कर्नाटक सरकार के 2025-26 के बजट पर राजनीतिक संग्राम छिड़ गया है। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर अल्पसंख्यकों को तुष्ट करने का आरोप लगाया, जिसमें वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा, उर्दू स्कूलों के विकास और श्रेणी-II B के तहत 4 प्रतिशत सार्वजनिक ठेके मुस्लिम समुदाय को आरक्षित करने के लिए 1,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई।
भाजपा ने बजट को बताया ‘हलाल बजट’
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा प्रस्तुत इस बजट में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। इसके अंतर्गत वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए 150 करोड़ रुपये, उर्दू स्कूलों के लिए 100 करोड़ रुपये तथा इमामों को 6,000 रुपये मासिक मानदेय दिए जाने की घोषणा की गई। इसके अतिरिक्त, लोक निर्माण विभाग में 4 प्रतिशत ठेके मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षित किए गए हैं।
‘तुष्टिकरण की राजनीति’ पर भाजपा का हमला
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए इसे तुष्टिकरण की चरम सीमा बताया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की 9 दिसंबर 2006 की टिप्पणी का हवाला दिया, जिसमें सिंह ने कहा था कि ‘संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय का है।’
मालवीय ने सिद्धारमैया सरकार पर अनुचित आरक्षण नीति अपनाने का आरोप लगाया और इसे संविधान विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं दिया जा सकता और भारत कांग्रेस के इस राजनीतिक षड्यंत्र को सफल नहीं होने देगा।
भाजपा का कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप
भाजपा कर्नाटक ने बजट को ‘हलाल बजट’ करार देते हुए कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। पार्टी ने बजट के उन प्रावधानों को उजागर किया जो विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लिए रखे गए हैं:
✅ मुस्लिम सादगीपूर्ण विवाह के लिए 50,000 रुपये की सहायता
✅ वक्फ संपत्तियों और कब्रिस्तानों के विकास के लिए 150 करोड़ रुपये
✅ मुस्लिम सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 50 लाख रुपये
✅ मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में नए आईटीआई कॉलेज की स्थापना
इसके अलावा, भाजपा ने यह भी उजागर किया कि KEA के तहत मुस्लिम छात्रों को 50 प्रतिशत फीस में छूट, उल्लाल में मुस्लिम लड़कियों के लिए एक आवासीय पीयू कॉलेज, बेंगलुरु हज भवन का विस्तार, तथा मुस्लिम छात्राओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण जैसी योजनाएं भी इस बजट में शामिल हैं।
भाजपा ने सवाल उठाया, “एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के लिए क्या दिया गया? कुछ भी नहीं!”
भाजपा सांसद पी.सी. मोहन का तंज
भाजपा सांसद पी.सी. मोहन ने भी कांग्रेस पर हिंदू समुदाय की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने बजट में मुस्लिम समुदाय के लिए किए गए प्रावधानों की सूची साझा की और हिंदू समाज की स्थिति को दर्शाने के लिए एक खाली नारियल के खोल की तस्वीर पोस्ट की, यह दर्शाते हुए कि हिंदुओं के लिए कुछ भी नहीं बचा।
कांग्रेस ने दिया जवाब
इस बीच, कर्नाटक सरकार में मंत्री ज़मीर अहमद खान ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस बजट में किसी भी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, “कुल 4.9 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है। इसमें अल्पसंख्यकों के लिए केवल 4,700 करोड़ रुपये दिए गए हैं। मुस्लिम समुदाय की आबादी 14 प्रतिशत है। इस हिसाब से उन्हें 60,000 करोड़ रुपये मिलने चाहिए थे, लेकिन केवल 4,700 करोड़ रुपये ही दिए गए हैं। भाजपा को तथ्यों की समझ होनी चाहिए। अल्पसंख्यकों की शिक्षा के लिए भी काफी कुछ किया गया है।”
क्या तुष्टिकरण की राजनीति सही है?
कर्नाटक सरकार के इस बजट ने राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है। भाजपा इसे संविधान विरोधी और पक्षपातपूर्ण बता रही है, तो वहीं कांग्रेस इसे संतुलित बजट करार दे रही है। इस पर जनता की क्या राय है? क्या यह वाकई एकपक्षीय नीति का संकेत है, या फिर यह समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास के लिए उठाया गया कदम है? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं! 🚀👇