प्रकाशित तिथि: 29 अप्रैल 2025
लेखक: संपादकीय टीम | श्रेणी: आतंकवाद, भारत-पाक संबंध
भारत को संयमित प्रतिक्रिया देनी चाहिए: अमेरिका का स्पष्ट संदेश
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम आतंकी हमले के बाद भारत से संयमित कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया ऐसी होनी चाहिए जो क्षेत्रीय संघर्ष को जन्म न दे। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि वह हमलावर आतंकियों को पकड़ने में भारत के साथ सहयोग करे।
फॉक्स न्यूज के ‘स्पेशल रिपोर्ट विथ ब्रेट बेयर’ कार्यक्रम में वांस ने कहा,
“हम चाहते हैं कि भारत इस हमले का जवाब ऐसे दे जिससे दक्षिण एशिया में हालात और न बिगड़ें। पाकिस्तान को भी चाहिए कि वह अपनी धरती पर पल रहे आतंकियों को भारत के हवाले करने में सहयोग करे।“
वांस की यात्रा के दौरान हुआ हमला
उप-राष्ट्रपति वांस और उनका परिवार उसी दौरान भारत यात्रा पर था जब 22 अप्रैल को यह हमला हुआ। यह हमला पुलवामा (2019) के बाद से अब तक का सबसे घातक आतंकी हमला है जिसमें 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक की जान गई। हमलावरों ने सुनियोजित तरीके से हिन्दू यात्रियों को निशाना बनाया।
अमेरिका और अन्य देशों की प्रतिक्रियाएं
हमले के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ से बात की। उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि वह जांच में सहयोग करे और भारत-पाक के बीच तनाव को और न बढ़ने दे।
गृह मंत्री अमित शाह का सख्त संदेश
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बयान में आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा:
“यदि कोई यह सोचता है कि यह कायरतापूर्ण हमला उनकी जीत है, तो याद रखे — यह नरेंद्र मोदी का भारत है, बदला जरूर लिया जाएगा, एक-एक से।“
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारत हर आतंकी और उनके संरक्षकों को दुनिया के किसी भी कोने में खोजकर दंडित करेगा।
भारत की कूटनीतिक कार्रवाई
भारत सरकार ने पहल्गाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए:
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सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित किया गया
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पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को निष्कासित किया गया
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भारतीय वायु क्षेत्र को पाकिस्तानी विमानों के लिए बंद किया गया
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अटारी-वाघा सीमा को पूरी तरह बंद किया गया
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दूतावासों की ताकत को आधा कर दिया गया
पाकिस्तान की जवाबी प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में शिमला समझौते को निलंबित कर दिया और भारत के खिलाफ राजनयिक कदम उठाए।
हालांकि, भारत ने मानवीय आधार पर पाकिस्तानी नागरिकों को वाघा बॉर्डर से लौटने की समय सीमा में ढील दी, लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।
🔍 निष्कर्ष: क्या दक्षिण एशिया फिर युद्ध की दहलीज़ पर है?
पहल्गाम हमला सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि भारत और पाकिस्तान के संबंधों में एक और टर्निंग पॉइंट है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद पर किसी भी सूरत में दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करेगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान सहयोग की राह चुनता है या फिर एक बार फिर टकराव की रणनीति अपनाता है।