ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की तबीयत बीते काफी समय से खराब चल रही है। ईरान की इस्लामी क्रांति में खामेनेई एक विशेष भूमिका रही है। एशिया में वह सबसे अधिक समय तक सर्वोच्च पद पर रहने वाले नेता बने हैं। ईरान का सर्वोच्च नेता एक केवल एक धार्मिक पद नहीं है यह शक्तिशाली पद है। ईरान में होने वाली हर प्रक्रिया में चाहे वह आर्थिक हो, देश की सुरक्षा की हो या राजनीतिक हो ईरान के सर्वोच्च नेता का निर्णय ही सर्वोपरि होता है।
हाल ही में खामेनेई के कोमा में होने की अफवाह भी आई थी जिसका खंडन ईरान के राजदूत द्वारा कर दिया गया था। खामेनेई की अस्पताल के बेड पर होने की तस्वीर मीडिया में आई थी जिसे एक पुरानी तस्वीर कहकर बाद में खारिज कर दियागया। बताया जा रहा है कि खामेनेई ने अपनी बीमारी के मद्देनजर अपने जीवन काल में ही नए उत्तराधिकारी का चयन कर लिया है। यह चुनाव एक गुपचुप तरीके से किया गया है। सितंबर में खामेनेई के द्वारा ईरान के साठ सदस्यों की आपातकालीन मीटिंग बुलाकर इस चुनाव को किया गया है। यह एक गुप्त प्रक्रिया थी जिसमें समिति के सदस्यों के विरोध के बावजूद भी उन्हें अपना नेता चुनना पड़ा था। इस मीटिंग को अभी भी गुप्त रखा गया है और इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है।
कौन होने वाला है ईरान का सर्वोच्च नेता
बताया जा रहा है कि खामेनेई के दूसरे बेटे मोजतबा खामेनेई को इस पद के लिए चुना गया है। इस चुनाव प्रक्रिया का कई सदस्यों ने विरोध भी किया था लेकिन जोर जबरदस्ती और धमकियों के द्वारा उन्हें मोजतबा खामनेई को चुनना पड़ा।
ईरान के सर्वोच्च नेता का चुनाव वोटिंग प्रक्रिया के द्वारा होता है। असेंबली के एक्सपर्ट के द्वारा ही चुनाव किया जाता है। असेंबली के एक्सपर्ट 86 मुस्लिम धार्मिक संप्रदाय के गुरुओं का समूह होता हैं। इन मौलवियों का चुनाव जनता द्वारा किया जाता है
। इन मौलवियों के बीच में से ही किसी एक का चयन असेंबली के एक्सपर्ट करते हैं। यह प्रक्रिया देखने सुनने में कितनी आसान लगती है उतनी होती नहीं है कूटनीतिक नीतियों का प्रयोग कर इस चयन को अपने पक्ष में किया जाता है।
ईरान एक इस्लामिक राष्ट्र है जिसमें राष्ट्रपति भी है और सासद भी इन सबके होते हुए भी ईरान का सर्वोच्च नेता ही देश के सारे मुख्य निर्णय लेता है। हर 8 साल में इस चुनाव प्रक्रिया को दोहराया जाता है। ईरान के सर्वोच्च नेता बनने के लिए उस व्यक्ति को दो तिहाई बहुमत हासिल करना आवश्यक होता है। खामेनेई पिछले 35 सालों से ईरान के सर्वोच्च नेता चुने जा रहे हैं। अपने पिता की तरह मोजतबा भी एक मुस्लिम धार्मिक गुरु है। वो खामेनेई के दूसरे बेटे हैं। मोजतबा के पास अभी हाल के ईरान इजरायल युद्ध का काफी तजुर्बा है। खामनेई के अस्वस्थ रहने के कारण सभी मुख्य बिंदुओं पर मोजतबा खामेनेई ने ही मोर्चा संभाला है। 2009 में हुए चुनाव में प्रदर्शनकारियों के विरोध को रोकने में उनकी मुख्य भूमिका रही है।मोजतबा के उत्तराधिकारी बनने का कई संस्थाओं ने विरोध किया।
ईरान के के सर्वोच्च नेता के प्रमुख दावेदार
इब्राहिम रायसी भी है जो ईरान के राष्ट्रपति हैं और न्यायपालिका के मुखिया रह चुके हैं। यह कट्टरपंथी है।
रिवोल्यूशनरी गार्डस से भी उनके के काफी करीबी संबंध है।
ईरान के के सर्वोच्च नेता के प्रमुख दावेदार अली लारीजानी भी हैं। ये एक उदारवादी नेता हैं ।ईरान के युवा इन्हें काफी पसंद करते हैं इनकी ईरान के सर्वोच्च नेता बनने की काफी अधिक संभावनाएं जताई जा रही थी।
ईरान की यंग जनरेशन में ईरान की कट्टरवादी नीतियों का विरोध किया जा रहा है ऐसे में अली लारीजानी को समर्थन मिलने की अधिक उम्मीदें हैं।
निष्कर्ष
खामेनेई भले ही अपने खराब स्वास्थ्य के चलते अपने बेटे मोजतबा को एक गुपचुप मीटिंग के द्वारा ईरान का उत्तराधिकारी मान चुके हो लेकिन अभी सर्वसम्मति से इसका फैसला नहीं किया गया है। आगे देखना है कि ईरान की जनता मोजतबा को आसानी से अपना नेता चुनती है या उन्हें विरोधों का सामना करना पड़ेगा।
बताया जा रहा है ईरान की जनता द्वारा इस गुपचुप मीटिंग का विरोध किया जा रहा है।
इसीलिए इस प्रस्ताव को अभी गुपचुप रखा गया है।