मॉरीशस की आधिकारिक यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया। इस सम्मान को स्वीकार करते हुए उन्होंने इसे मॉरीशस में बसे भारतीय पूर्वजों और उनकी आने वाली पीढ़ियों को समर्पित किया। मोदी ने भारत-मॉरीशस साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई और अटल बिहारी वाजपेयी पब्लिक सर्विस एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।
मोदी ने मॉरीशस के पूर्वजों को समर्पित किया सम्मान
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को मॉरीशस के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्होंने पोर्ट लुइस में आयोजित राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान प्राप्त किया। पीएम मोदी ने इसे 1.4 अरब भारतीयों का सम्मान बताते हुए कहा:
“मॉरीशस के भाईयों और बहनों, मैं आपको हृदय से धन्यवाद देता हूँ कि आपने मुझे अपने देश के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। यह सम्मान मेरा नहीं, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों का है। मैं इसे पूरी विनम्रता और कृतज्ञता के साथ स्वीकार करता हूँ और इसे आपके उन पूर्वजों को समर्पित करता हूँ, जो सदियों पहले भारत से यहां आए थे और अपनी कड़ी मेहनत से मॉरीशस को एक जीवंत, समृद्ध और बहु-सांस्कृतिक देश बनाया।”
भारत-मॉरीशस के बीच 8 महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर
भारत और मॉरीशस ने व्यापार, समुद्री सुरक्षा और आर्थिक सहयोग जैसे प्रमुख क्षेत्रों में आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों का मुख्य उद्देश्य:
- राष्ट्रीय मुद्राओं के माध्यम से सीमा-पार लेनदेन को आसान बनाना।
- समुद्री डेटा साझा करना और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना।
- धनशोधन और आर्थिक अपराधों के खिलाफ सहयोग बढ़ाना।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना।
पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत मॉरीशस के अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
‘सागर’ से आगे ‘महासागर’ तक: पीएम मोदी का नया दृष्टिकोण
पीएम मोदी ने भारत की समुद्री सुरक्षा और वैश्विक दक्षिण (Global South) की स्थिरता पर जोर देते हुए कहा:
“हमने ‘सागर’ (Security and Growth for All in the Region) की दृष्टि को आगे बढ़ाया है। अब हम इसे ‘महासागर’ (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) के रूप में विस्तारित करना चाहते हैं।”
मॉरीशस के नेताओं से मुलाकात और रणनीतिक साझेदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ से मुलाकात की और उनके साथ द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने विपक्ष के नेता लेसजोंगार्ड से भी मुलाकात की और भारत-मॉरीशस संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर बातचीत की।
राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारतीय नौसेना की भागीदारी
मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारतीय नौसेना की टुकड़ी ने परेड में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च करते हुए भारतीय सैनिकों को सलामी दी। भारतीय नौसेना का पोत INS इम्फाल भी इस समारोह का हिस्सा बना और मॉरीशस कोस्ट गार्ड के साथ संयुक्त सुरक्षा अभ्यास किया।
INS इम्फाल के कप्तान कमल कुमार चौधरी ने कहा: “मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व करना हमारे लिए अत्यंत गर्व की बात है। यह भारत और मॉरीशस के लंबे सहयोग की परंपरा को दर्शाता है।”
भारत-मॉरीशस संबंधों में ऐतिहासिक महत्व
यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस के मुख्य अतिथि बने हैं। इससे पहले, वह 2015 में भी इस समारोह में शामिल हो चुके हैं। यह सम्मान भारत और मॉरीशस के विशेष संबंधों को दर्शाता है, जो साझा इतिहास, संस्कृति और प्रवासी भारतीय समुदाय पर आधारित हैं।
हाल के वर्षों में, प्रधानमंत्री मोदी को कई महत्वपूर्ण वैश्विक आयोजनों में आमंत्रित किया गया है, जैसे:
- 2023 में फ्रांस के बास्तील दिवस परेड में मुख्य अतिथि।
- 2022 में नेपाल के बुद्ध जयंती समारोह में भागीदारी।
- 2021 में बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में आमंत्रण।
- 2017 में श्रीलंका के अंतर्राष्ट्रीय वेसाक दिवस में भागीदारी।
अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक सर्विस एंड इनोवेशन का उद्घाटन
पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री नविनचंद्र रामगुलाम ने संयुक्त रूप से अटल बिहारी वाजपेयी पब्लिक सर्विस एंड इनोवेशन इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा:
“यह संस्थान शिक्षा, अनुसंधान और सार्वजनिक सेवा का एक प्रमुख केंद्र बनेगा, जो नवाचार और नेतृत्व को प्रोत्साहित करेगा। यह भारत और मॉरीशस की साझेदारी को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।”
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही। इस दौरान भारत और मॉरीशस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया, जिससे दोनों देशों के आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे। भारत-मॉरीशस की यह रणनीतिक साझेदारी वैश्विक मंच पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।