मणिपुर, जो अपने सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बीते कई महीनों से जातीय हिंसा की चपेट में है। मई 2023 में भड़की हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोग अपने घर-बार छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। इस संवेदनशील स्थिति के बीच, राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
बीरेन सिंह ने क्यों दिया इस्तीफा?
बीते कई महीनों से राज्य में हिंसा और अस्थिरता बनी हुई थी। सरकार की ओर से कई कोशिशों के बावजूद स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ सकी। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने आखिरकार राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने अपने पत्र में कहा,
“मणिपुर की जनता की सेवा करना मेरे लिए गर्व की बात रही है। मैं उन सभी लोगों का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी निभाने का अवसर दिया।”
राजभवन में इस्तीफा सौंपते समय उनके साथ भाजपा की राज्य अध्यक्ष ए. शारदा, पूर्वोत्तर मणिपुर के भाजपा प्रभारी संबित पात्रा और कम से कम 19 विधायक भी मौजूद थे।
इस्तीफे के पीछे केंद्र सरकार की भूमिका
बीरेन सिंह ने अपने त्यागपत्र में केंद्र सरकार का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा,
“मैं केंद्र सरकार का धन्यवाद करता हूं कि उसने समय रहते उचित कदम उठाए। उनकी नीतियों, योजनाओं और विकास कार्यों ने मणिपुर के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद की।”
हालांकि, स्थानीय जनता और राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र सरकार के प्रयास हिंसा को रोकने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाए।
इस्तीफे के दिन हथियार लूटने की वारदात
मुख्यमंत्री के इस्तीफे के दिन ही राज्य में हिंसा का एक और गंभीर मामला सामने आया। मणिपुर के थौबल जिले में अज्ञात हथियारबंद लोगों ने इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) की चौकी से हथियार लूट लिए।
सूत्रों के अनुसार, कई गाड़ियों में सवार होकर आए हमलावरों ने ककमयाई क्षेत्र में स्थित चौकी पर हमला कर दिया और सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए कम से कम छह SLR (सेल्फ-लोडिंग राइफल) और तीन AK राइफलें लूट लीं।
यह घटना दर्शाती है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी नाजुक बनी हुई है।
बीरेन सिंह ने हिंसा पर जताया खेद – जनता से मांगी माफी
31 दिसंबर 2024 को बीरेन सिंह ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर दुख और खेद व्यक्त किया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा,
“पूरा वर्ष 2024 राज्य के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण रहा। मैं मणिपुर की जनता से क्षमा चाहता हूं कि बीते कई महीनों में जो कुछ भी हुआ, वह बेहद कष्टदायक है।“
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कई परिवार उजड़ गए, लोगों ने अपनों को खो दिया और हजारों लोग बेघर हो गए।
उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्ष 2025 तक मणिपुर में शांति बहाल हो जाएगी। उन्होंने कहा,
“पिछले तीन-चार महीनों में शांति की ओर कुछ सकारात्मक संकेत देखने को मिले हैं। मुझे विश्वास है कि 2025 तक राज्य में स्थिति सामान्य हो जाएगी।“
मणिपुर की वर्तमान स्थिति और आगे की राह
बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि राज्य में शांति कब और कैसे बहाल होगी?
- राजनीतिक अस्थिरता – मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद मणिपुर में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है।
- सुरक्षा का मुद्दा – हिंसा के बढ़ते मामलों और हथियारों की लूट को देखते हुए सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
- नए नेतृत्व की तलाश – भाजपा को अब एक नए मुख्यमंत्री का चुनाव करना होगा, जो राज्य में शांति बहाल करने में सक्षम हो।
- केंद्र सरकार की भूमिका – केंद्र को अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात करने, शांति वार्ता कराने और पुनर्वास योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की जरूरत होगी।
निष्कर्ष – क्या मणिपुर में शांति लौटेगी?
मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का इस्तीफा राज्य की अस्थिर स्थिति को दर्शाता है। हालांकि, उन्होंने शांति बहाल करने की पूरी कोशिश की, लेकिन हिंसा और अव्यवस्था पर पूरी तरह नियंत्रण नहीं पा सके।
अब मणिपुर की जनता और राजनीतिक नेतृत्व के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य को दोबारा शांति की राह पर लाने की है।
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