🌐 प्रस्तावना: जब हनीमून बन गया त्रासदी का कारण
इंदौर के नवविवाहित जोड़े राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम का हनीमून यात्रा मेघालय में दुखद रहस्य में तब्दील हो गया। 23 मई को अंतिम बार देखे गए इस जोड़े की कहानी ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया, और अब मेघालय सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है।
🗣️ मंत्री एलेक्ज़ेंडर लालू हेग का बयान: माफ़ी या मानहानि केस
मेघालय के मंत्री एलेक्ज़ेंडर लालू हेग ने मीडिया को संबोधित करते हुए सोनम और राजा रघुवंशी के परिवारों से सार्वजनिक माफ़ी की मांग की है। उन्होंने कहा:
“मेघालय पुलिस ने हत्या की जांच में सराहनीय प्रगति की है। अब हम परिवारों से अपेक्षा करते हैं कि वे सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगे, अन्यथा हम मानहानि का मुकदमा दर्ज करेंगे।”
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि घटना चूंकि मेघालय में हुई है, इसलिए अभियुक्तों को शिलॉंग लाकर आगे की जांच की जाएगी।
🕵️♂️ सीबीआई जांच की मांग और परिवार की प्रतिक्रिया
राजा रघुवंशी के परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की थी। परिवार का आरोप है कि राज्य स्तर पर निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।
💀 हत्या का खुलासा: कहां मिला राजा का शव और कैसे मिली सोनम?
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23 मई: राजा और सोनम आखिरी बार देखे गए
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2 जून: राजा रघुवंशी का शव चेरापूंजी के पास सोहररिम खाई में पाया गया
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बाद में: सोनम उत्तर प्रदेश के वाराणसी-गाज़ीपुर मार्ग पर एक ढाबे के पास जीवित मिलीं
सोनम को यूपी पुलिस ने अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद ‘सखी वन स्टॉप सेंटर’ में स्थानांतरित किया—यह केंद्र महिलाओं की सुरक्षा हेतु समर्पित है।
👮♀️ जांच और गिरफ़्तारियां: SIT की सक्रियता
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चार आरोपी गिरफ़्तार:
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आकाश राजपूत
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विशाल सिंह चौहान
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राज सिंह कुशवाहा
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आनंद (ट्रांजिट रिमांड पर)
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SIT प्रमुख हर्बर्ट प्यनियाड खारकोंगोर ने बताया:
राजा के सिर पर दो घातक चोटें थीं। -
सोनम ने किया आत्मसमर्पण, अब उन्हें भी शिलॉंग लाया जाएगा विस्तृत पूछताछ के लिए।
🗨️ डिप्टी सीएम का बयान: चार गिरफ्तारी और गहराती जांच
मेघालय के उपमुख्यमंत्री प्रेस्टन टिनसॉन्ग ने जानकारी दी कि चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और सोनम ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। सभी आरोपियों को शिलॉंग लाकर पूछताछ की जाएगी।
📌 निष्कर्ष: घटना ने उठाए कई सवाल
इस हत्याकांड ने न सिर्फ एक नवविवाहित जोड़े की ज़िंदगी को तहस-नहस किया, बल्कि राज्य की छवि पर भी प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। सरकार की सख़्ती और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से मामले में तेज़ी आई है, लेकिन पीड़ित परिवारों के लिए यह सफर अभी लंबा है।