वरुण चक्रवर्ती ने भारत की हार के बाद राजकोट की पिच पर चर्चा करते हुए बताया कि दूसरी पारी में सतह धीमी हो गई, जिससे इंग्लैंड के स्पिनरों को बड़ा लाभ मिला। उम्मीद थी कि ओस मैच में अहम भूमिका निभाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे इंग्लैंड की रणनीति को मजबूती मिली। अनुभवी लेग स्पिनर आदिल रशीद की घातक गेंदबाजी, जिसमें उन्होंने चार ओवर में सिर्फ 15 रन दिए और एक महत्वपूर्ण विकेट लिया, भारत की हार में निर्णायक साबित हुई। उनकी सटीकता और रणनीतिक समझ ने भारतीय बल्लेबाजों के लिए लक्ष्य का पीछा करना बेहद कठिन बना दिया।
पिच की चालाकी और इंग्लैंड का बढ़त बनाना
नई दिल्ली: भारत की हार के बाद वरुण चक्रवर्ती ने बताया कि राजकोट की पिच ने किस तरह से इंग्लैंड की स्पिन गेंदबाजी को मदद पहुंचाई। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, पिच धीमी होती गई, जिससे स्पिनरों को अधिक टर्न और ग्रिप मिलने लगी। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करना अपेक्षा से कठिन हो गया।
“हमने सोचा था कि ओस आएगी और पिच बल्लेबाजी के लिए आसान हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे इंग्लैंड को बड़ा फायदा मिला, क्योंकि दूसरी पारी में गेंद ज्यादा रुककर आ रही थी,” चक्रवर्ती ने पोस्ट-मैच कॉन्फ्रेंस में कहा।
इंग्लैंड ने अनुभवी लेग स्पिनर आदिल रशीद की अगुवाई में इस परिस्थिति का पूरा फायदा उठाया। चक्रवर्ती ने जहां पहली पारी में शानदार प्रदर्शन करते हुए 24 रन देकर पांच विकेट झटके, वहीं रशीद ने दूसरी पारी में अपनी किफायती गेंदबाजी से भारत पर दबाव बनाए रखा। उन्होंने अपने चार ओवरों में सिर्फ 15 रन दिए और एक महत्वपूर्ण विकेट लिया, जो मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।
आदिल रशीद: स्पिन की बेमिसाल कला
Not the result #TeamIndia were looking for in Rajkot, but Varun Chakaravarthy put on a solid show with the ball to bag the Player of the Match award!
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— BCCI (@BCCI) January 28, 2025
रशीद की मैच में भूमिका को स्वीकार करते हुए चक्रवर्ती ने उनकी तारीफ की। “आदिल रशीद एक दिग्गज खिलाड़ी हैं। उन्हें यह अच्छी तरह से पता है कि अलग-अलग परिस्थितियों में कैसे गेंदबाजी करनी है। उनके पास गेंदबाजी की गति को नियंत्रित करने की अद्भुत क्षमता है,” चक्रवर्ती ने कहा।
रशीद की सटीकता ने भारतीय बल्लेबाजों को लगातार दबाव में रखा, खासकर तब जब टीम 86/5 के स्कोर पर संघर्ष कर रही थी। भारत जब 172 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहा था, तब उनकी गेंदबाजी ने भारतीय टीम को खुलकर खेलने का कोई मौका नहीं दिया।
मध्य ओवरों में आदिल रशीद की चालाकी और नियंत्रण ने अक्षर पटेल और हार्दिक पंड्या के लिए स्ट्राइक रोटेट करना मुश्किल बना दिया। उन्होंने बेहद कसी हुई गेंदबाजी की, जिससे भारतीय बल्लेबाज बड़े शॉट खेलने के लिए तरस गए। यही वजह रही कि रन रेट लगातार बढ़ता गया और भारत पर दबाव बढ़ता चला गया।
भले ही रशीद के खाते में केवल एक विकेट दर्ज हुआ, लेकिन उनका स्पेल भारत के लिए घातक साबित हुआ। उनकी इकॉनमी रेट महज 3.80 रही, जो दोनों टीमों के बीच सबसे बेहतर थी। उन्होंने तिलक वर्मा को एक बेहतरीन गेंद पर बोल्ड किया, जिसने दिखाया कि वह क्यों इंग्लैंड के सबसे प्रभावी गेंदबाजों में से एक हैं।
रशीद ने एक बार फिर साबित किया कि क्रिकेट में सिर्फ विकेट लेना ही मायने नहीं रखता, बल्कि बल्लेबाजों पर लगातार दबाव बनाए रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। उनकी गेंदबाजी ने भारत के मध्यक्रम को पूरी तरह से बांधकर रखा और इंग्लैंड को इस निर्णायक मुकाबले में जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।