ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 संसद में पारित हो गया है अब इसके बाद हुए बेरोजगार लोगों की सरकार ने मदद करने का ऐलान किया है आइए जानते हैं इस बारे में और
ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 पारित हुआ लोकसभा में
ऑनलाइन गेमिंग बिल लोकसभा में पारित हो गया है। 21 अगस्त को इस बिल को सरकार ने पारित किया। इस बिल को पास करने का उद्देश्य ऑनलाइन मनी गेम्स और सट्टेबाजी पर पूरी तरह से रोक लगाना है।
ऑनलाइन गेम्स से हो रहा है वित्तीय सामाजिक नुकसान
सरकार के इस बिल को पारित करने की वजह ऑनलाइन गेम से हो रहे वित्तीय सामाजिक नुकसान है। लगभग 45 करोड़ लोग हर साल 20000 करोड़ रुपए गवा रहे हैं। कई लोग मौत के मुंह में भी जा चुके हैं ऐसे में सरकार को आखिरकार बिल को लाना ही पड़ा। इस बिल का नाम प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 है। शराब की तरह ही ऑनलाइन गेम्स एक लत होता है जिसके परिणाम हिंसा, शोषण और आत्महत्या होते हैं।ऑनलाइन गेम्स की लत सिर्फ पैसे का ही नुकसान नहीं करती है वह व्यक्ति अकेलेपन का भी शिकार होता जाता है।उसका पूरा परिवार सामाजिक असुरक्षा का शिकार हो जाता है। कर्जे में डूब कर कभी-कभी व्यक्ति आत्महत्या जैसा कदम उठाकर पूरे परिवार और समाज के लिए नुकसान का विषय बन जाता है। हर साल भारत में इन ऑनलाइन गेम्स के कारण 20000 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। इन गेम्स की लतों के कारण कई परिवार आर्थिक और सामाजिक रूप से बर्बाद हो चुके हैं।
कितनी तरह के ऑनलाइन गेम्स होते हैं
भारत में तीन तरह के गेम्स बाजार में उपलब्ध है। ऑनलाइन स्पोर्ट्स गेम्स, ऑनलाइन सोशल गेम्स और ऑनलाइन मनी गेम्स
ऑनलाइन स्पोर्ट्स गेम्स, ऑनलाइन सोशल गेम्स को सरकार कानूनी मान्यता दे सकती है। इन गेम्स का उद्देश्य लोगों को शिक्षित करना होता है इन गेम्स के लिए सरकार अब ऐसे प्लेटफार्म बनाएगी जहां उम्र के हिसाब से उचित सुरक्षित सामाजिक व शैक्षिक गेम्स की व्यवस्था की जाएगी। इन गेम्स का उद्देश्य मनोरंजन करने के साथ-साथ व्यक्ति के तकनीकी विकास में भी योगदान देना होगा। ऑनलाइन स्पोर्ट्स गेम्स को पहली बार मान्यता दी जा रही है। खेल मंत्रालय भारत इन गेम्स की गाइडलाइन तय करेगी। भारत सरकार इसके ट्रेनिंग, रिसर्च सेंटर और टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म भी विकसित करेगी।
ऑनलाइन मनी गेम्स को किया जा रहा है प्रतिबंधित
ऐसे ऑनलाइन गेम्स जिनमें पैसों का लेनदेन होता है उन्हें प्रतिबंधित किया जा रहा है। भले ही मनी गेम्स स्किल या अवसर पर आधारित क्यों न हो उन पर रोक लगाई जा रही है। इन गेम्स का विज्ञापन और प्रमोशन करने वाली कंपनियों पर भी कार्यवाही की जाएगी। ऑनलाइन मनी गेम्स से जुड़ी वित्तीय गतिविधियों, बैंकिंग लेनदेन पर भी सरकार की पूरी निगाह होगी। ऑनलाइन जुआ, सट्टा ,ऑनलाइन फेंटेसी, स्पोर्ट्स पोकर, मनी रमी और अन्य गैंबलिंग गेम्स, ऑनलाइन लॉटरी पर भी प्रतिबंध लगाने का सरकार का फैसला है।
सरकार के इस फैसले से 2 लाख लोग होंगे बेरोजगार
ऑनलाइन मनी गेमिंग पर सरकार के रोक की फैसले से गेमिंग इंडस्ट्री से जुड़े करीब 2 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं ऐसे में गवर्नमेंट का कहना है हम उन लोगों की मदद करने की हर संभव प्रयास करेंगे जिनकी नौकरियां ऑनलाइन मनी गेम के बैन के कारण जा सकती हैें ।
सरकार का कहना इस समय हमारा उद्देश्य लोगों का हित साधना है ना की उद्योगों का
भारत के आईटी मिनिस्टर ने कहा जब भी बात युवाओं या परिवारों की होती है तो हमें उद्योगों का ध्यान न रखकर परिवार का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। हमें इस समय इंडस्ट्री की जगह लोगों के हितों को ध्यान में रखकर फैसला लेना है।
मनी गेमिंग कंपनियों ने बंद करनी शुरू की अपनी सेवाएं
भारत सरकार के इस फैसले के बाद भारत की टॉप गेमिंग कंपनियों ने अपने कॉन्टैक्ट और गेम्स को बंद करने का प्रक्रिया को शुरू किया है जिनमें भी पैसा इंवॉल्व है। इन कंप्यूटर मनी गेम्स में dream11 की पैरेंट कंपनी ड्रीम स्पोर्ट्स, गेम्स क्राफ्ट, मोबाइल प्रीमियर लीग और एप जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल है। रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री का रेवेन्यू 2024 में 2.4 अरब डॉलर था। भारत में गेमिंग इंडस्ट्री इस समय 3.8 अरब डॉलर की है उसमें भी सबसे अधिक हिस्सेदारी रियल मनी गेमिंग की है।