पूर्वोत्तर भारत इन दिनों भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। असम, सिक्किम और मणिपुर में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियां उफान पर हैं, ज़मीन धंस रही है और घर तबाह हो चुके हैं। लाखों लोग प्रभावित हैं। ऐसे विकट समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से बातचीत की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
असम में तबाही का आलम: 11 मौतें, 5.15 लाख से अधिक लोग प्रभावित
असम में बारिश और भूस्खलन ने मिलकर अब तक 11 लोगों की जान ले ली है। राज्य के 22 ज़िलों के 254 गाँव बाढ़ की चपेट में हैं, जहाँ 5.15 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। श्रृभूमि ज़िला सबसे अधिक पीड़ित है, जहाँ अकेले 1.94 लाख लोग बाढ़ से त्रस्त हैं।
अन्य प्रमुख प्रभावित जिले हैं:
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कछार: 77,961 लोग
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नगाँव: 67,880
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लखीमपुर: 47,127
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हैलाकांदी: 30,234
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डिब्रूगढ़: 20,179
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तिनसुकिया: 19,289
322 राहत शिविरों में लगभग 1.85 लाख लोग शरण लिए हुए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, हाल के 24 घंटों में होजाई ज़िले में एक व्यक्ति की डूबने से मौत हुई, जबकि हैलाकांदी और डिब्रूगढ़ से दो लोग लापता हैं।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने अभी हाल ही में फोन कर बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली। मैंने उन्हें बताया कि किस प्रकार असम व आसपास के राज्यों में लगातार बारिश से स्थिति बिगड़ी है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उनके मार्गदर्शन और समर्थन के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूँ।”
A short while ago, Hon’ble Prime Minister Shri @narendramodi ji called me to enquire about the current flood situation in Assam.
I briefed him on how continuous rainfall in Assam and adjoining states has led to flooding and impacted many lives. I also apprised him of the relief…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 3, 2025
सिक्किम: बारिश ने मचाई तबाही, सैनिकों की मौत, कई लापता
मंगन ज़िले के लाचेन क्षेत्र में रविवार रात 7 बजे ज़ोरदार भूस्खलन हुआ, जिसमें सेना का कैंप चपेट में आ गया। इस हादसे में 3 जवान शहीद हो गए, जबकि 6 अन्य लापता हैं। मृतकों में हवलदार लखविंदर सिंह, लांस नायक मुनिश ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखड़ा शामिल हैं।
रक्षा प्रवक्ता के अनुसार,
“लगातार बारिश के कारण राहत कार्य बेहद कठिन हो गया है, पर बचाव टीमें चौबीसों घंटे प्रयासरत हैं।”
सिक्किम में 57 राहत शिविर लगाए गए हैं। सबसे अधिक प्रभावित इलाका इंफाल ईस्ट है, जहाँ लगातार 93 भूस्खलन दर्ज किए गए हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री प्रीतम सिंह तमांग ने पोस्ट किया:
“आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, सिक्किम की जनता की ओर से मैं आपके सहयोग और चिंता के लिए आभार व्यक्त करता हूँ। राज्य प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने और पीड़ितों तक सहायता पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
उत्तर सिक्किम के लाचुंग और चुंगथांग में फंसे 1,678 पर्यटकों को डीजीपी अक्षय सचदेवा की निगरानी में सुरक्षित निकाला गया है, हालांकि लाचेन में अभी भी 100 से अधिक लोग फंसे हुए हैं।
मणिपुर: नदियों का प्रकोप, हज़ारों घर बर्बाद
मणिपुर में उफनती नदियों और टूटी तटबंधों ने कहर बरपा रखा है। 56,516 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में हैं। 10,477 घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं।
इंफाल ईस्ट ज़िले में एक व्यक्ति नदी में बह गया, जबकि 2,913 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। खुरई, हेंगांग और चेकॉन इलाकों में तटबंध टूटने से राजधानी इंफाल और आसपास के इलाके जलमग्न हो गए हैं।
केंद्र सरकार की तत्परता और सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों राज्यों के प्रमुखों से बातचीत के दौरान यह स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएगी। पुनर्वास, राहत, एवं पुनर्निर्माण के लिए केंद्र और राज्य प्रशासन मिलकर कार्य करेंगे।
यह समय है जब एकजुटता, साहस और मानवता की मिसाल पेश करने की जरूरत है। जहां एक ओर प्राकृतिक आपदाएं हमारे धैर्य की परीक्षा ले रही हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन और आमजन का सहयोग ही पुनर्निर्माण की नींव बन सकता है।