नई दिल्ली:
भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कराची के निकट स्थित मलिर कैंट पर सटीक हमले किए। भारतीय वायुसेना के संचालन महानिदेशक एयर मार्शल एके भारती ने रविवार शाम विशेष ब्रीफिंग में इस बात का खुलासा किया।
एयर मार्शल भारती ने बताया कि पाकिस्तान की आक्रामकता का जवाब देने के लिए वायुसेना ने कराची में मलिर छावनी में स्थित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल साइट को निशाना बनाया। यह छावनी कराची शहर से लगभग 35 किमी की दूरी पर स्थित है।
वायुसेना ने लाहौर में एक रडार साइट (संभावित रूप से चीनी निर्मित HQ-9, जिसे इज़राइली HARPY ड्रोन ने नष्ट किया) और एक अन्य गुंजरावाला के पास स्थित रडार साइट पर भी हमले किए।
ऑपरेशन सिंदूर में नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका
कराची के निकट वायुसेना के हमलों की पुष्टि के बाद, रविवार को नौसेना की भूमिका का भी खुलासा हुआ। यह ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा था, जो पहलगाम आतंकी हमले का जवाब था। इस हमले में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा का हाथ माना गया।
उप एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि नौसेना के विमान वाहक युद्ध समूह, पनडुब्बियां और विमानन इकाइयाँ कराची बंदरगाह के बाहर तैनात थीं। नौसेना ने अपनी पूरी क्षमता के साथ समुद्री और जमीनी लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए तैयार स्थिति बनाए रखी।
ऑपरेशन सिंदूर: सटीक और तीव्र हमला
ऑपरेशन सिंदूर के तहत 7 मई को सुबह 1:05 बजे 25 मिनट के अंदर पाकिस्तान और पीओके के नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार, इस हमले में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और आतंकवादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
इस हमले के जवाब में पाकिस्तान ने सैन्य प्रतिउत्तर किया, जिसमें जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और पंजाब में ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए। इन हमलों से चंडीगढ़, जैसलमेर और पठानकोट जैसे शहरों में हवाई हमले की चेतावनी और ब्लैकआउट की स्थिति उत्पन्न हुई।
दोनों देशों के बीच संघर्ष
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया। भारत ने एक अमेरिकी F-16 और एक चीनी JF-17 को मार गिराया, जबकि पाकिस्तान ने गलत दावा किया कि उसने भारतीय राफेल को मार गिराया।
अगले तीन रातों तक दोनों देशों की वायु रक्षा प्रणालियाँ एक-दूसरे के मिसाइल हमलों का सामना करती रहीं। भारत ने रफीकी, मुरिद, चकला और रहीम यार खान में पाकिस्तानी वायुसेना के अड्डों पर कड़े हमले किए।
संघर्षविराम और अमेरिकी हस्तक्षेप
लगभग 100 घंटों तक चले संघर्ष के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच संघर्षविराम हुआ। हालांकि, संघर्षविराम के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान ने शर्तों का उल्लंघन किया।
भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि यदि संघर्षविराम का उल्लंघन होता है तो और अधिक कठोर सैन्य प्रतिक्रिया दी जाएगी। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमाओं पर तैनात सैन्य ठिकानों को उल्लंघन की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की अनुमति दी है।