दूसरे टेस्ट से पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने बड़ा फैसला लेते हुए मध्यक्रम में बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया है, जिससे केएल राहुल ओपनर की भूमिका निभाना जारी रख सकेंगे। यह कदम दर्शाता है कि रोहित टीम की जरूरतों को अपनी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं से ऊपर रखते हैं।
रोहित, जिन्होंने अपने दूसरे बच्चे के जन्म के बाद परिवार के साथ रहने के लिए पर्थ में पहला टेस्ट नहीं खेला, अब टीम के साथ जुड़ चुके हैं। उनके वापस आने के बाद से ही फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञ टीम की प्लेइंग इलेवन में बदलावों को लेकर चर्चा कर रहे थे। पर्थ टेस्ट में राहुल के 77 रनों की संघर्षपूर्ण पारी ने इस बहस को और भी जटिल बना दिया।
हालांकि, रोहित ने प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी अटकलों को विराम देते हुए स्पष्ट किया, “केएल पारी की शुरुआत करेंगे, और मैं मध्यक्रम में बल्लेबाजी करूंगा।” उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए आसान नहीं है, लेकिन टीम के लिए यह सबसे बेहतर है।” यह बयान उनके नेतृत्व के उस सिद्धांत को दर्शाता है जिसमें वे टीम की स्थिरता को प्राथमिकता देते हैं।
पैट कमिंस ने खारिज की ऑस्ट्रेलियाई टीम में दरार की अफवाहें
दूसरी तरफ, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने अपनी टीम में कथित दरार को लेकर उठे सवालों को सिरे से खारिज किया। गुरुवार को मीडिया से बातचीत में, कमिंस ने कहा कि पर्थ टेस्ट के दौरान वरिष्ठ तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड की टिप्पणी के बाद जो विवाद पैदा हुआ, वह पूरी तरह गलतफहमी है।
हेजलवुड ने तीसरे दिन कहा था कि रणनीति से जुड़े सवाल बल्लेबाजों से पूछे जाने चाहिए, क्योंकि वे खुद अगले टेस्ट की तैयारी और रिकवरी पर ध्यान दे रहे थे। उन्होंने कहा, “आपको शायद यह सवाल किसी बल्लेबाज से पूछना चाहिए। मैं खुद को तरोताजा करने और फिजियो से इलाज लेने में व्यस्त था, और अगली टेस्ट की योजना पर ध्यान केंद्रित कर रहा था।”
इस बयान के बाद, पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट ने फॉक्स स्पोर्ट्स पर कहा, “इससे लगता है कि टीम के भीतर शायद कोई फूट है। हालांकि यह मेरी अपनी धारणा हो सकती है।”
कमिंस ने इन अटकलों का खंडन करते हुए कहा, “टीम में सब कुछ ठीक है। कुछ टिप्पणीकारों ने स्थिति को पूरी तरह से गलत समझा। हम हमेशा की तरह तैयारी कर रहे हैं और एक-दूसरे का समर्थन कर रहे हैं। टीम का माहौल शानदार है, और हम इन अफवाहों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते।”
पर्थ में भारत की शानदार वापसी
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में भारत ने हाल के झटकों के बाद जोरदार वापसी की। पहली पारी में केवल 150 रन पर आउट होने के बावजूद, टीम ने 295 रनों की शानदार जीत दर्ज की। यह जीत विशेष रूप से महत्वपूर्ण थी, क्योंकि हाल ही में भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में सफेदी झेलनी पड़ी थी।
पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों, खासकर मोहम्मद शमी और रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम को ध्वस्त कर दिया। वहीं, राहुल की संयमित पारी और चेतेश्वर पुजारा की जुझारू बल्लेबाजी ने भारतीय पारी को संभाला और ऐतिहासिक जीत की नींव रखी।
एडिलेड डे-नाइट टेस्ट: नई चुनौतियां
अब ध्यान दूसरे टेस्ट पर केंद्रित है, जो एडिलेड ओवल में डे-नाइट फॉर्मेट में खेला जाएगा। 6 दिसंबर से शुरू होने वाले इस मैच में पिंक बॉल का इस्तेमाल होगा, जो खेल को और चुनौतीपूर्ण बना देगा।
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी टीम में एक बड़ा बदलाव किया है, जहां तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड को चोटिल जोश हेजलवुड की जगह शामिल किया गया है। बोलैंड की मौजूदगी ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण को और मजबूत करेगी, जो रात में पिंक बॉल के साथ और खतरनाक हो सकता है।
वहीं, रोहित शर्मा की वापसी से भारतीय टीम को भी मजबूती मिलेगी। उनका मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने का फैसला टीम को स्थिरता प्रदान करेगा, खासकर ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों के खिलाफ।
Rohit Sharma will bat in the middle order in the 2nd test match. Not happy 👎 pic.twitter.com/YDW74LwHjK
— R A T N I S H (@LoyalSachinFan) December 5, 2024
हाई स्टेक्स मुकाबला
इस सीरीज में अब तक दोनों टीमें बराबरी पर हैं, और दूसरा टेस्ट निर्णायक साबित हो सकता है। भारत के लिए पर्थ की लय को बनाए रखना जरूरी होगा, जबकि ऑस्ट्रेलिया घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाकर वापसी करना चाहेगी।
क्रिकेट जगत की नजरें अब रोहित शर्मा और पैट कमिंस की कप्तानी पर टिकी हैं। दोनों टीमें अपनी-अपनी चुनौतियों से जूझ रही हैं, लेकिन लक्ष्य साफ है—एडिलेड में जीत हासिल करना।
यह सीरीज, जो क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विताओं में से एक है, फैंस और विशेषज्ञों के लिए बेहद रोमांचक बनी हुई है। स्कोरबोर्ड से परे, यह रणनीति, दृढ़ता और प्रतिस्पर्धा की भावना का भी मुकाबला है। एडिलेड टेस्ट इस कहानी का एक और यादगार अध्याय बनने जा रहा है।