Tuesday, July 1, 2025
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शशि थरूर, रविशंकर प्रसाद समेत 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद के खिलाफ भारत का सशक्त संदेश लेकर करेंगे विश्व दौरा

आतंकवाद के खिलाफ भारत का कड़ा संदेश

सात नेताओं का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें विपक्ष और सत्तारूढ़ एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के नेता शामिल हैं, भारत का आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता का कड़ा संदेश लेकर विभिन्न देशों का दौरा करेगा।

शनिवार को संसद मामलों के मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की सतत लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे, जिनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य भी शामिल होंगे।”
ये प्रतिनिधिमंडल भारत की राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के खिलाफ अडिग दृष्टिकोण को विश्व पटल पर प्रस्तुत करेंगे। ये दल दुनिया भर में आतंकवाद के प्रति भारत का शून्य-सहिष्णुता का सशक्त संदेश पहुंचाएंगे।

प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन हैं शामिल?

प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न दलों के सांसद, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और विशिष्ट राजनयिक शामिल होंगे। सात में से चार नेता सत्तारूढ़ एनडीए से जबकि तीन नेता विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन से होंगे।

प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे ये नेता:

  • शशि थरूर (कांग्रेस)

  • रविशंकर प्रसाद (भाजपा)

  • संजय कुमार झा (जेडीयू)

  • बैजयंत पांडा (भाजपा)

  • कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके)

  • सुप्रिया सुले (एनसीपी)

  • श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना)

सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा कर सकता है। यह यात्रा 23 मई से शुरू होगी और लगभग 10 दिनों तक चलेगी। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, दक्षिण अफ्रीका और जापान जैसे प्रमुख विश्व राजधानियाँ शामिल हो सकती हैं।

सरकार का सख्त रुख

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “महत्वपूर्ण क्षणों में भारत एकजुट खड़ा होता है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे, आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता का साझा संदेश लेकर। राजनीति से परे, मतभेदों से ऊपर – यह राष्ट्रीय एकता का सशक्त प्रतिबिंब है।”
यह पहला मौका है जब केंद्र सरकार ने कई दलों के सांसदों को कश्मीर और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट करने के लिए तैनात किया है।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की, जो 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद की गई प्रतिक्रिया थी। भारत ने पाकिस्तान और पीओजेके में सटीक हमले कर 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया। इस चार दिवसीय संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने भारत के नागरिक और सैन्य ढांचों पर हमले किए, जिसके प्रतिउत्तर में भारत ने रावलपिंडी, लाहौर, सर्गोधा समेत कई महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बनाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघर्ष समाप्ति के बाद कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के खिलाफ नई परिभाषा स्थापित की है। भारत अब आतंकवादी हमलों का उत्तर अपनी शर्तों पर देगा, परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकियों और उन्हें पनाह देने वाली सरकारों में कोई भेद नहीं करेगा।

कूटनीतिक कदम और जल संधि पर पुनर्विचार

भारत ने स्पष्ट किया कि आतंक और बातचीत साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार में कोई तालमेल नहीं और खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। इसके तहत, सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया, जो 1960 में सिंधु नदी की सहायक नदियों के जल बंटवारे पर आधारित थी।
इस व्यापक कूटनीतिक अभियान के तहत विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से चर्चा की। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा करने पर अफगान मंत्री की सराहना की।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा पाकिस्तान को धन जारी करने के मुद्दे पर भी चिंता व्यक्त की।

निष्कर्ष

भारत का स्पष्ट संदेश है – आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने यह सुनिश्चित किया कि आतंकवादी गतिविधियों का उत्तर अपनी शर्तों पर दिया जाएगा। यह कदम न केवल घरेलू सुरक्षा को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की सशक्त उपस्थिति दर्ज कराता है।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
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