बेंगलुरु में RCB की जीत का जश्न एक भयानक त्रासदी में बदल गया, जिसने न सिर्फ कई परिवारों को उजाड़ दिया, बल्कि कर्नाटक की राजनीति में भी भूचाल ला दिया।
🎉 RCB की 18 साल बाद मिली जीत बनी मातम का कारण
IPL 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाने लाखों की भीड़ चिन्नास्वामी स्टेडियम और विधान सौध के बाहर इकट्ठा हुई। 22 मई की दोपहर एक अफवाह — “स्टेडियम में फ्री एंट्री है” — ने भगदड़ को जन्म दे दिया। कुछ ही मिनटों में भीड़ बेकाबू हो गई, नतीजा: 11 लोगों की दर्दनाक मौत और 47 से ज्यादा घायल।
मरने वालों में एक 14 वर्षीय किशोरी भी शामिल थी। यह जश्न, जो 18 साल के इंतज़ार के बाद मिला था, एक भयावह याद में तब्दील हो गया।
🔥 राजनैतिक सचिव की भूमिका पर सवाल, पद से हटाए गए के. गोविंदराज
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव के. गोविंदराज पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद दो बड़े आयोजनों की अनुमति दिलवाई। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, भगदड़ से कुछ घंटे पहले मुख्यमंत्री आवास पर हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में गोविंदराज ने कार्यक्रम के पक्ष में दलील दी, जबकि बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर ने सुरक्षा कारणों से आयोजन से इनकार किया था।
फिर भी, गोविंदराज के दबाव में दो आयोजनों को हरी झंडी दी गई — विधान सौध और चिन्नास्वामी स्टेडियम में।
👮♂️ लापरवाही पर गिरी गाज: पुलिस कमिश्नर समेत पांच अधिकारी निलंबित
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटना की जिम्मेदारी तय करते हुए बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद, एसीपी सी. बालकृष्ण, डीसीपी शेखर एच. टेकेन्नावर, एडिशनल कमिश्नर विकाश कुमार विकाश और इंस्पेक्टर ए.के. गिरीश को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
निलंबन आदेश में कहा गया, “इन अधिकारियों द्वारा कर्तव्यों में गंभीर लापरवाही सामने आई है।”
🧨 विपक्ष का हमला: ‘बलि का बकरा बना रही है सरकार’
भाजपा और जेडीएस ने इसे “सरकार की नाकामी छिपाने का तरीका” बताया और कहा कि सच्ची जिम्मेदारी से बचने के लिए पुलिस अधिकारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। हालांकि सिद्धारमैया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “मैं इस पर राजनीति नहीं करना चाहता। जो अधिकारी प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है।”
🛃 गिरफ्तारी की लहर: RCB मार्केटिंग हेड और इवेंट कंपनी के अधिकारी गिरफ्तार
घटना के एक दिन बाद शुक्रवार को पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें शामिल हैं:
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निखिल सोसाले, RCB के मार्केटिंग प्रमुख, जिन्हें मुंबई जाते वक्त बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया।
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सुनील मैथ्यू, DNA एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट और IPL इवेंट हैंडलर।
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DNA कंपनी के दो अन्य अधिकारी।
पुलिस कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के दो अधिकारियों की भी तलाश में है, जिन्होंने बाद में कर्नाटक हाई कोर्ट का रुख किया और कहा कि हम सिर्फ स्टेडियम किराए पर देते हैं, आयोजन से हमारा कोई संबंध नहीं है। कोर्ट ने तब तक की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
🔍 अब क्या आगे?
RCB की जीत ने जिस तरह से सरकार, पुलिस और आयोजकों की प्रशासनिक चूक को उजागर किया है, उससे यह मामला अब महज एक हादसा नहीं रहा — यह एक राज्यव्यापी जवाबदेही और राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है।
जनता पूछ रही है:
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क्या जश्न की अनुमति देना जल्दबाज़ी नहीं थी?
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क्या आयोजकों ने सुरक्षा इंतज़ामों को गंभीरता से लिया?
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और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कोई सख्त नीति बनेगी?
📝 निष्कर्ष
RCB की जीत का जश्न एक काले अध्याय में बदल गया, जिसने जश्न से ज़्यादा शोक और सवाल छोड़े। कर्नाटक सरकार, पुलिस प्रशासन और आयोजकों के बीच तालमेल की कमी ने कई ज़िंदगियाँ लील लीं। अब जनता को उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिलेगी और भविष्य में भीड़ नियंत्रण के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश बनाए जाएंगे।
👉 यदि आप भीड़-भाड़ वाले आयोजनों में शामिल होते हैं, तो सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करें। और प्रशासनिक संस्थाओं से उम्मीद है कि अगली बार ऐसा कोई आयोजन हो, तो सिर्फ उत्साह नहीं — जिम्मेदारी भी हो।