Thursday, May 22, 2025
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ओसामा बिन लादेन, परमाणु हथियार और जिन्न: पाकिस्तानी सेना प्रवक्ता के पारिवारिक संबंध

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के हफ्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है, जिससे लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी को अपनी सामान्य उपस्थिति से अधिक मीडिया में आना पड़ रहा है।

नई दिल्ली:

आतंकवादी ओसामा बिन लादेन, परमाणु हथियार और जिन्न – इन तीनों के बीच एक समान कड़ी है – लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी, पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी की मीडिया में अधिक उपस्थिति को मजबूर किया है, जिससे उनके परिवार पर भी ध्यान केंद्रित हुआ है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और विवादास्पद संबंध:

लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी, सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद के पुत्र हैं, जो एक परमाणु इंजीनियर थे। पाकिस्तान राज्य द्वारा एक समय में सम्मानित महमूद को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठनों, विशेष रूप से अल-कायदा के साथ संपर्क के आरोप में प्रतिबंधित किया था।

पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (PAEC) में अपने दशकों लंबे कार्यकाल के दौरान, महमूद ने पाकिस्तान के परमाणु बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने यूरेनियम संवर्धन संयंत्रों के निर्माण और रिएक्टर डिज़ाइन में योगदान दिया। लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद उनके विचार और संबद्धताएँ पश्चिमी खुफिया एजेंसियों के लिए चिंता का कारण बनीं।

आतंकवाद के साथ संदिग्ध संपर्क:

2000 के दशक की शुरुआत में महमूद ने उम्मा तामीर-ए-नौ (UTN) की सह-स्थापना की, जिसने तालिबान नियंत्रित अफगानिस्तान में स्कूल और बुनियादी ढाँचा बनाने का दावा किया। हालांकि, अमेरिकी और पाकिस्तानी खुफिया ने बाद में पाया कि यह संगठन आतंकवादी नेटवर्क से जुड़ा हुआ था।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, महमूद और उनके सहयोगी चौधरी अब्दुल मजीद ने 2001 में ओसामा बिन लादेन और अयमान अल-जवाहिरी से मुलाकात की थी। यह बैठक 9/11 हमलों से कुछ सप्ताह पहले हुई थी, जिससे वाशिंगटन में चिंता बढ़ गई। ISI ने अंततः महमूद को यह कहते हुए रिहा कर दिया कि उनके पास परमाणु हथियार को स्वतंत्र रूप से बनाने की तकनीकी जानकारी नहीं है।

व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपलब्धियाँ:

महमूद, जो पाकिस्तान में जन्मे और यूनाइटेड किंगडम में शिक्षित थे, को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा सितारा-ए-इम्तियाज़ से सम्मानित किया गया। हालांकि, बाद में उन्होंने शरीफ की आलोचना की। महमूद के वैज्ञानिक लेखन में जिन्नों का भी उल्लेख है, जिन्हें उन्होंने पृथ्वी की ऊर्जा संकट का समाधान मानते हुए देखा।

लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी का सैन्य करियर:

उनके पुत्र लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने पाकिस्तानी सेना में अपने कैरियर का निर्माण किया। वह विद्युत और यांत्रिक अभियंत्रण कोर में अधिकारी के रूप में प्रशिक्षित हुए। डेस्टो (रक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी संगठन) में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। डेस्टो को अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा था, लेकिन 9/11 के बाद आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में सहयोग के चलते प्रतिबंधों में ढील दी गई।

धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण:

डगलस फ्रांट्ज और कैथरीन कॉलिन्स द्वारा लिखित पुस्तक ‘द मैन फ्रॉम पाकिस्तान’ के अनुसार, महमूद ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को इस्लामी समुदाय की साझा संपत्ति के रूप में देखा। वे चाहते थे कि इन हथियारों को अन्य इस्लामी देशों के साथ साझा किया जाए।

निष्कर्ष:

लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी और उनके परिवार की पृष्ठभूमि ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित किया है। उनके पिता के विवादास्पद इतिहास और परमाणु तकनीक के साथ संदिग्ध संबंधों ने भी चर्चा का केंद्र बना दिया है।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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