📌 भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी में नया मोड़
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत को पूर्ण और निरंतर समर्थन देने की बात कही। यह संवाद ऐसे समय में हुआ है जब भारत, पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान आधारित आतंक नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
🔥 अंतरराष्ट्रीय सहयोग से मजबूत होगी भारत की स्थिति
पुतिन की यह कॉल न केवल भारत-रूस मैत्री को रेखांकित करती है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की राजनयिक स्थिति को मजबूती देने वाली साबित हो सकती है। इस वक्त देश में सरकार पर आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक कदम उठाने का राजनीतिक और जनसंपर्क दबाव भी है। ऐसे में रूस का यह समर्थन भारत की रणनीतिक योजना में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
🤝 ऐतिहासिक रक्षा साझेदारी और मौजूदा संकट
भारत और रूस के बीच दशकों पुराना रक्षा संबंध सुरक्षा और स्थिरता के लिए आधारशिला रहा है। दोनों देशों ने अतीत में आतंकवाद और क्षेत्रीय तनाव के समय एक-दूसरे का साथ दिया है। यह नया संवाद इस साझेदारी को और भी मजबूत बना रहा है। खासतौर पर तब, जब दक्षिण एशिया में अस्थिरता बढ़ रही है और सुरक्षा खतरे बढ़ते जा रहे हैं।
🌍 ईरान की पाकिस्तान यात्रा और बदलता भू-राजनीतिक परिदृश्य
ईरान के विदेश मंत्री की हालिया पाकिस्तान यात्रा ने क्षेत्र में नई चर्चा को जन्म दिया है। ऐसे समय में भारत की अगली रणनीति पर विश्व की नजरें टिकी हैं। भारत यदि निर्णायक रूप से आगे बढ़ता है, तो यह केवल उसकी आंतरिक सुरक्षा नीति नहीं बल्कि क्षेत्रीय भू-राजनीति को भी प्रभावित करेगा।
🔒 आतंकवाद के विरुद्ध साझा मोर्चा
रूस और भारत के बीच जारी संवाद यह स्पष्ट करता है कि दोनों देश आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट हैं। यह साझेदारी सिर्फ हथियारों तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और सुरक्षा के लिए साझा प्रतिबद्धता बन चुकी है।