Sunday, December 22, 2024
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आरबीआई ने रेपो दर को रखा 6.5% किया सी आर आर को 50 आधार अंकों से घटकर किया 4% जाने क्या है विशेषज्ञों की राय इस बारे में

भारतीय रिजर्व बैंक में आज 6 दिसंबर को अपने पांचवें दिन मासिक मुद्रा नीति की घोषणा कर दी। छह सदस्यों की समिति ने गवर्नर शशिकांत दास की लीडरशिप में रेपो दर को 6.5% ही रखने फैसला किया है। आरबीआई ने मौद्रिक नीति को भी को वैसा ही रखने का फैसला किया है। जिसका अर्थ है कि आरबीआई ने मौद्रिक नीति को नघटाया है ना बढ़ाया है।
आरबीआई में कैश रिजर्व रेशों एस आर आर को 50 आधार अंकों से घटकर 4% कर दिया है। जिसका अर्थ है कि सीआरआर में 50आधार अंकों की कटौती की है। ऐसा करने से सरकार के पास 1.16 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति आयेगी।

क्या कहना है विशेषज्ञों का

आरबीआई ने 11वीं बार रेपो दर को पहले वाला ही रखा है। इस बार सितंबर में उम्मीद से भी कम वृद्धि हुई है। आरबीआई का या फैसला बाजार में घटती रुपए की दशा को दर्शाता है। आरबीआई का फैसला बाजार में बढ़ती चीजों की कीमतों के प्रति आरबीआई की चिंता को भी दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रेपो दर घटाई जाती तो रियल एस्टेट में मजबूती आ सकती थी। रियल एस्टेट के क्षेत्र में पिछले काफी समय से मंदी आई हुई है। उम्मीद जताई जा रही थी कि रेपो रेट बढ़ने से रियल एस्टेट के क्षेत्र में उछाल आएगा।

भारतीय रिजर्व बैंक में लगातार 11वीं बार रेपो रेट 6.5 रखने का फैसला किया

भारतीय रिजर्व बैंक में आज 11वीं बार रेपो रेट को 6.5 रखा है। रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात में 0.5% की कटौती की है। रिजर्व बैंक में एस आर आर को 4.5% से घटकर 4 परसेंट कर दिया है। एस आर को 4% करने से मार्केट में पैसा आएगा। लिक्विडिटी बढ़ेगी। जब मार्केट में पैसा होगा तो लोग बैंकों में पैसा जमा भी करेंगे और बैंकों के पास लोन देने के लिए भी पैसा होगा जिसके कारण बैंक लोन भी आसानी से दे पाएंगे। बैंक कर्ज आसानी से दे पाएंगे। यह प्रॉपर्टी बिजनेस को फिर से मजबूत करने के लिए एक अच्छा कदम होगा। विशेषण का मानना था कि इस बार देश की इकोनॉमी की स्थिति कमजोर है ऐसे में आरबीआई रेपो रेट को कम कर सकता था और सस्ती लोन प्रोवाइड कर सकता था। लेकिन रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को यथा स्थिति रखने का ही निश्चय किया है।

रेपो रेट यथा स्थिति रखने पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ

1 कैश फ्लो बढ़ेगा

नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक का यह निर्णय मंदी के समय पर लिक्विडिटी को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। जिसके कारण आर्थिक स्थिरता बढ़ेगी। वित्तीय संस्थानों मैं कर्ज देने के लिए कंपटीशन बढ़ेगा। इसके कारण खरीदारों के पास बेहतर ऑप्शन होंगे खरीदारों को आसानी से लोन मिल सकेगा और प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ेंगी।

2. सीआरआर में कटौती से फायदा

अंतरिक्ष इंडिया के डायरेक्टर राकेश यादव ने कहा कि आरबीआई द्वारा उठाया गया यह कदम स्वागत योग्य है। इससे महंगाई रोकने में मदद मिलेगी। एस आर आर को घटकर 4% करने से 1.16 लाख करोड रुपए की लिक्विडिटी बाजार में आएगी। जिससे आसानी से कर्ज मिल पाएगा। जिसके कारण व्यक्ति दीर्घकालीन निवेश कर पाएगा। लोग प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कर पाएंगे अच्छे घरों की मांग बढ़ेगी।

3. रियल स्टेट के लिए जरूरी कदम

त्रेहान ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा कि आरबीआई रेपो रेट समान रखने के फैसले से घर खरीदने के लिए लोन दरें निर्धारित होगी। जिससे रियल एस्टेट में काम बढेगा। यह स्थिर रेपो रेट महंगाई दर को भी नियंत्रित करेगा और जीडीपी को बढ़ाएगा। जिससे बाजार फिर से मजबूत होगा।

4. महंगाई पर नियंत्रण

गंगा रियलिटी के ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर का कहना है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट स्थिर रखने का कदम सराहनीय है। इस समय जबकि मार्केट में उथल-पुथल है। ऐसी स्थिति में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया यह कदम स्वागत करने योग्य है। आरबीआई दर स्थिर रखने से रियल एस्टेट व आवासीय क्षेत्र में विकास होगा। आर्थिक स्थिरता बढ़ेगी और विकास के लिए प्रतिबद्ध आरबीआई की शैली और विकसित होगी। आरबीआई का यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर में प्रगति के लिए सही माहौल तैयार करेगा।

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