नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बेहद चौंकाने वाली और गंभीर कार्रवाई को अंजाम देते हुए दिल्ली से केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के एक जवान को गिरफ्तार किया है। यह जवान कथित रूप से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी कर रहा था और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अत्यंत गोपनीय जानकारियाँ विदेशी एजेंसियों को भेज रहा था।
कौन है यह जवान?
गिरफ्तार जवान का नाम मोतीराम जाट है। एनआईए की रिपोर्ट के अनुसार, वह वर्ष 2023 से पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों के संपर्क में था। वह लगातार भारत की सुरक्षा, आंतरिक तंत्र और संचालन से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ पाकिस्तान के इंटेलिजेंस ऑफिसर्स (PIOs) को भेज रहा था। जांच एजेंसी ने यह भी खुलासा किया कि मोतीराम को इन सूचनाओं के बदले आर्थिक लाभ भी मिल रहे थे, जो कि विभिन्न माध्यमों से उसे भेजे जा रहे थे।
दिल्ली से हुई गिरफ्तारी, 6 जून तक हिरासत
एनआईए ने दिल्ली से मोतीराम को गिरफ्तार किया और पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे 6 जून तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया है। एजेंसी उसके संपर्कों, धन के स्रोत और नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही है। अधिकारियों का मानना है कि यह किसी बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है जो भारत की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर करने की साजिश रच रहा था।
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा भी आई गिरफ्त में
एनआईए की इस कार्रवाई में एक और नाम सामने आया है जो और भी चौंकाता है — ज्योति मल्होत्रा। ज्योति एक प्रसिद्ध यूट्यूबर हैं, जिनके यूट्यूब चैनल पर 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स और इंस्टाग्राम पर 1.33 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्योति पाकिस्तान के एक खुफिया अधिकारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में थी।
एहसान को हाल ही में भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया गया। जांच एजेंसियों को शक है कि ज्योति के जरिए पाकिस्तान भारत में प्रोपेगैंडा फैलाने और संवेदनशील जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहा था।
पंजाब, हरियाणा और यूपी से अब तक 12 गिरफ्तारियां
एनआईए की ताबड़तोड़ कार्रवाई सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रही। मई महीने के भीतर ही पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से 12 लोगों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इन सभी को पाकिस्तान समर्थित जासूसी नेटवर्क से जुड़े होने के संदेह में पकड़ा गया है।
इन गिरफ्तारियों में एक नाम और सामने आया है — गुज़ाला, जो पंजाब की रहने वाली हैं और वह भी पाकिस्तानी अधिकारी दानिश के संपर्क में थीं। सूत्रों की मानें तो देश के कई यूट्यूब चैनल्स अब एनआईए की रडार पर हैं।
देश की सुरक्षा एजेंसियाँ अलर्ट पर
पाहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह घटनाक्रम और भी गंभीर हो जाता है। देश की सुरक्षा एजेंसियाँ अब हर संदिग्ध गतिविधि पर पैनी नजर रख रही हैं, खासतौर पर सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों पर।
एनआईए के अनुसार, यह एक संगठित जासूसी नेटवर्क हो सकता है जो युवाओं को लालच देकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल कर रहा है। आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं क्योंकि एजेंसी जाँच को विस्तार दे रही है।
निष्कर्ष
पाकिस्तान समर्थित जासूसी गतिविधियों की यह श्रृंखला भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। सीआरपीएफ जैसे महत्वपूर्ण सुरक्षाबल का एक जवान इस साजिश में शामिल होना अत्यंत गंभीर मामला है। वहीं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का इस नेटवर्क से जुड़ना यह दर्शाता है कि दुश्मन देश भारत में डिजिटल माध्यमों के जरिए भी असर डालने की कोशिश कर रहा है।
भारत की सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और समय रहते की गई कार्रवाई ने देश को एक बड़ी साजिश से बचा लिया है। ऐसे में आम नागरिकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे सोशल मीडिया पर सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना संबंधित विभागों को दें।