट दिया
14वें ओवर की शुरुआत में डगआउट में बैठे रोहित शर्मा ने कर्ण शर्मा को इशारा किया—गेंद बदलने का। इस सीज़न की नई नियमावली के अनुसार, रात्रि मैचों में 10 ओवर के बाद गेंद बदली जा सकती है ताकि ओस के प्रभाव को कम किया जा सके। मुंबई ने इस मौके को भुनाया।
नई गेंद मिलते ही कर्ण शर्मा ने तीसरी गेंद पर नमन धीर को आउट कर दिया। अगले ही ओवर में उन्होंने इन-फॉर्म केएल राहुल को पवेलियन भेजा। 135/2 से चलते-चलते दिल्ली अगले 24 गेंदों में सिर्फ 22 रन ही जोड़ पाई।
एक के बाद एक गिरे विकेट
विप्रज निगम ने आख़िरी पलों में थोड़ी उम्मीद जगाई, लेकिन 18वें ओवर में मिचेल सैंटनर ने उन्हें चलता कर दिया। 19वें ओवर में तीन रन आउट ने दिल्ली की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फेर दिया। जो जीत दिल्ली की झोली में लग रही थी, वो रोहित की चुपचाप रची योजना से निकल गई।
लखनऊ में भी दिखी थी ये रणनीतिक चतुराई
ये पहला मौका नहीं था जब रोहित ने डगआउट से मैच का रुख पलटा हो। लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ एक हफ्ते पहले भी, जब वे प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे, उन्होंने गेंदबाज़ को निकोलस पूरन के खिलाफ स्लोअर डिलीवरी डालने का इशारा किया था और कुछ गेंद बाद ही पूरन आउट हो गए थे। अब ये संयोग नहीं—रणनीति की मिसाल है।
बल्ले से संघर्ष बरकरार
हालांकि रणनीति से रोहित ने प्रभावित किया, लेकिन बल्लेबाज़ी में उनका संघर्ष अब भी जारी है। इस सीज़न में अब तक 5 मैचों में सिर्फ 56 रन बनाए हैं, औसत महज़ 11.20। एक भी मैच में उन्होंने 20 रन तक नहीं बनाए हैं। 2023 से अब तक उनका आईपीएल औसत 24.39 है—जो नियमित ओपनरों में दूसरा सबसे कम है (कम से कम 25 पारियां)।
सोच की ताकत, बल्ले से कहीं बड़ी
आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में जहां ताकत और चमक धमक ही सब कुछ मानी जाती है, वहीं रोहित शर्मा ये साबित कर रहे हैं कि अनुभव और सोच ही असली हथियार हैं। जब बल्ला काम न करे, तब दिमाग चलाना ही मैच जिताता है।
मुंबई इंडियंस के लिए इस समय रोहित का सबसे बड़ा योगदान उनकी रणनीतिक चतुराई है। और कभी-कभी, यही अदृश्य धागे पूरे अभियान को जोड़ कर रखते हैं।