कोलकाता में 24 वर्षीय कानून की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के आरोपी मनोजीत मिश्रा का अतीत बेहद विवादित और आपराधिक रहा है। पुलिस के अनुसार, 31 वर्षीय मनोजीत मिश्रा ने पहले भी कई आपराधिक मामलों में अपनी संलिप्तता दिखाई है, जिनमें यौन उत्पीड़न, हमले, वंदलिज़्म और चोरी के मामले शामिल हैं।
घटना का विवरण
मनोजीत मिश्रा, जो आलिपोर कोर्ट में एक प्रैक्टिसिंग क्रिमिनल वकील हैं, 25 जून को कोलकाता के एक कानून कॉलेज में छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे। पुलिस ने बताया कि यह हमला कॉलेज के सुरक्षा गार्डरूम में हुआ था, जिसमें मिश्रा के साथ दो अन्य छात्र जैब अहमद और प्रमीत मुखोपाध्याय भी शामिल थे।
मनोजीत मिश्रा का आपराधिक इतिहास
मनोजीत मिश्रा पहले भी कई बार अपराधों में शामिल हो चुके हैं। 2019 में, उन पर कॉलेज परिसर में एक महिला के कपड़े फाड़ने का आरोप लगा था। इसके अलावा, 2022 में भी उन पर कासबा इलाके में एक महिला का उत्पीड़न करने का आरोप था। 2024 में, कॉलेज प्रशासन ने उनके खिलाफ सुरक्षा गार्ड पर हमला करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की शिकायत दर्ज कराई थी।
पिता ने किया था बहिष्कार
मनोजीत मिश्रा का परिवार एक मध्यवर्गीय परिवार है, और उनके पिता रॉबिन मिश्रा, जो एक मंदिर के पुजारी हैं, ने लंबे समय से उनसे संपर्क नहीं किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके पिता ने उन्हें उनके राजनीतिक गतिविधियों और अक्सर होने वाली लड़ाईयों के कारण वर्षों पहले बहिष्कृत कर दिया था।
टीएमसी के छात्र विंग से जुड़ा था मिश्रा
मनोजीत मिश्रा ने खुद को तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) का पूर्व यूनिट हेड बताया था। हालांकि, इस विवाद के बाद टीएमसी ने मिश्रा से अपना संबंध तोड़ लिया है। टीएमसीपी के राज्य अध्यक्ष त्रिनांकुर भट्टाचार्य ने कहा कि मिश्रा का संगठन में केवल एक छोटा पद था, और 2022 में उनका नाम नए कमिटी में शामिल नहीं किया गया था।
निष्कर्ष
कोलकाता सामूहिक बलात्कार के आरोपी मनोजीत मिश्रा का आपराधिक अतीत इस घटना को और भी भयावह बना देता है। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के बाद जांच की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। यह घटना एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर हमें और कितनी जागरूकता और कदम उठाने की आवश्यकता है।