Monday, March 31, 2025
Homeअंतरराष्ट्रीय समाचारसुनीता विलियम्स को सहानुभूति की आवश्यकता क्यों नहीं? - नील डिग्रास टायसन...

सुनीता विलियम्स को सहानुभूति की आवश्यकता क्यों नहीं? – नील डिग्रास टायसन का विशेष साक्षात्कार

सुनीता विलियम्स और उनके सह-खगोलयात्री बुच विलमोर हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौटे। वे स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के माध्यम से मंगलवार देर रात या बुधवार सुबह पृथ्वी पर पहुंचे। लेकिन क्या उनके लिए सहानुभूति आवश्यक है? प्रसिद्ध खगोल भौतिकीविद् नील डिग्रास टायसन का कहना है कि ऐसा नहीं है। आइए जानते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा।

अंतरिक्ष से लौटने के बाद सुनीता विलियम्स को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा?

नई दिल्ली में एनडीटीवी से बातचीत के दौरान, नील डिग्रास टायसन ने बताया कि सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को अब पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने में थोड़ा समय लगेगा। उन्हें प्लास्टिक कप में पेय पदार्थ दिए जाने चाहिए, क्योंकि उनके हाथ अभी भी भारहीनता की स्थिति के आदी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नौ महीने की लंबी अंतरिक्ष यात्रा के बाद, उनका शरीर धीरे-धीरे पृथ्वी की स्थितियों में समायोजित होगा।

क्या सुनीता विलियम्स और उनके साथी खतरे में थे?

नील डिग्रास टायसन का कहना है कि उन्हें सुनीता विलियम्स या बुच विलमोर की सुरक्षा को लेकर कभी चिंता नहीं थी। उन्होंने कहा, “वे पेशेवर अंतरिक्ष यात्री हैं। न केवल उनकी शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दिया जाता है, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें मजबूत होना जरूरी होता है।” उन्होंने आगे कहा कि जब कोई भावनात्मक रूप से मजबूत होता है, तो लंबी अवधि तक अंतरिक्ष में रहना कोई बड़ी बात नहीं होती।

अंतरिक्ष में रहने के बाद शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

अंतरिक्ष में लंबी अवधि तक रहने से शरीर पर कई प्रभाव पड़ते हैं। वहां कोई “ऊपर” या “नीचे” जैसी स्थिति नहीं होती, जिससे शरीर को संतुलन बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है। हालांकि, ISS में कई तरह के व्यायाम उपकरण होते हैं, जिनसे अंतरिक्ष यात्री अपनी मांसपेशियों को सक्रिय बनाए रखते हैं। टायसन के अनुसार, शरीर को पूरी तरह सामान्य स्थिति में आने में लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ने की संभावना?

नील डिग्रास टायसन ने इस धारणा को भी खारिज किया कि अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से किसी भी अंतरिक्ष यात्री के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उनका कहना है कि NASA अपने अंतरिक्ष यात्रियों का चयन इस प्रकार करता है कि वे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत हों। उनके पास पर्याप्त मात्रा में भोजन और पानी होता है, भले ही वह पुनर्नवीनीकरण मूत्र ही क्यों न हो, जो कि ISS में सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।

ISS से पृथ्वी पर लौटने में देरी क्यों हुई?

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर 5 जून को ISS पहुंचे थे। उन्हें वहां केवल आठ दिनों तक रहना था, लेकिन बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में प्रणोदन (प्रोपल्शन) संबंधी समस्याओं के कारण उन्हें पूरे नौ महीने तक रुकना पड़ा। इस दौरान अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव भी हो चुके थे। अंततः, एक सुरक्षित योजना के तहत, उन्हें वापस लाने के लिए स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान का उपयोग किया गया।

अंतरिक्ष यात्रा के बाद पुनर्वास प्रक्रिया

पृथ्वी पर लौटने के बाद, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को एक विस्तृत पुनर्वास प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसमें उनकी मांसपेशियों और हड्डियों को फिर से मजबूत बनाने के लिए विशेष व्यायाम और फिजिकल थेरेपी शामिल होगी। वजनहीनता की स्थिति में रहने के कारण उनकी मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और उन्हें फिर से सामान्य स्थिति में आने में महीनों लग सकते हैं।

भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए क्या सबक?

नील डिग्रास टायसन ने यह भी सुझाव दिया कि यदि भविष्य में अंतरिक्ष यात्राएं अधिक सामान्य होती हैं, तो हर स्पेस एजेंसी को “आपातकालीन स्थिति” के लिए एक अतिरिक्त रॉकेट तैयार रखना चाहिए। उन्होंने कहा, “यदि मैं NASA में होता, तो मैं हर समय एक बैकअप रॉकेट तैयार रखता।” यह सुझाव दर्शाता है कि अंतरिक्ष अन्वेषण अब केवल प्रयोग नहीं बल्कि मानव सभ्यता के विस्तार का एक नियमित हिस्सा बनता जा रहा है।

निष्कर्ष

सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की यह यात्रा कठिनाइयों से भरी रही, लेकिन यह आधुनिक अंतरिक्ष अभियानों की मजबूती को भी दर्शाती है। उन्होंने मानसिक और शारीरिक दृढ़ता से इस चुनौती का सामना किया और अब वे धीरे-धीरे पृथ्वी की स्थितियों में खुद को ढालने के लिए तैयार हैं। यह घटना अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और भविष्य में और अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित अभियानों के लिए सीख देने का कार्य करेगी।

ABHISHEK KUMAR ABHAY
ABHISHEK KUMAR ABHAY
I’m Abhishek Kumar Abhay, a dedicated writer specializing in entertainment, national news, and global issues, with a keen focus on international relations and economic trends. Through my in-depth articles, I provide readers with sharp insights and current developments, delivering clarity and perspective on today’s most pressing topics.
RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments