Thursday, May 22, 2025
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पहलगाम हमले पर पीएम मोदी का सख्त संदेश: “कब, कैसे और कहाँ जवाब देना है, ये हमारी सेना तय करेगी”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह आतंकी हमले को लेकर एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकना भारत की अटल राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे।

आतंक के विरुद्ध निर्णायक रुख

इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सशस्त्र सेनाएं पूरी तरह सक्षम हैं और उन्हें यह स्वतंत्रता दी गई है कि वे कब, कैसे और कहां जवाब दें — इसका निर्णय वे स्वयं करें। प्रधानमंत्री ने सेनाओं की कार्यकुशलता और उनके निर्णयों पर पूर्ण विश्वास जताया। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने दोहराया, “हम आतंकवाद को कुचलने के लिए संकल्पबद्ध हैं।”

शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ रणनीतिक समीक्षा

बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान शामिल हुए। इस महत्वपूर्ण विचार-विमर्श में हमले के बाद की रणनीतियों और संभावित कार्रवाई पर विस्तृत चर्चा की गई।

“ऐसी सजा देंगे जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी”

प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही इस आतंकी हमले को अंजाम देने वालों और उनके सरपरस्तों—विशेष रूप से पाकिस्तान—को सख्त चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि भारत उन्हें ऐसी सज़ा देगा जिसकी वे कल्पना भी नहीं कर सकते। यह बयान उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति को दर्शाता है।

पिछली कार्रवाइयों की पृष्ठभूमि

2016 में उरी हमले और 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत पहले ही पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे साहसिक कदम उठा चुका है। अब एक बार फिर ऐसा संकेत मिला है कि भारत किसी भी स्तर की आक्रामक कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।

पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम

हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई तीखे कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करने का निर्णय प्रमुख है। यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव की तीव्रता को दर्शाता है और यह भी कि भारत अब प्रतीक्षारत नीति नहीं अपनाएगा।

गृहमंत्रालय में भी रणनीतिक हलचल

इसी दिन केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने भी एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें तीनों अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। यद्यपि इस बैठक का एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन स्पष्ट है कि इसमें आगे की रणनीति और खुफिया समन्वय पर चर्चा हुई।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी का यह रुख आतंकियों के लिए स्पष्ट संदेश है—भारत अब सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं रहेगा। अब निर्णय का अधिकार सेना के पास है और जवाब वैसा ही होगा जैसा राष्ट्र की गरिमा के अनुकूल हो। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भारत का प्रतिकार उनकी कल्पना से परे होगा।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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