19 जुलाई 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक निजी डिनर के दौरान रिपब्लिकन सांसदों से कहा कि हाल ही में पाकिस्तान और भारत के बीच हुए संघर्ष में पांच जेट्स को गिराया गया। ट्रंप के इस बयान ने एक बार फिर ऑपरेशन सिंधूर की चर्चा को नया मोड़ दिया। हालांकि, ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह जेट्स किस देश के थे, लेकिन उनका बयान ऑपरेशन सिंधूर और दोनों देशों के बीच हुए संघर्ष पर ध्यान केंद्रित कर रहा था। यह दावा उस संघर्ष का हिस्सा है जिसमें पाकिस्तान और भारत के बीच हवाई कार्रवाई हुई थी।
स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंधूर:
ऑपरेशन सिंधूर भारत द्वारा 7 मई 2025 को शुरू किया गया था, जो कि जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद की प्रतिक्रिया थी। इस हमले में 22 अप्रैल 2025 को 26 लोग मारे गए थे, जिसमें कई पर्यटक भी शामिल थे। इसके बाद, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर में कई हवाई हमले किए। यह कार्रवाई चार दिनों तक जारी रही और भारत ने इसे “आतंकी बुनियादी ढांचे और सैन्य संपत्तियों” पर हमला बताया।
पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसके वायुसेना ने भारतीय जेट्स को गिराया, जिसमें तीन राफेल जेट्स भी शामिल थे। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि उसने भारतीय पायलटों को कैद कर लिया था। हालांकि, भारत ने इन दावों का खंडन किया और राफेल जेट्स को नुकसान पहुंचने का दावा किया। भारत का कहना है कि न तो राफेल जेट्स खोए और न ही कोई भारतीय पायलट पकड़ा गया।
ट्रंप का बयान और मीडिया रिपोर्ट्स:
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “वास्तव में, विमान हवा से गिराए जा रहे थे। पांच, पांच या चार, लेकिन मुझे लगता है कि पांच जेट्स वास्तव में गिराए गए थे।” हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ये जेट्स किस देश के थे। उनका यह बयान मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित था, जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हवाई संघर्ष को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। ट्रंप के बयान ने एक बार फिर ऑपरेशन सिंधूर और इससे जुड़े घटनाक्रमों को चर्चा में ला दिया।
भारत का दृष्टिकोण:
भारत ने ट्रंप के बयान को खारिज करते हुए कहा कि यह स्थिति केवल द्विपक्षीय रूप से हल की गई थी और इस मुद्दे में कोई बाहरी मध्यस्थ का हस्तक्षेप नहीं था। भारतीय अधिकारियों ने यह भी कहा कि अमेरिका ने इस मुद्दे पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला था। भारतीय सशस्त्र बलों ने खुद ही अपनी रणनीतियां बनाकर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय नागरिकों की सुरक्षा था।
जनरल अनिल चौहान, जो भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ हैं, ने कहा कि पाकिस्तान की कथित रूप से भारतीय जेट्स को गिराने का दावा गलत है और भारत का ध्यान हमेशा अपने सुरक्षा हितों पर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जेट्स के गिरने की संख्या की बजाय यह देखना जरूरी है कि यह कार्रवाई क्यों की गई और इसके परिणाम क्या थे।
पाकिस्तान का दावा:
पाकिस्तान ने हमेशा दावा किया है कि उसने भारतीय जेट्स को गिराया, और इसके साथ ही तीन राफेल जेट्स को भी नष्ट किया। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसके समर्थन में कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने यह भी कहा कि उसने भारतीय पायलटों को पकड़ लिया था, लेकिन भारत ने इसे पूरी तरह से नकारा किया और कहा कि भारतीय पायलट सुरक्षित वापस लौटे थे।
फ्रांसीसी राफेल निर्माता, डसॉल्ट एविएशन के अध्यक्ष और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने पाकिस्तान के दावों को गलत बताया और कहा कि पाकिस्तान के द्वारा दावा किया गया कि उसने तीन राफेल विमान गिराए थे, यह बिल्कुल गलत था। उन्होंने यह भी कहा कि जब पूरी जानकारी सामने आएगी, तो यह कई लोगों को चौंका सकता है।
सीजफायर और अमेरिकी मध्यस्थता:
ट्रंप ने यह भी कहा कि सीजफायर, जो 10 मई 2025 को घोषित किया गया था, अमेरिकी कूटनीतिक हस्तक्षेप का परिणाम था। हालांकि, भारत ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान ने अपने स्तर पर इस संकट को हल किया और अमेरिका का इसमें कोई बड़ा हस्तक्षेप नहीं था।
भारत का कहना है कि सीजफायर का निर्णय दोनों देशों के बीच के संवाद और द्विपक्षीय प्रयासों का परिणाम था, और अमेरिका ने कोई विशेष दबाव नहीं डाला।
आखिरकार, ऑपरेशन सिंधूर और इसके परिणाम:
भारत ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंधूर की शुरुआत की, और यह हमला पाकिस्तान और पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर के विभिन्न ठिकानों पर किया गया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के सशस्त्र बलों की कई एयरबेसों को निशाना बनाया और वहां लंबी दूरी की सटीक हमलों का संचालन किया।
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अपनी कार्रवाई में पूरी तरह से सटीकता बनाए रखी और हवाई हमलों में पाकिस्तान की एयर डिफेंस सिस्टम को पार करते हुए सटीक हमले किए।
निष्कर्ष:
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान ने कई सवाल खड़े किए हैं, लेकिन भारत ने अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि इस संकट का समाधान द्विपक्षीय बातचीत और कार्रवाई के माध्यम से किया गया था। ऑपरेशन सिंधूर, जो पाकिस्तान के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई थी, एक महत्वपूर्ण घटना थी, और इसके परिणामों को स्पष्ट करने के लिए किसी भी प्रकार की जल्दबाजी में निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए।