प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें देश की सेवा के कई अवसर मिले। मोदी ने धनखड़ को अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएँ दीं और उनके योगदान को सराहा। यह प्रतिक्रिया एक दिन बाद आई जब 74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा था।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “श्री जगदीप धनखड़ जी को हमारे देश की सेवा करने के कई अवसर मिले, जिसमें भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में भी उनकी सेवा शामिल है। मैं उन्हें अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएं देता हूँ।”
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा और स्वास्थ्य कारण:
धनखड़, जिन्होंने अगस्त 2022 में भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला था, ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया था। अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा था कि वह स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए इस्तीफा दे रहे हैं।
धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपने इस्तीफे का पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूँ।” उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और उनके साथ अच्छे कार्य संबंधों की सराहना की।
कांग्रेस के आरोप और अटकलें:
धनखड़ के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने इसे स्वास्थ्य कारणों से कहीं अधिक गंभीर मामला बताया है। कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई ने यह आरोप लगाया कि उपराष्ट्रपति और केंद्र के बीच रिश्ते पहले जैसे नहीं रहे हैं। इसके अलावा, कांग्रेस ने यह भी कहा कि इस इस्तीफे के पीछे राजनीतिक कारण हो सकते हैं, जो पहले से अधिक गहरे हैं।
राज्यसभा अध्यक्ष के रूप में धनखड़ का कार्यकाल:
उपराष्ट्रपति बनने से पहले, धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य कर चुके थे। इस दौरान उनका मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कई मुद्दों पर टकराव हुआ था। इसके बाद उन्होंने राज्यसभा अध्यक्ष के रूप में कई विवादों का सामना किया, और विपक्ष के साथ कई बार उनकी टकराहट हुई थी।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश:
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनका सहयोग और समर्थन अनमोल था, और उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बहुत कुछ सीखा।
अगला कदम क्या होगा?
धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब यह देखना है कि केंद्र सरकार और भारतीय राजनीति में क्या नए परिवर्तन आते हैं। उपराष्ट्रपति का पद अभी खाली पड़ा है, और राजनीतिक हलचलों के बीच यह सवाल उठता है कि उनके स्थान पर कौन नया नियुक्त होगा।
निष्कर्ष:
जगदीप धनखड़ का इस्तीफा भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा व्यक्त की गई शुभकामनाएं यह दर्शाती हैं कि इस पद पर धनखड़ ने किस प्रकार की सेवा की। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद इस पद पर नया व्यक्ति आने की संभावना है, जो कि भारतीय राजनीति में एक नई दिशा की ओर संकेत कर सकता है।