भारतीय क्रिकेट के दिग्गज ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने की घोषणा ने क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया। ऑस्ट्रेलिया में चल रही टेस्ट सीरीज के दौरान अश्विन ने यह चौंकाने वाला फैसला लिया और जल्द ही भारत लौट आए। गुरुवार को चेन्नई एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करते हुए उनके माता-पिता भावुक नजर आए। अश्विन के पिता ने मीडिया से बातचीत में खुलासा किया कि यह फैसला उनके लिए भी उतना ही अप्रत्याशित था जितना कि उनके प्रशंसकों के लिए।
अश्विन के पिता रविचंद्रन ने दावा किया कि उनके बेटे ने “अपमान” के कारण यह कदम उठाया। भारतीय क्रिकेट के इस दिग्गज स्पिनर का करियर, जो 14-15 साल तक चला, उपलब्धियों और चुनौतियों का मिश्रण रहा है।
परिवार के लिए एक अप्रत्याशित निर्णय
न्यूज 18 से बातचीत में अश्विन के पिता ने बताया कि उन्हें भी इस फैसले की जानकारी आखिरी समय में ही मिली। “मुझे भी यह निर्णय आखिरी क्षण में पता चला,” उन्होंने कहा। “वह क्या सोच रहा था, यह मैं नहीं जानता। उसने बस अचानक घोषणा कर दी। मैंने इसे मिश्रित भावनाओं के साथ स्वीकार किया—थोड़ा खुश और थोड़ा निराश। मुझे लगा कि उसे थोड़ा और खेलना चाहिए था।”
उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला अश्विन का व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। “संन्यास लेना उसका अपना निर्णय है, उसकी इच्छा और इच्छा पर आधारित है। मैं इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। लेकिन जिस तरह से उसने यह निर्णय लिया, उसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। शायद अपमान भी एक वजह हो सकती है,” उन्होंने कहा।
एक शानदार लेकिन चुनौतीपूर्ण करियर
अश्विन भारतीय क्रिकेट में एक मजबूत स्तंभ रहे हैं, खासकर टेस्ट क्रिकेट में। 14-15 साल के लंबे करियर में उन्होंने अपनी प्रतिभा और कठिन परिश्रम से खुद को साबित किया। वह टेस्ट और कुल अंतरराष्ट्रीय विकेटों के मामले में भारत के दूसरे सबसे बड़े विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।
हालांकि, उनका करियर हमेशा आसान नहीं रहा। टीम में जगह को लेकर बार-बार चयन संबंधी अस्थिरता ने उन्हें मुश्किल परिस्थितियों में डाला। लगातार आलोचनाओं और टीम में जगह के लिए संघर्ष ने शायद उनके फैसले को प्रभावित किया।
उनके पिता ने इन चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए कहा, “निश्चित रूप से यह परिवार के लिए भावुक क्षण था। वह लगभग 15 साल तक मैदान पर रहे। अचानक लिया गया यह संन्यास हमारे लिए झटका था। लेकिन हम इसकी उम्मीद भी कर रहे थे क्योंकि अपमान हो रहा था। वह इसे कितने समय तक सह सकता था? शायद उसने खुद ही यह निर्णय लिया होगा।”
ऑस्ट्रेलिया में चयन की मुश्किलें बनी वजह?
अश्विन का संन्यास उस समय आया जब भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेल रहा था। उन्होंने एडिलेड में गुलाबी गेंद टेस्ट खेला, लेकिन सीरीज के बाकी मैचों में उनका चयन अनिश्चित रहा। अश्विन ने दूसरे टेस्ट में वॉशिंगटन सुंदर की जगह ली, लेकिन ब्रिस्बेन में खेले गए तीसरे टेस्ट में उन्हें फिर से बेंच पर बैठा दिया गया, जहां रविंद्र जडेजा को प्राथमिकता दी गई।
टीम में चयन को लेकर ऐसी अनिश्चितता ने अक्सर अश्विन जैसे खिलाड़ी को मुश्किल में डाला है। प्रशंसकों और क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्तर के खिलाड़ी के साथ ऐसा व्यवहार चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन पर सवाल उठाता है।
“एक ऐसा खिलाड़ी, जिसने अपने करियर में इतनी उपलब्धियां हासिल की हों, कितने समय तक इस तरह का व्यवहार सह सकता है?” उनके पिता ने कहा। “यह आसान नहीं है, खासकर उस खिलाड़ी के लिए जिसने खेल को इतना कुछ दिया हो और देश के लिए गौरव लाया हो। शायद बार-बार अपमान ने उसे यह कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया।”
संन्यास पर परिवार की भावनाएं
अश्विन का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग के अंत जैसा है। उनके परिवार के लिए यह पल भावुक था, क्योंकि उन्होंने करीब डेढ़ दशक तक उन्हें मैदान पर संघर्ष करते देखा। चेन्नई एयरपोर्ट पर अश्विन का स्वागत करने पहुंचे उनके माता-पिता उन्हें देखकर अपने आंसू नहीं रोक सके।
“यह केवल संन्यास का मुद्दा नहीं है। यह उन यादों, समर्पण के वर्षों और खेल के प्रति प्रेम की बात है,” उनके पिता ने कहा। “हमारे लिए, एक परिवार के रूप में, यह भावनात्मक क्षण है। लेकिन हम जानते हैं कि यह एक ऐसा निर्णय है जो उन्होंने अपने लिए लिया है, और हम पूरी तरह उनके साथ खड़े हैं।”
एक यादगार विरासत
अश्विन का संन्यास भारतीय क्रिकेट में एक बड़ी कमी छोड़ जाएगा। अपनी अनोखी गेंदबाजी, रणनीतिक समझ और कठिन परिस्थितियों में प्रदर्शन करने की क्षमता के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 700 से अधिक विकेट लेने वाले अश्विन ने कई यादगार मैच जिताए और क्रिकेट इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनके पिता के बयान में जिस “अपमान” का जिक्र है, उसने वरिष्ठ खिलाड़ियों के प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हालांकि, फिलहाल ध्यान उनके शानदार करियर का जश्न मनाने पर है। अश्विन के प्रशंसक, साथी खिलाड़ी और परिवार उनके यादगार स्पैल, क्रिकेटिंग दिमाग और खेल के प्रति अटूट समर्पण को हमेशा संजोकर रखेंगे।