महाकुंभ 2025, एक विशाल धार्मिक आयोजन, प्रयागराज में लाखों श्रद्धालुओं के एकत्र होने का अवसर था। इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक आयोजन में संगम नोज पर मची भगदड़ ने सबका ध्यान आकर्षित किया। 5 फरवरी को मौनी अमावस्या के दिन संगम नोज पर गंगा स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई, जिससे एक भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई। इस लेख में हम आपको महाकुंभ 2025 के दौरान संगम नोज पर हुई भगदड़ के कारण और इस घटना से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी देंगे।
संगम नोज पर भगदड़ का कारण
महाकुंभ 2025 के दौरान संगम नोज पर स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु इकट्ठा हुए थे। मौनी अमावस्या के महूर्त में स्नान करने के लिए जैसे-जैसे श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी, स्थिति बिगड़ती चली गई। संगम नोज पर एकमात्र प्रवेश और निकासी बिंदु होने के कारण वहां भगदड़ मच गई। यह अव्यवस्था तब और बढ़ी जब अधिक संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए एक दूसरे को धक्का दे रहे थे।
प्रवीण मिश्रा और उनकी मां शकुंतला मिश्रा ने इस घटनाक्रम को बेहद नजदीक से देखा। उन्होंने बताया कि शुरुआत में स्थिति सामान्य थी, लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ा, वहां भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई। श्रद्धालुओं को एक दूसरे से टकराने और रास्ता न मिलने के कारण घबराहट बढ़ गई और भगदड़ मच गई।
भगदड़ में घायल और मृतकों की संख्या
महाकुंभ के इस हादसे में कई श्रद्धालु घायल हुए, और कुछ श्रद्धालुओं की जान भी चली गई। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह संख्या दर्जन भर से ज्यादा हो सकती है। घायल श्रद्धालुओं को अस्पतालों में भर्ती किया गया और प्रशासन ने त्वरित राहत कार्य शुरू किया।
संगम नोज: महाकुंभ का पवित्र स्थल
संगम नोज, गंगा, यमुन और सरस्वती के संगम स्थल के पास स्थित सबसे पवित्र स्थान है, जहां लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान करने के लिए आते हैं। इस स्थान की महत्वता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र का विस्तार किया है। संगम नोज को त्रिकोणीय स्नान क्षेत्र के रूप में तैयार किया गया है, जिससे 2 लाख श्रद्धालु प्रति घंटे यहां स्नान कर सकते हैं।
महाकुंभ 2019 की तुलना में इस क्षेत्र में स्नान करने की क्षमता को कई गुना बढ़ाया गया है। शासकीय प्रयासों से नदी के कटाव को रोकने के लिए 26 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र को पुनः प्राप्त किया गया और अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान की गईं, ताकि श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव हो सके।
भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री की अपील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम नोज पर बढ़ते दबाव को देखते हुए श्रद्धालुओं से अपील की कि वे अन्य घाटों पर स्नान करें और संगम नोज तक न जाएं। उन्होंने कहा कि संगम नोज पर अत्यधिक भीड़ होने से दुर्घटनाएं हो सकती हैं। साथ ही उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि वे श्रद्धालुओं को अन्य घाटों पर स्नान करने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करें।
सुरक्षा और प्रशासन की भूमिका
महाकुंभ 2025 के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूती से लागू किया गया था। 60,000 से ज्यादा सुरक्षा कर्मियों को शहर में तैनात किया गया था, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, सुरक्षा उपायों के तहत सीसीटीवी कैमरे और अन्य निगरानी उपकरणों का भी इस्तेमाल किया गया। मुख्यमंत्री ने प्रशासन से आग्रह किया कि वे और भी कठोर कदम उठाकर भगदड़ जैसी घटनाओं से बचने के लिए योजनाएं बनाएं।
महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सुझाव
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें: यदि आप महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं, तो संगम नोज जैसे अत्यधिक भीड़ वाले स्थानों से बचने का प्रयास करें। अन्य घाटों पर स्नान करने के लिए व्यवस्थाएं मौजूद हैं।
- प्रशासन के निर्देशों का पालन करें: प्रशासन द्वारा दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करें, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।
- घबराहट से बचें: अगर आप भीड़ में फंसे हुए हैं, तो घबराएं नहीं और धैर्य रखें। सही दिशा में चलकर सुरक्षित स्थान तक पहुंचने की कोशिश करें।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 का आयोजन एक ऐतिहासिक घटना था, जिसमें लाखों श्रद्धालु भगवान गंगा में डुबकी लगाने पहुंचे थे। हालांकि, संगम नोज पर बढ़ती भीड़ और अव्यवस्था के कारण भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। इस हादसे ने प्रशासन और श्रद्धालुओं के लिए एक सख्त चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए और अधिक सतर्कता बरती जाए।
महाकुंभ 2025 में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे प्रशासन द्वारा जारी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने का प्रयास करें, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।