नोएडा: शादी का माहौल खुशियों से भरा होता है, लेकिन कभी-कभी गैर-जिम्मेदाराना हरकतें इस खुशी को मातम में बदल देती हैं। ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा उत्तर प्रदेश के नोएडा में हुआ, जहाँ एक शादी समारोह के दौरान हर्ष फायरिंग में ढाई साल के मासूम की जान चली गई। यह घटना रविवार रात लगभग 10 बजे आगाहपुर गाँव में घटी, जब बारात खुशी-खुशी घर पहुँची थी।
शादी समारोह में चली गोली, मासूम की गई जान
पुलिस के मुताबिक, शादी के दौरान गाँव के ही एक व्यक्ति, जिसका नाम हैप्पी बताया जा रहा है, ने उत्साह में आकर हवाई फायरिंग शुरू कर दी। इसी बीच विकास शर्मा अपने परिवार के साथ घर की बालकनी से बारात का नज़ारा देख रहे थे। तभी अचानक एक गोली हवा में चलकर उनके मासूम बेटे को जा लगी।
घटना होते ही परिवार में कोहराम मच गया। बच्चे को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस दुखद घटना के बाद पूरा गाँव शोक में डूब गया, वहीं शादी की खुशियाँ मातम में बदल गईं।
पुलिस की कार्रवाई: आरोपी की तलाश जारी
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची और मामले की जाँच शुरू कर दी। पुलिस उपायुक्त (DCP) राम बदन सिंह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है, और उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष पुलिस टीमें गठित कर दी गई हैं।
पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हर्ष फायरिंग: एक गैर-कानूनी कृत्य जो ले सकता है मासूम जान
भारत में शादियों और खुशी के अन्य मौकों पर हर्ष फायरिंग (Celebratory Firing) की घटनाएँ आम हो चुकी हैं। यह गैर-कानूनी तो है ही, लेकिन यह कई बार निर्दोष लोगों की जान भी ले लेती है।
उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में हर्ष फायरिंग पर प्रतिबंध लगा हुआ है और इसके लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाती है। बावजूद इसके, कई लोग लापरवाही और दिखावे के चलते इस घातक प्रथा को जारी रखते हैं।
इस घटना से सीख: कानून का पालन करें, लापरवाही से बचें
इस दर्दनाक घटना से हमें यह सीख लेनी चाहिए कि कोई भी खुशी किसी की जान से बढ़कर नहीं हो सकती। शादी और अन्य समारोहों में फायरिंग करना न केवल गैर-कानूनी है, बल्कि यह अन्य लोगों की जान को भी खतरे में डाल सकता है।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों में सख्त कानून लागू करें और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों। साथ ही, आम नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और ऐसे कृत्यों का समर्थन नहीं करना चाहिए।
निष्कर्ष
नोएडा में हुई यह घटना हमें हर्ष फायरिंग से होने वाले खतरों के प्रति आगाह करती है। एक निर्दोष बच्चे की जान चली गई, और एक परिवार हमेशा के लिए दर्द में डूब गया। समाज के रूप में हमें इस प्रकार की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों को रोकने के लिए एकजुट होना होगा।
सरकार, प्रशासन और जनता—सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों। कानूनों को सख्ती से लागू किया जाए, जागरूकता फैलाई जाए, और हर खुशी के मौके को सुरक्षित बनाया जाए।