रूस-भारत संबंधों को नए शिखर पर ले जाने की तैयारी
मॉस्को: रूस और भारत अपने ऐतिहासिक द्विपक्षीय संबंधों को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इसी क्रम में, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत की यात्रा पर आने वाले हैं। इस बात की पुष्टि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक टेलीविज़न संबोधन में की।
लावरोव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार लगातार भारत का नेतृत्व संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा रूस के लिए की थी। अब हमारी बारी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के लिए तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि, उन्होंने यात्रा की सटीक तिथि या महीना स्पष्ट नहीं किया।
पिछले दौरे में पीएम मोदी ने दिया था निमंत्रण
पिछले वर्ष रूस की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का औपचारिक निमंत्रण दिया था। अब पुतिन ने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और उनकी भारत यात्रा की योजना तैयार की जा रही है।
रूसी विदेश मंत्री लावरोव की यह टिप्पणी “रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर” नामक सम्मेलन के दौरान आई। यह बैठक रूस के अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद (RIAC) द्वारा आयोजित की गई थी।
यूक्रेन युद्ध के बाद पहली भारत यात्रा होगी महत्वपूर्ण
राष्ट्रपति पुतिन की यह भारत यात्रा विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगी क्योंकि यह फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद उनकी पहली आधिकारिक यात्रा होगी। इस दौरे के दौरान दोनों देश व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
रूस का लक्ष्य 2030 तक अपनी नई आर्थिक रणनीति को गति देना है, जिसमें भारत एक अहम भूमिका निभाएगा। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 100 अरब डॉलर से अधिक करने पर सहमति बनी है।
व्यापार और कनेक्टिविटी को मिलेगी मजबूती
भारत और रूस ने व्यापार मार्गों के विस्तार पर भी सहमति जताई है, जिससे दोनों एशियाई महाशक्तियों के बीच आयात-निर्यात सुगम होगा। चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री व्यापार मार्ग इस रणनीति का अहम हिस्सा होगा, जिससे रूस से भारत को ताजा आपूर्ति करने में आसानी होगी।
रूस के विदेश मंत्री लावरोव ने इसी सप्ताह यह भी कहा कि मॉस्को और नई दिल्ली के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नए स्तर पर ले जाने की रणनीति पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा, “हम मौजूदा साझेदारी को और विस्तारित करेंगे और भारत के साथ एक विशेष व रणनीतिक साझेदारी को और सशक्त बनाएंगे।”
पुतिन का संदेश: बहुपक्षीय विश्व व्यवस्था की ओर भारत-रूस का बढ़ता सहयोग
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे अपने संदेश में भारत-रूस संबंधों को विशेष और रणनीतिक साझेदारी करार दिया। उन्होंने लिखा:
“रूस-भारत संबंध एक विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी पर आधारित हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि हम अपने संयुक्त प्रयासों के माध्यम से सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को लगातार आगे बढ़ाते रहेंगे, साथ ही अंतरराष्ट्रीय मामलों में भी रचनात्मक सहभागिता बनाए रखेंगे। निस्संदेह, यह हमारे मित्रवत नागरिकों के मौलिक हितों को पूरा करता है और निष्पक्ष, बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के अनुरूप है।”
राष्ट्रपति पुतिन की यह यात्रा निश्चित रूप से रूस और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक नई दिशा देगी और वैश्विक स्तर पर दोनों देशों की साझेदारी को और मजबूत करेगी।