अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर एक बार फिर ट्रंप के चुने जाने के बाद कई ऐसे फैसले लिए गए हैं, जिसने दुनिया की टेंशन बढ़ाई है. कुछ दिन पहले ही ट्रंप ने चीन पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिससे बाकी देश भी आशंका में हैं. अब डोनाल्ड ट्रंप ने एक और बड़ा फैसला लिया है, जिससे भारत में कुछ प्रमुख प्रोजेक्ट्स पर संकट छा गया है.
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के लिए फंडिंग रोकने का फैसला लिया है. USAID 70 साल से ज्यादा समय से भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार रहा है, जो हेल्थ, एजुकेशन, स्वच्छता और एग्रीकल्चर से जुड़े कामों को सपोर्ट करता है. अब ट्रंप के फंडिंग रोकने के बाद भारत में USAID द्वारा सपोर्ट किए जाने वाले ये प्रोजेक्ट्स खतरे में हैं.
भारत में USAID के कौन से प्रोजेक्ट्स?
यह एक ऐसा संगठन है, जिसकी स्थापना 1961 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी की ओर से द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह संगठन बनाया गया था. ताकि दूसरे देशों के विकास में मदद की जा सके. तबसे USAID 130 से ज्यादा देशों में काम करते हुए अमेरिकी सरकार की सबसे बड़ी मानवीय और विकास शाखा बन गई है. भारत में USAID 70 से ज्यादा सालों से काम कर रहा है. यह देश में हेल्थ सर्विस सिस्टम, एजुकेशन, स्वच्छता को बेहतर बनाने और जलवायु परिवर्तन को लेकर काम कर रहा है.
USAID ने कितना दिया भारत को फंड
पिछले कुछ सालों में भारत को USAID की ओर से पर्याप्त मदद मिली है. वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत को USAID फंडिंग में करीब 140 मिलियन डॉलर दिए गए थे. भारत के बजट के लिहाज से भले ही यह एक छोटा सा हिस्सा रहा है, लेकिन प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने में इसने काफी मदद की है. अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार, USAID ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत में हेल्थ पर 55 मिलियन डॉलर, पर्यावरण प्रोजेक्ट्स पर 18 मिलियन डॉलर और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर पर 7.8 रुपये बांटे हैं.
क्यों इसकी फंडिंग रोकी गई?
USAID फंडिंग पर रोक लगाना ट्रंप सरकार की ओर से अमेरिकी विदेशी सहायता की समीक्षा करने के बाद उठाया गया है. यह फैसला राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा विदेशी सहायता को अस्थायी रूप से रोकने के आदेश के बाद लिया गया है. इससे पहले जनवरी 2021 में भी USAID को सभी चल रहे प्रोजेक्ट्स को बंद करने का निर्देश गया था.
इस बदलाव के तहत ट्रंप के करीबी सहयोगी एलन मस्क ने USAID को एक ‘आपराधिक संगठन’ कहा था, जिससे एजेंसी के फ्यूचर के बारे में चिंताएं और बढ़ गईं थीं. ट्रंप ने खुद एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान USAID को ‘कट्टरपंथी वामपंथी पागलों का एक समूह’ कहा था. अब इसकी फंडिंग रोक दी गई है.