भारतीय रिजर्व बैंक में नई नीति के तहत अपनी छोटी ग्राहकों को भी क्रेडिट लाइसेंस प्रदान करने की सुविधा दे दी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट कार्ड की तरह ही लघु उद्योग कर्मियों किसानों को लोन देने के लिए क्रेडिट लाइंस खोलने का फैसला किया है। छोटे किसानों लघु उद्योगकर्मियों को देश की वित्तीय व्यवस्था में भागीदार बनने के लिए रिजर्व बैंक में यह
फैसला लिया है।
क्या है यह नई नीति
छोटे कारोबारियों, गांवों व कस्बों में रहने वाले लोगों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नई नीति, एक नई सुविधा आवंटित की है। जिसके द्वारा उन्हें आराम से लोन मिल सकता है। इस नीति के अंतर्गत छोटे बैंक भी अपने ग्राहकों को लोन दे पाएंगे। जिसके कारण ग्राहक अपना तुरंत का लेनदेन कर सकते हैं। इस योजना के द्वारा काफी लोग लाभान्वित होंगे। पहले बैंक से लोन लेने के लिए आपको बहुत सारे नियमों का पालन करना पड़ता था। छोटे रोजगार वाले व्यक्तियों, किसानों के लिए इन सारी नियमों का पालन करना बहुत मुश्किल था। जिसके कारण यह लोग बैंक वालों के पास न जाकर दलालों के पास जाते थे और उन्हें चक्रवर्ती ब्याज देना पड़ता था। कभी-कभी उनकी वस्तुऐं भी नीलाम हो जाती थी। इस सुविधा के कारण अब साधन संपन्न व्यक्ति की तरह ही सभी लोगों को लोन मिल पाएगा। सभी व्यक्ति फाइनेंशियल रूप से सक्षम होंगे और देश की भागीदारी में हिस्सा ले पाएंगे।
क्या होगा फायदा
इस नीति के अनुसार अब क्रेडिट कार्ड की तरह लोन आपको आसानी से बैंकों से भी मिल सकता है। इस नीति के अनुसार आप अपनी क्षमता के अनुसार लोन ले सकते हैं जो कि आपकी क्रेडिट लाइंस के थ्रू आपको दिया जाएगा। अभी तक यह सुविधा बड़े बिजनेसमैन तक ही थी वो अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग जरूरी चीजों के लिए कर सकते है। लेकिन अब बैंक के द्वारा छोटे कारोबारी, ग्रामीण भी अपना काम करने के लिए क्रेडिट कार्ड का प्रयोग कर सकते हैं।यह पेमेंट बाद में वो एक साथ कर सकत है या किस्तों में कर सकते हैं।इसे क्रेडिट कार्ड नहीं क्रेडिट लाइंस कहना ज्यादा उचित होगा। इस काम के लिए छोटे बैंकों की मदद ली जा रही है जो कि गांवों और कस्बों में होते हैं।
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— Moneycontrol Hindi (@MoneycontrolH) December 6, 2024
बढ़ेगा छोटे बैंकों का कद
आरबीआई अधिकतर छोटे बैंकों को गांव में खोलता है जिनका काम होता है किसानों को, और छोटे रोजगार करने वालों को लोन प्रदान करना। इस नई योजना से गांवों में छोटे बैंकों का कद बढना निश्चित होगा। यह बैंक एक निश्चित राशि तक का लोन ग्रामीण को देंगे जो कि उनके यूपीआई के द्वारा उनके खाते में ट्रांसफर किया जा सकेगा जिससे वह अपने जरूरी काम निबटा पाये। छोटे-छोटे बैंक सहकारी बैंक गांवों कस्बों में होते हैं । जिनका काम किसानो , लघु उद्योगकर्ताओं को कर्ज देना व उनका पैसा जमा करना होता है। अब यही बैंक छोटे किसानों को एक निश्चित राशि तक का लोन यूपीआई के जरिए दे पाएंगे जैसा कि हम क्रेडिट कार्ड में लेते हैं। इन बैंकों को जितना पैसा चाहिए होगा उतना पैसा वह निकाल सकेंगे और फिर जब संभव हो बाद में बैंक में जमा कर सकेंगे। छोटे बैंकों की हिस्सेदारी होने से उन व्यक्तियों के लिए सुविधा हो जाएगी जिनके लिए बड़े बैंकों में जाना संभव नहीं था। या फिर उनके पास ऐसे एसेट नहीं थे जिन पर लोन मिल पाए । ए यू स्माल फाइनेंस बैंक, इक्विटीस स्मॉल बैंक ,उज्जीवन ऐसे ही छोटे बैंक है जिन पर क्रेडिट लाइंस काम करेंगी। अभी तक यह सुविधा शहरों के बड़े बैंकों में ही उपलब्ध थी।
इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं कौन और कैसे
1.छोटे ग्रामीण बैंकों में खाता खुलवाने वाले खाताधारी इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं।
2.इस सेवा में एक तय राशि तक का भुगतान आपको क्रेडिट लाइंस के द्वारा हो सकता है।
3.भुगतान के बाद आपको निश्चित तिथि तक अपनी धनराशि किस्तों में या एक मुश्त जमा करवानी आवश्यक है।
इस सेवा का लाभ उठाते समय रखने वाली सावधानियां
आपको उतना ही लोन लेना है जितने की किस्तें आप आसानी से दे पाए। इस सेवा का उपयोग तभी करें जब आपको आवश्यकता हो। लोन की राशि आपको समय से चुकानी आवश्यक है।
सारांश
सरकार ने यह नीति सभी को अर्थव्यवस्था में शामिल करने के लिए बनाई है जिससे कि अमीर लेकर गरीब तक सभी देश की अर्थ-व्यवस्था में योगदान दे सकें। बस सरकार को यह ध्यान रखना होगा कि कविता सही हाथों में पहुंचे। साथ ही साथ लाभार्थियों को भी यह ध्यान में रखना है कि वो सुविधा का दुरुपयोग ना करें।