Saturday, February 22, 2025
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आरबीआई ने दिया मिडिल क्लास को टैक्स कट के बाद 5 साल के बाद रेपो रेट में 0.25% की हुई कटौती खुशखबरी ईएम आई धारकों के लिए

भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर दी है। जिसके कारण  मौजूदा रेपो रेट 6.25% हो गया है। इससे पहले यह कटौती 5 साल पहले की गई थी।

सबसे अधिक फायदा मिडिल क्लास को होने वाला है।  2020 में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट घटाया था और उसके बाद धीरे-धीरे बढ़ाकर 6.5% कर दिया था। इससे पहले रेपो रेट में बढ़ोतरी 2023 में की गई थी।

क्या कहना है गवर्नर संजयमल्होत्रा का

गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि एक बैठक की गई जिसमें इकोनामिक डेवलपमेंट को लेकर विचार विमर्श किया गया। गवर्नर ने कहा कि हमने इस बैठक में विचार विमर्श के बाद यह नतीजा निकाला कि रेपो रेट को घटाया जा सकता है। अब रेपो रेट को घटाया जा रहा है। रेपो रेट 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.25% हो गई है। इस कटौती से गाड़ी घर लोन की ईएमआई कम हो जाएगी। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि इस समय वैश्विक इकोनामी मुश्किल समय से गुजर रही है। राष्ट्रीय स्तर पर महंगाई भी बढ़ रही है। अपनी इकोनॉमी को संभालने के लिए फेडरल रिजर्व द्वारा बैंक ने रेपो रेट में कटौती की है। आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि  इस समय पॉलिटिकल टेंशन बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पॉलीटिकल टेंशन है जिसके कारण दुनिया की इकोनॉमी पर भी असर पड़ रहा है। भारतीय रुपया अभी कड़े दबाव को झेल रहा है रिजर्व बैंक के सामने भी कई बड़ी चुनौतियां हैं।

भारत की जीडीपी दर क्या होने वाली है

भारतीय रिजर्व बैंक में वित्त वर्ष 2026 के लिए देश की विकास दर 6.7% रखने की आशा जताई है। रिजर्व बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 6.75% अप्रैल जून 2025 तिमाही की 6.7 प्रतिशत जुलाई सितंबर 2025 तिमाही में 7% रहने का पूर्वानुमान लगाया जा रहा है। अक्टूबर दिसंबर 2025 जनवरी मार्च 2026 तिमाही में जीडीपी दर 6.5% रहने की संभावना है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई कम करना हमारा है लक्ष्य

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा का कहना है कि वित्त वर्ष 4.8% महंगाई होने वाली है हो सकता है कि आगे चलकर महंगाई दर र कम हो जाएगी। दिसंबर में रिटर्न रिटेल महंगाई दर और थोक महंगाई दर दोनों में बदलाव हुआ था। रिटेल महंगाई दर 4 महीने में निचले स्तर 5.22% पर है। वहीं थोक महंगाई दर 2.3% बढ़कर पहुंच गई है। नवंबर में यह दर 1.8 10% थी। गवर्नर ने कहा कि गवर्नमेंट सिक्योरिटी में ट्रेडिंग करने के लिए निवेशक सेबी द्वारा रजिस्टर्ड आरबीआई के प्लेटफार्म का प्रयोग कर सकते हैं।

मिडिल क्लास को मिली राहत

आर सी आई के इस फैसले से मिडिल क्लास में खुशी की लहर है। इससे पहले मिडिल क्लास को 1 फरवरी को बजट में राहत मिली थी जब ब्याज दरों को कम म किया गया था। अब जबकि रेपो रेट भी काम हुआ है तो इससे मिडिल क्लास राहत की सांस ले रहा है क्योंकि इस समय महंगाई काफी बड़ी हुई है। लोगों की नौकरियां भी समय खतरे में है क्योंकि विश्व कई तरह के संकटों का सामना कर रहा है। एसएमएस सरकार का यह फैसला मिडिल क्लास के लिए एक राहत की सांस लाने वाला फैसला लग रहा है।

क्या कहना है लोगों का रेपो रेट कम होने के बारे में

सरकार के इस फैसले से जनता बहुत खुश हैं।वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि यह आने वाले चुनावों के लिए सरकार की एक सोची-समझी रणनीति है।

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