इस्लामाबाद, 13 मार्च: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक भयावह आतंकी हमला हुआ, जहां सशस्त्र उग्रवादियों ने 400 से अधिक यात्रियों से भरी ट्रेन को निशाना बनाया और कई लोगों को बंधक बना लिया। सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह हमला मंगलवार को हुआ, जब बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर घातक हमला कर दिया।
हमले की पूरी कहानी
BLA ने ट्रेन पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं और दावा किया कि उन्होंने ट्रैक को विस्फोट से उड़ा दिया था, जिससे ट्रेन सुदूर सिबी जिले में रुक गई। उग्रवादियों ने ट्रेन को अपने कब्जे में लेने का दावा किया और पाकिस्तानी सरकार को धमकी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे बंधकों को मार देंगे।
104 यात्रियों की बचाव, 16 आतंकियों का खात्मा
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बचाव अभियान के दौरान अब तक 16 उग्रवादियों को मार गिराया गया है और 104 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। इनमे से 17 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आतंकियों की धमकी: 48 घंटे में मांगें पूरी करो, वरना…
स्थानीय रिपोर्टों के मुताबिक, उग्रवादियों ने चेतावनी दी कि अगर 48 घंटे के भीतर बलूच राजनीतिक कैदियों को रिहा नहीं किया गया, तो वे सभी बंधकों को मार देंगे।
बचाव अभियान जारी, सेना ने घेरा बनाया
बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि ट्रेन पर भीषण गोलीबारी की खबरें हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ट्रेन एक सुरंग के करीब अटकी हुई है, जहां चारों ओर पहाड़ हैं।
बीबीसी को दिए बयान में एक उच्च सैन्य अधिकारी ने कहा कि ट्रेन में 100 से अधिक पाकिस्तानी सेना के जवान भी सवार थे।
BLA: पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द
BLA को पाकिस्तान, अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। यह संगठन बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए वर्षों से संघर्ष कर रहा है और पुलिस थानों, रेलवे लाइनों और हाईवे पर हमले करता रहा है।
“हमने कैसे बचकर निकला, शब्द नहीं हैं” – बचाए गए यात्री की कहानी
हमले में बंधक बनाए गए यात्री मुहम्मद बिलाल ने एएफपी को बताया, “हम कैसे भागे, यह शब्दों में नहीं बताया जा सकता। यह एक भयावह अनुभव था।”
वहीं, एक अन्य यात्री अल्लाहदिता, जिन्हें हृदय रोग के कारण रिहा किया गया, ने बताया कि हमलावरों के ट्रेन पर चढ़ते ही यात्री सीटों के नीचे छिपने लगे।
80 यात्री खुद बचकर पहुंचे स्टेशन
क्वेटा के रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 80 यात्रियों का एक समूह – जिनमें 11 बच्चे, 26 महिलाएं और 43 पुरुष शामिल थे – किसी तरह ट्रेन से उतरकर पैदल चलते हुए नजदीकी रेलवे स्टेशन पनिर तक पहुंचे।
परिवारों की बेचैनी बढ़ी, कोई संपर्क नहीं
कई यात्री अभी भी ट्रेन में फंसे हुए हैं। एक व्यक्ति, जिसका बहनोई अभी भी बंधक है, ने बताया कि उसने घटनास्थल तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन सड़कें बंद थीं।
इसी बीच, क्वेटा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के परिजन बेचैनी से अपनों की खबर पाने की कोशिश कर रहे हैं।
मुहम्मद अशरफ, जो मंगलवार को लाहौर के लिए रवाना हुए थे, के बेटे ने बीबीसी को बताया कि वह अपने पिता से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं।
इसी तरह, इमरान खान, जो अपनी बहन और उसके छोटे बच्चे को लेकर चिंतित हैं, ने रॉयटर्स से कहा, “कोई हमें नहीं बता रहा कि क्या हो रहा है या वे सुरक्षित हैं या नहीं।”
संपर्क कट चुका, इंटरनेट बंद
पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, हमले वाले इलाके में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाएं नहीं हैं, जिससे संचार मुश्किल हो गया है।
बलूचिस्तान: संसाधनों से भरपूर, लेकिन विकास से दूर
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है और प्राकृतिक संसाधनों में समृद्ध है, लेकिन यह देश का सबसे कम विकसित क्षेत्र भी है। दशकों से यहां अलगाववादी हिंसा चल रही है, जो समय-समय पर उग्र रूप लेती रहती है।