पूर्व अध्यक्ष माइकल जाॅनसन ने दोबारा अध्यक्ष पद का चुनाव जीत लिया है। उनके विरोध में रिपब्लिकन पार्टी के कट्टर दक्षिण पंथी चुनाव में खड़े थे। माइकल जाॅनसन को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपना समर्थन दै दिया है। जिसके साथ ही 2025 की शुरुआत में होने वाले गतिरोध की भी समाप्ति हो गई है।
रिपब्लिकन माइकल जैक्सन दोबारा बने अमेरिकी हाउस के अध्यक्ष
सदन के पहले दिन प्रतिरोध के बावजूद माइकल जॉनसन दोबारा अमेरिकी हाउस के अध्यक्ष बन गए हैं। माइकल जॉनसन ने 218 वोटो के साथ पहला स्थान हासिल किया है और फिर से स्पीकर की कुर्सी पर विराजमान हो गये है। मतदान लगभग 2 घंटे चला था जिसमें माइकल जॉनसन विजय नहीं हो पाए थे लेकिन उन्होंने अपने आलोचकों कीथ सेल्फ जो का नाॅमन अपने विचारों से कन्वेंस कर लिया जिसके कारण उन दोनों ने माइकल जॉनसन के पक्ष में अपना वोट दे दिया।
माइक जॉनसन से दक्षिणी कट्टर पंथी थे क्यों नाराज
माय जॉनसन ने कानून पारित करने के लिए डेमोक्रेट्स के साथ मिलकर काम किया था जिसके कारण रिपब्लिकन पार्टी के लोगों से नाराज हो गए थे और उनके नेतृत्व पर सवाल उठने लगे थे जोंग ने 2013 से 2025 तक काम किया था वह लुसियाना के सांसद थे उनके ऊपर लूसियाना पर हुए खर्चों को लेकर काफी सवाल उठाए गए थे और उन्हें खर्चे में थोड़ा सहूलियत देने के लिए कहा गया था उनके समर्थन में तीन रिपब्लिकन नहीं थे जिनमें से बाद में दो को उन्होंने मना लिया था सभी 213 डेमोक्रेसी ने अपने नेता हकीम जैकरीफ का समर्थन किया था। माइक जॉनसन को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सपोर्ट किया था जिसके कारण उनके लिए यह जीत संभव हो पाई।
माइक जॉनसन ने अपने आलोचकों को कैसे मनाया
माइक जॉनसन ने अपनी आलोचकों से कहा कि वह अमेरिका की वित्तीय स्थिति को सुधारने का प्रयास करेंगे और अमेरिका की राजकीय व्यवस्था को सुधारने का प्रयास करेंगे। जॉनसन ने अपने कट्टर पंथी वियों को रात भर बातचीत के द्वारा मनाया था।
क्या होता अगर माइक जॉनसन दोबारा ना जीत पाए तो
अगर माइक जॉनसन दोबारा नहीं जीत पाए तो डोनाल्ड ट्रंप भी मुश्किलों में आ सकते थे क्योंकि ऐसी स्थिति में जब अमेरिका में स्पीकर ही ना होता तो हमें तो फिर अमेरिका के राजनीतिक स्थिति में उथल-पुथल हो सकती थी। जिसके कारण डोनाल्ड ट्रंप अंप की सरकार भी मुश्किलों में आ सकती थी ।